शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती



गाजीपुर 25 नवंबर (dil india live)। स्वतंत्रता सेनानी साहित्यकार पत्रकार सर्वोदय श्री कृष्ण राय हृदेयश की जयंती गौतम आश्रम हृदेयशपथ पर मनाई गई। इस अवसर पर विचार गोष्ठी एवं का गोष्ठी आयोजित की गई विषय परिवर्तन करते हुए डॉक्टर रिचा राय ने कहा हृदेयश जी संस्कृत निष्ठ कवि थे संस्कृत प्रेम और मानवतावाद इनके जीवन और दर्शन में देखा जा सकता था गाजीपुर में नागरी प्रचारिणी सभा स्थापित करके जेल में पुरुषोत्तम दास टंडन को दिए वचन का पालन करते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार में अविस्मरणीय योगदान दिया इनकी पहली रचना 1935 ईस्वी में प्रकाशित हुई और अंतिम 1990 में लगभग दो दर्जन कृतियों आज भी प्रकाशन नाधीन है गाजीपुर का इतिहास भी है हिंदी भाषा के शुद्धिकरण के लिए हृदेयश जी का वैसा ही प्रयास था जैसा काशी के महावीर प्रसाद द्विवेदी का /हृदेयश जी बहुभाषी थे इन हिंदी संस्कृत बांग्ला अंग्रेजी फारसी उर्दू पर समान अधिकार था मुख्य वक्ता राम अवतार ने कहा स्वतंत्रता के संस्कार इन्हें अपने दादा संगम राय से विरासत में मिला था विद्यार्थी जीवन में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण इन्हें स्कूल से निकालने का ऑर्डर हुआ था । इनकी कुशलता को पर रखते हुए प्रिंसिपल एल राय ने जुर्माना भरकर इन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित किया शिक्षक होने के कारण पुलिस की निगाह से बस्ती रहे विदेशी पत्रकारों के लिए निर्भीकता निष्पक्षता और ईमानदारी 3 गुण आवश्यक मानते थे। पत्रकारों के लिए सवाल लंबी होना आवश्यक मानते थे । नेशनल हेराल्ड आज सहित दर्जनों पत्रों के स्थानीय संवाददाता रहे उनकी दृष्टि में कोई मनुष्य बड़ा है ना होता सत्य सत्य महा प्रकाश शंख पुष्प और नवदीप चारों महाकाव्य सहित गाजीपुर का इतिहास भोजपुरी भाषा की पहली सतसई, जैसी बहुमूल्य की कृतियों की सृजना करके हिंदी साहित्य का संवर्धन किया है उनका प्रचार -प्रसार होना चाहिए उन पर स्वतंत्र पुस्तक आनी चाहिए। शोध होना चाहिए इसके बाद काव्य -पाठ आयोजन किया गया। वरिष्ठ कवि कामेश्वर द्विवेदी माई रचना सुनकर भावुक किया , अपनी अगली रचना "मुसलमान है न हिंदू है वक्त इंसान है के द्वारा इंसानियत का पाठ पढ़ाया /शायर अख्तर कलीम ने "नफरत को अब वतन से मिटाने की बात कर पहले का वफा की राह पर तू हो जा फिर आई ना किसी को दिखाने की बात कर, '' हास्य व्यंग शायर हंटर गाजीपुरी ने भाईचारे का संदेश देते हुए कहा लड़ाई झगड़े से क्या मिलेगा जो हो सके तो प्यार बांटो ''कार्यक्रम में समकालीन कवि सुरेश वर्मा पूर्व सभासद संजय वर्मा, श्रीमती गिरिजा राय, हिमांशु राय आदि उपस्थित रहे।

गुरुवार, 25 नवंबर 2021

सामाजिक एकता का खात्मा डेमोक्रेसी को चैलेंज: प्रो. मलिक

राष्ट्रीय एकता कमजोर होने से लोकतंत्र होता है कमजोर 


 



वाराणसी 25 नवंबर (dil india live)।आज वाराणसी के नव साधना प्रेक्षागृह, तरना में राइज एंड एक्ट के तहत एक दिवसीय " वक्ताओं ने राष्ट्रीय एकता,शांति और न्याय की स्थापना को लेशांतिकर अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं का मत था कि राष्ट्रीय एकता के कमजोर होने से लोकतंत्र कमजोर होता है। जरूरत हमें सामाजिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करते हुए देश की एकता अखंडता को अक्षुण रखने का प्रयास करना चाहिए।

कार्यक्रम के मुख्यअतिथि बीएचयू के प्रो. दीपक मलिक ने कहा कि आज सामाजिक एकता का लोप हो रहा है। एकता के पाठ पढ़ाये नहीं जाते। यह डेमोक्रेसी को चैलेंज है। दलितों, महिलाओं की दशा नहीं बदली। वह आज भी बदतर हालात में जी रहे हैं। कोविड के चलते बहुत सारी प्रक्रियाएं धीमी हो गयी। भले ही बहुत सारी कोशिशें की गई। 

उन्होने कहा कि आज  इतिहास, संस्कृति बदलने वाली ताकतें सक्रिय है। हमें इन  पर चिंतन करने और अपनी सोंच में बदलाव व सकारात्मक पहल की जरूरत है।चित्रा सहस्त्रबुद्धे ने सामाजिक सौहार्द पर चर्चा में कहा कि सामान्य जीवन जी रहे स्त्री व पुरुष का जीवन सामाजिक होता है। सामाजिक सौहार्द सामाजिक जीवन की शक्ति व ज्ञान है। गंगा का उद्धरण देते हुए कहा कि जिस तरह गंगा धाराओं को एक कर आगे बढ़ती है वही प्यार, नवीनता और सृजन है। सामाजिक कार्यकर्ता लेनिन रघुवंशी ने सामाजिक बुराइयों पर कुठाराघात करते हुए कहा कि जातिवाद, वंशवाद, धर्म को लेकर होने वाली नफरत की लड़ाई बिकने वाली लड़ाई है ,इसे हमें समझना होगा ।अमीर गरीब की खाई को पाटना होगा। वंचित व दलित तबके को सामाजिक न्याय दिलाना ही बाबा साहब अंबेडकर को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। 

पत्रकार एके लारी ने कहा कि आज के दौर में हमें तय करना होगा कि हम किस मीडिया की बात करते हैं। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया की चर्चा करते हुए कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का प्रहरी कहा जाता है। ऐसे में मीडिया की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि वह खबरों के मामले में न्याय करें। संचालन व आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने कहा था कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों न हो अगर उसे लागू करने वाले ठीक नहीं होंगे तो संविधान अपना अस्तित्व खो देगा।आज स्थिति वैसी ही आ गयी है।हमें सावधान रहने की जरूरत है।

दूसरे सत्र में गंगा-जमुनी तहजीब के शायर नजीर बनारसी को उनके ज्यंती पर याद किया गया। डॉ.कासिम अंसारी ने नजीर बनारसी को मिर्जा गालिब की परम्परा का शायर बताया।उन्होंने कहा कि उनकी शायरी हो या गजल या फिर नज्म उसमें हर जहां कौमी एकजहती दिखती है.वहीं उन्होंने अपने शहर बनारस और गंगा को लेकर जो लिखा है उसकी कोई तुलना नहीं है।

प्रो.मलिक ने इस बात पर अफसोस जताया कि अपने शहर में नजीर अब बेगाने हो गये है। जिस बनारस की परम्पराओं को लेकर उन्होंने ढ़ेर सारे शेर लिखे उस बनारस का उन्हें भूलना दुखद है.

पत्रकार एके लारी ने कहा नजीर ऐसे शायर थे जिन्होंने कभी किसी तरह के सम्मान को महत्व नहीं दिया। तमाम तरह के सम्मान के प्रस्ताव उनके पास आते थे लेकिन वो हर बार ये कहकर ठुकरा देते थे कि मेरी शायरी से निकले संदेश लोगों के जेहन में रहे यही असल सम्मान है।

 तृतीय सत्र में पूर्वी उत्तर प्रदेश से आये हुए अध्यापक, पत्रकार, विद्यार्थी, वकील,सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी बात कही।सत्र की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक कार्यकर्त्री रंजू सिंह ने कहा कि आज एकता और सौहार्द की बात करने वाले हासिये पर है हमें इस जमात को बढ़ाना है।आज बिना संघर्ष किये मंजिल पर नहीं पहुंचा जा सकता है।भारत संघर्ष से ही बना है।

गोष्ठी में मो. खालिद, डा. क़ासिम अंसारी, सी बी तिवारी, अंकिता वर्मा, रामकिशोर चौहान, हृदयानंद शर्मा, लाल प्रकाश राही, बृजेश पाण्डेय, प्रतिमा पाण्डेय, प्रज्ञा सिंह, अरुण मिश्रा, मो. असलम, सुधीर जायसवाल, अब्दुल मजीद, कृष्ण भूषण मौर्य, रंजू सिंह, प्रज्ञा सिंह, अर्शिया खान,हरिश्चंद्र बिंद,आबिद शेख,शमा परवीन,हर्षित कमलेश, अयोध्या प्रसाद, रीता सिंह आदि प्रतिभागी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन लाल प्रकाश राही और धन्यवाद सुधीर जायसवाल ने किया।

परिवार नियोजन के संसाधनों की आनलाइन भी पूरी होगी डिमांड

आपरेटर व फार्मासिस्ट को दिया गया प्रशिक्षण


Himanshu Rai

गाजीपुर, 25 नवम्बर (dil india live)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में गुरुवार को परिवार नियोजन के अंतर्गत स्थायी एवं अस्थायी संसाधनों की ऑनलाइन मांग को लेकर ऑपरेटर और फार्मासिस्ट का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह प्रशिक्षण का शुभारंभ किया । प्रशिक्षण यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ (डीएफ़पीएस) ने दिया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा परिवार नियोजन के लिए कई तरह के संसाधन नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं जिसक़ा पहले मैनुअल रख-रखाव किया जाता था। लेकिन डिजिटलीकरण को देखते हुये सरकार द्वारा एफपीएलएमआईएस पोर्टल लांच की शुरुआत की गई । इस पोर्टल की मदद से परिवार नियोजन के संसधनों की मांग में आसानी व पारदर्शिता आई है। इसके साथ ही समय-समय पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के साथ ही खुशहाल परिवार दिवस व अन्य कार्यक्रम चलाये जाते हैं जिसमें कंडोम ,माला एन, अंतरा, छाया, प्रेगनेंसी किट, कापर टी आदि संसाधन पोर्टल पर की जा रही मांग के अनुसार ही प्रदान किए जाते हैं। एसीएमओ डा. के के वर्मा ने बताया कि इस पोर्टल को चलाने के लिए ऑपरेटर और फार्मासिस्ट को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिससे रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जा सके। इसका सत्यापन या पुनः सत्यापन, केंद्रीय स्तर या फिर राज्य स्तर के द्वारा पोर्टल के माध्यम से ही कर सकती है कि किस ब्लॉक में कितने परिवार नियोजन के संसाधन मौजूद हैं और किन ब्लाक में इसकी आवश्यकता है?

मोहम्दाबाद स्वास्थ्य केंद्र के ऑपरेटर कृष्णा ने बताया कि इस पोर्टल पर फीडिंग हो जाने से पहले की अपेक्षा अब संसाधनों के रखरखाव व वितरण में काफी सहूलियत मिलेगी वहीं फार्मासिस्ट मकसूद अंसारी ने बताया कि इस पोर्टल के आ जाने से उनके ब्लॉक में जरूरत के हिसाब से आवंटन भी मिलना शुरू हो जाएगा

मांगों के समर्थन में संविदाकर्मियों ने जताया विरोध

 


ग़ाज़ीपुर, 25 नवम्बर(dil india live)। एनएचएम संविदा कर्मचारी जो अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन करने का मन बनाया है। जिसके तहत 10 ,11 व 12 नवंबर को जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने के कारण  राघवेंद्र शेखर सिंह जिलाध्यक्ष के आवाहन पर उनके नेतृत्व में आज 25 नवंबर को काला फीता बांधकर सांकेतिक विरोध किया गया । जिला अध्यक्ष राघवेंद्र सिंह ने बताया कि यदि उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नही हुई तो 26 नवंबर को 01 घंटे का कार्य बहिष्कार, 27 नवंबर को संविदा कर्मचारियों द्वारा ताली और थाली बजाकर विरोध दर्ज कसाया जायेगा।ऐसे ही 29 नवंबर को संख्या बल के साथ मिशन निदेशक कार्यालय लखनऊ का घेराव करना शामिल है। जिसको लेकर 29 नवंबर तक मांगे पूरी नहीं की गई तो 30 नवंबर से प्रदेश के समस्त जिलों में अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ विभाग की समस्त प्रकार की सेवाओं को बंद किया जाना आंदोलन में शामिल है। इसी को लेकर गुरुवार को जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह के अगुवाई में पूरे जनपद के संविदा कर्मियों ने काला फीता बाधकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान अनिल कुमार शर्मा, अजहर खान, राधेश्याम यादव, हिमांशु सिंह ,संदीप पाल, राजेश कुमार ,प्रतिभा विश्वकर्मा, मिथिलेश कुमार प्रजापति, अरशद जमाल ,आशुतोष कुमार सिंह, रवि सिंह, सुनील कुमार व अन्य लोग शामिल रहे।

बुधवार, 24 नवंबर 2021

इस क्रिसमस पर नया आकार ले रहा है गिरजाघर

 142 साल बाद लाल गिरजा में फिर आया निखार

  • 1879 में ब्रिटिश पादरी ने बनवाया था लाल गिरजाघर






वाराणसी (dil india live)। छावनी स्थित मसीही समुदाय की आस्था का केन्द्र सीएनआई लाल गिरजाघर को 142 साल बाद निखार आया है। समूचा चर्च नया आकार ले चुका है। क्रिसमस आते-आते समूचे चर्च का रंग-रुप पूरी तरह से बदल चुका होगा। कोरोना काल में दो साल तक क्रिसमस का जश्न नहीं मना था मगर इस दौरान सबसे खास यह हुआ कि प्राचीन चर्च के पुन: निर्माण की शुरुआत फरवरी में कर दी गई थी। चर्च के सेक्रेटरी विजय दयाल बताते हैं कि क्रिसमस तक पूरी काम हो जायेगा। अब तक तकरीबन 40 लाख रुपये चर्च निर्माण में खर्च किये जा चुके हैं। दिन रात की मेहनत के बाद चर्च का पूरा कलेवर ही पूराने नकशे के अनुरुप बदल दिया गया है। चर्च की गैलरी को भी चर्च में शामिल कर दिया गया है इससे तकरीबन दो सौ लोगों के बैठने की जगह पहले से और बढ़ जायेगी। 

लाल चर्च का इतिहास 

अपने नाम के अनुरूप ही इस गिरजाघर का रंग लाल है। पूर्व पादरी सैम जोशुआ सिंह ने चर्च की कहानी बेहद सरल लफ्जों में शेयर किया। उन्होंने बताया कि  ब्रिटिश पादरी एलवर्ट फ्रेंटीमैन ने ही लाल चर्च की नींव 1879 में अंग्रेजी हुकूमत के निर्देष पर रखी थी। फ्रेंटीमैन की देखरेख में ही इस चर्च का निर्माण हुआ। चर्च जब बनकर तैयार हुआ तो उन्हें ही सरकार ने  इस चर्च का पहला पादरी बनाया। वर्तमान में संजय दान चर्च के पादरी है तो विजय दयाल सचिव। 

 ईसा मसीह की शहादत की याद करता है ताज़ा 

लाल गिरजाघर का रंग शहादत का प्रतीक है। ईसा मसीह की शहादत की याद में ही वाराणसी के छावनी स्थित इस चर्च को लाल रंग और शांति के प्रतीक सफेद रंग से सजाया गया है। यह चर्च देश की मिली जुली संस्कृति की मिसाल है। यहां सभी मज़हब के लोग समय-समय पर आते हैं। इतवार को विशेष प्रार्थना सुबह 9.30 बजे से होती है तो क्रिसमस के दौरान यहां शाम में भी चर्च सर्विस होती है। हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी के साथ ही यहां भोजपुरी में भी प्रभु यीशु की स्तुति की जाती है।

28 से शुरू होगा प्रभु यीशु आगमन काल

क्रिसमस सीजन की शुरुआत इस बार 28 नवंबर से शुरू हो जायेगी। क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवार को आगमन काल माना जाता है। उसके बाद क्रिसमस आता है। इस बार 28 नंबर को पहला इतवार है। इसी दिन चर्चेज़ में क्रिसमस का आगाज़ हो जायेगा। इसके बाद यूं तो हर दिन चर्चेज़ में कैरोल सिंगिंग व प्रार्थना सभा होगी मगर संड़े कुछ खास ही होगा। आगमन का दूसरा इतवार 5 दिसंबर, तीसरा 12 दिसंबर व चौथा इतवार 19 दिसंबर को पड़ेगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। क्रिसमस में दो साल बाद फिर उल्लास और उत्साह दिखाई देगा।

योग की पाठशाला’ में मिलेंगे सेहतमंद रहने के टिप्स

वाराणसी, चंदौली, भदोही के 29 ‘आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू, योग के जरिए उपचार करने के साथ ही निरोग रहने की भी सिखायेंगे कला

 



वाराणसी, 24 नवम्बर(dil india live)। वाराणसी, चंदौली व भदोही के 29 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर जल्द ही ‘योग की पाठशाला’ शुरू की जाएगी।  यहां स्वस्थ जीवन के जरूरी गुर तो सिखाये ही जायेंगे  साथ ही योग के जरिए विभिन्न रोगों का उपचार भी किया जाएगा। इसके लिए केन्द्रों पर योग गुरुओं की तैनाती शुरू कर दी गयी है। इनमें महिला योगाचार्य भी शामिल हैं।

प्रदेश सरकार लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में  भी जागरूक कर रही है। आयुष मिशन के तहत इसके लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। इसी क्रम में वाराणसी में आठ, भदोही  में 10 और चंदौली में 11 “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” खोले गये हैं। 

 क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ भावना द्विवेदी ने कहा कि आयुर्वेद रोगों के उपचार के साथ स्वस्थ रहने की जीवनशैली भी सिखाता है। इसका पालन करने से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है जिससे सामान्य संक्रमण बेअसर हो जाते हैं। गंभीर रोगों के घातक परिणाम की आशंका बहुत कम हो जाती है। “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ व संतुलित खान-पान व स्वस्थ जीवनशैली की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे मजबूत कर रोगों से बचा जा सकता है, इसकी जानकारी देना भी है । स्वस्थ रहने के लिए जो लोग योग सीखना चाहेंगे, उन्हें इन सभी केन्द्रों पर योग का प्रशिक्षण निःशुल्क दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक  “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” पर एक पुरुष और एक महिला योग शिक्षक तैनात रहेंगे। वाराणसी के सभी आठ केन्द्रों के लिए 16 योग शिक्षकों का चयन कर लिया गया है जबकि भदोही में सात व चंदौली में छह योग शिक्षक चयनित किये गए है। शेष  पदों पर योग गुरुओं की चयन प्रक्रिया जारी है। जल्द ही चयन के बाद उनकी भी तैनाती कर दी जाएगी।

 यहाँ चलेगी योग निःशुल्क पाठशाला 

 वाराणसी के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” रामनगर, आयर, पलहीपट्टी, सिंधोरा, मंगारी, भाद्रासी, कठिरावं, रामेश्वर में योग की पाठशाला चलेगी। चन्दौली के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” गहिला, भुजना, सदलपुरा, केशवपुर, पचोखर, सिकन्दरपुर, मारूखपुर, शहाबगंज, मझगांवा, बबुरी, सरैयाबसाढी एवं भदोही के “आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” मोढ़, चौरी, वरवा, पल्ल्हिया, महराजगंज, खमहरिया, सुनेचा, सुधवा, सुरियावां,पाली में योग की पाठशाला चलेगी।

 महिलाओं के लिए होगा बेहद लाभकारी

“आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर” महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी होगा। खास तौर पर गर्भवती के लिए। इन केन्द्रों पर आने वाली गर्भवती को योगासन सिखाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ खान-पान और जीवन शैली के बारे में भी समझाया जाएगा जिससे स्वयं तो स्वस्थ रहें ही साथ ही स्वस्थ बच्चे को भी जन्म दे सकें। आवश्यकतानुसार सम्बन्धित दवाएं भी निःशुल्क दी जाएंगी। महिलाओं को योग प्रशिक्षण लेने में कोई परेशानी न हो इसके मद्देनजर ही सभी केन्द्रों पर एक महिला योग शिक्षिका की तैनाती की गयी है।

 योग के साथ ही पंचकर्म भी 

डा. भावना द्विवेदी के अनुसार ‘योग-ध्यान’ शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने में सहायक है जबकि पंचकर्म समस्त शारीरिक विकारों को दूर करता है। इसे ध्यान में रखते हुए सभी केन्द्रों पर पंचकर्म की भी निःशुल्क व्यवस्था की गयी है। इसके जरिये रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी, इसके साथ ही यदि उसे कोई शारीरिक विकार है तो उसे पंचकर्म के जरिए दूर किया जा सकेगा।

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

पहल : अब डाकघरों से भी होगी रेलवे टिकट की बुकिंग

वाराणसी के 1699 डाकघरों से मिलेगी टिकट की सेवा

 मॉडल ब्लॉक सेवापुरी में डाक मेले का पोस्ट मास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने किया शुभारम्भ, खुले 3000 सुकन्या समृद्धि खाते


वाराणसी 23 नवंबर (dil india live)। डाकघरों में जनसामान्य की सुविधा के लिए तमाम सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब डाकघरों से रेलवे टिकट की बुकिंग भी हो सकेगी। इसके लिए लोगों को रेलवे स्टेशन या आरक्षण केंद्र तक जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, बल्कि अपने नजदीकी डाकघर से रेल टिकट बुक करा सकेंगे। विभागीय डाकघरों के साथ-साथ गाँवों में स्थित शाखा डाकघरों में भी यह सेवा उपलब्ध होगी। वाराणसी के सेवापुरी मॉडल ब्लॉक में आयोजित डाक मेले में वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग यह सेवा इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) के माध्यम से देगा। इसके लिए सभी डाकघरों के कर्मियों को प्रशिक्षण पश्चात् उनके यूजर आईडी और पासवर्ड जारी करने की प्रक्रिया चालू है। वाराणसी परिक्षेत्र के  सभी 1699 डाकघरों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। डाकघरों में रेलवे टिकट की बुकिंग की सुविधा मिलने से स्टेशन के काउंटरों पर भीड़ का दबाव भी कम होगा। घंटों कतार में भी नहीं लगना पड़ेगा। इस दौरान  वाराणसी (पश्चिम) डाक मंडल द्वारा विशेष अभियान चलाकर 3 हजार बच्चियों के सुकन्या समृद्धि खाते खुलवाए गए। बच्चियों को पोस्टमास्टर जनरल ने प्रवर डाक अधीक्षक श्री राजन राव और डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के साथ पासबुकें सौंपकर सुखद भविष्य की कामना की।  

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि नवम्बर और दिसंबर माह में पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र कोषागार या सम्बंधित विभाग में जमा करने  के लिए कोषागार/सम्बंधित बैंकों  या जनसेवा केन्द्रों के चक्कर लगाने पड़ते हैं।  इससे निजात दिलाने के लिए डाक विभाग इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से घर बैठे डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा प्रदान कर रहा है। अब डाकिया घर बैठे ही बायो-मेट्रिक डिवाइस के माध्यम से पेंशनर्स का जीवन प्रमाण पत्र बना देगा जिसके लिए मात्र 70 रूपये का शुल्क देना होगा।     

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, नीति आयोग द्वारा वाराणसी के सेवापुरी को मॉडल ब्लॉक के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इसके तहत डाक विभाग द्वारा भी लोगों को वित्तीय साक्षर बनाकर, वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रहा है। इस कड़ी में 43 डाकियों को प्रशिक्षित कर डिजिटल मित्र बनाया गया है और उनके द्वारा सेवापुरी ब्लॉक में अभी तक 14,000 से ज्यादा लोगों को वित्तीय तौर पर साक्षर किया जा चुका है। इस योजना के तहत ही सेवापुरी ब्लॉक के अंतर्गत 9 फाइव स्टार विलेज, 33 संपूर्ण सुकन्या समृद्धि ग्राम, 15 आईपीपीबी संपूर्ण सक्षम ग्राम और 8 संपूर्ण बीमा ग्राम बनाये गए हैं। डाक विभाग द्वारा वित्तीय सेवाओ के बारे में जागरूकता हेतु 133 कैम्प लगाकर लोगों को वित्तीय समावेशन की और अभिप्रेरित किया गया है।  इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से व्यापारियों और विशेषकर महिला दुकानदारों का मर्चेंट एकाउंट खोलकर उन्हें डिजिटल पेमेंट के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। 

पोस्मास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि,आज भी डाकघर की बचत योजनाएँ सर्वाधिक लोकप्रिय हैं और इनमें  लोग पीढ़ी दर पीढ़ी सुरक्षित निवेश करते आ रहे हैं।डाकघरों में एक ही छत के नीचे बचत, बीमा, आधार, पासपोर्ट, कॉमन सर्विस सेंटर, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, वाहनों का बीमा, डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट, गंगाजल की बिक्री जैसी तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

वाराणसी (पश्चिमी)  मंडल के डाक अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा कि डाक सेवाओं के प्रचार-प्रसार और इससे लोगों को आसानी से जोड़ने हेतु डाक विभाग द्वारा विभिन्न स्तरों पर कैम्प और मेलों का आयोजन किया जा रहा है। 

इस कार्यक्रम में प्रवर अधीक्षक डाकघर राजन राव, डाक अधीक्षक वाराणसी (पश्चिमी) मण्डल संजय कुमार वर्मा, सहायक अधीक्षक आरके चौहान, निरीक्षक शशिकांत कन्नौजिया, इंद्रजीत पाल, इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक मैनेजर सुबलेश सिंह, पोस्टमास्टर सेवापुरी अनूप पाण्डेय, ग्राम प्रधान घोसिला पूजा सिंह, खादी ग्रामोद्योग मैनेजर श्याम प्रसाद विश्वकर्मा  सहित तमाम डाककर्मियों, जनप्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों और जनमानस ने भागीदारी की।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...