मंगलवार, 23 नवंबर 2021

नुक्कड़ नाटक में समझाया, कैसे करें शिशु की देखभाल

सीफार के सहयोग से हुआ बेबी शो और हस्ताक्षर अभियान  

 शाम्बिका अव्वल, अक्षत को द्वितीय व महजबी को तृतीय पुरस्कार



वाराणसी 23 नवंबर(dil india live)। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में और सेंटर फार एड्वोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत राजकीय  जिला महिला चिकित्सालय में नुक्कड़ नाटक व शपथ लेते हुये हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर शिशु के स्वस्थ जीवन का सन्देश दिया गया। नवजात शिशु की समुचित देखभाल कैसे की जाये, क्या-क्या सतर्कता बरती जाये इसकी विस्तार से जानकारी दी गयी। बेबी शो में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले शिशुओं को पुरस्कृत किया गया। 

कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ मंजू सिंह* ने कार्यक्रम में कहा कि नवजात की समुचित देखभाल के जरिये शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष   की तरह इस वर्ष भी “नवजात शिशु देखभाल सप्ताह” मनाया जा रहा है, जोकि 21 नवम्बर तक चलेगा। इस क्रम में जागरूकता के लिए आज सीफार के सहयोग से राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में बेबी शो, हस्ताक्षर अभियान व नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। 

कार्यक्रम में  सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) प्रभारी व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक ने कहा कि  नवजात शिशु की समुचित देखभाल के लिए जरूरी है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाये।  प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए अस्पताल में रुकें। उन्होने कहा  कि नवजात शिशु को तुरंत न नहलायें, केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनायें और  जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलायें। डा. मृदुला ने कहा कि छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिये। नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण कराना चाहिये। नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखें, संक्रमण से बचायें और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें। 

बाल रोग विशेषज्ञ डा. राशिद जमाल ने कहा कि कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान चाहिये और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाना चाहिये। कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलायें, शहद, घुट्टी, पानी आदि बिल्कुल ही नहीं देना चाहिये।   

कार्यक्रम की शुरुआत नवजात शिशु के स्तनपान, टीकाकरण, पोषण, साफ-सफाई से संबन्धित जागरूकता पर आधारित गीतों से की गई। साथ ही नाट्य संस्था मेघदूतम की ओर से नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी, जिसको लोगों ने काफी सराहा। इस दौरान समारोह में आये 66 नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसमें प्रथम स्थान महमूरगंज निवासी शाम्बिका (9 माह) को प्रथम, अलईपुर निवासी अक्षत (5 माह) को द्वितीय तथा जैतपुरा निवासी नवजात बेबी महजबी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त  हुआ। इसके साथ ही अन्य बच्चों  को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। 

प्रथम पुरस्कार पाने वाली शाम्बिका की माँ ने कहा बच्ची के स्वस्थ होने की वजह से पुरस्कार मिला। यह उपलब्धि डा. मंजू सिंह तथा मैट्रन पुष्पा के बताये गये निर्देशों के पालन की वजह से हुआ। बेबी शो, गीत तथा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। द्वितीय पुरस्कार प्राप्त अक्षर की माँ अंकिता ने कहा कि कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिये। कार्यक्रम में  डॉ शैला त्रिपाठी, डॉ  अल्का सिंह, रोहित, अजीत , तरुण तथा  सीफार से मनोज श्रीवास्तव एवं संजीव द्विवेदी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू

डेंगू से रहे सावधान, गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

वाराणसी, 23 नवम्बर(dil india live)। पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें वायरस अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे अबॉर्शन तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान हाई ब्लीडिंग भी हो सकती है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।

 क्या होता है डेंगू 

डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। 

 इस तरह बरतें सावधानी-

घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो। 

 डेंगू के लक्षण-

तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।

 डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-

वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।  डाक्टर के सलाह के बिना कोई  भी दवा न लें।

शिक्षा के साथ खेल भी बेहद ज़रूरी: बीएसए



वाराणसी 23 नवंबर(dil india live)। स्थानीय उदय प्रताप कॉलेज प्रांगण में जिला खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन राज्यमंत्री रविन्द्रर जायसवाल व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वाराणसी राकेश सिंह के नेतृत्व में किया गया। इस मौके पर बीएसए ने खेल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों के लिए शिक्षा के साथ ही खेल भी बेहद ज़रूरी है। खेल से बच्चों का विकास तेजी से होता है।

आकांक्षा की कला को सराहा

पूर्व माध्यमिक विद्यालय चुप्पेपुर विकासखंड हरहुआ कि अनुदेशिका आकांक्षा सिंह द्वारा रंगोली के माध्यम से राजर्षि की तपोभूमि की धरती पर भगवान शंकर को अवतरित कराने का अद्भुत प्रयास की कलाकृति विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई थी।


इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी, जनपद के सभी शिक्षक शिक्षिकाएं, उपस्थित सभी शिक्षक प्रतिनिधि एवं प्रतिभागी छात्र छात्राओं नें अतिथियों का ज़ोरदार स्वागत किया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजीकृत 1160) के जिला अध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह तथा प्रदेश उपाध्यक्ष व जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष  सत्येंद्र सिंह यादव व्यवस्था संभाले हुए थे।



सोमवार, 22 नवंबर 2021

महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल 2021 : 26 से 28 नवंबर तक

विश्व प्रसिद्ध कलाकारों की होगी लाइव प्रस्तुति







वाराणसी  22 नवंबर(dil india live)| पूरे एक साल के इंतज़ार के बाद, महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल 2021 एक बार फिर से श्रोताओं और कला प्रेमियों का स्वागत करने के लिए तैयार है। वैक्सीन का डबल डोज लगवा चुके श्रोताओं के साथ, ऐतिहासिक नगरी बनारस में, समयातीत नदी गंगा के किनारे, हम सब मिलकर फिर से संगीत, साहित्य और आख्यान के माध्यम से 15वीं सदी के रहस्यवादी कवि कबीर को याद करेंगे

26 से 28 नवंबर 2021 को आयोजित होने वाले फेस्टिवल में सीमित संख्या में केवल वही डेलीगेट और क्रू हिस्सा ले सकेंगे, जिनकी वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं, और वहां कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया जायेगा। प्रोग्राम में शास्त्रीय और लोकसंगीत के साथ ही वार्ता, लाइव-आर्ट डेमोंस्ट्रेशन, कबीर के जीवन से जुड़ी जगह दिखातीं नौका की सैर, स्थानीय लजीज व्यंजन की बहार और सम्मोहित कर लेने वाली गंगा आरती प्रमुख होंगेद्य शहर के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण की व्यवस्था सिर्फ ‘सेफ’ होने की स्थिति में ही कराई जाएगी, लेकिन फिर भी हमारी कोशिश रहेगी कि आप इस ऐतिहासिक नगर को इसकी समग्रता में महसूस कर सकें।

महिन्द्रा ग्रुप के वाईस प्रेसिडेंट, हेड-कल्चरल आउटरीच, जय शाह ने फेस्टिवल के बारे में बात करते हुए कहा, “महिन्द्रा कबीरा फेस्टिवल 2021 आशा और उम्मीद के वादे के साथ वापस हाज़िर हैद्य ये बदलती हुई दुनिया में एक नई शुरुआत को दर्शाता है, वो दुनिया जिसे हम किसी भी तरह नज़रंदाज नहीं कर सकते। ऐसा संसार जो सहानुभूति और प्रेम से परिपूर्ण है, वो संसार जो कबीर के मन के करीब था। हमारी वापसी लचीलेपन और आगे बढ़ने पर जोर देती है, ये दोनों ही भावनाएं महिन्द्रा ग्रुप का सार हैं। प्राचीन ज्ञान व कला की नगरी, वाराणसी में लाइव परफोर्मेंस पेश करते हुए हम बेहद खुश हैं। वाराणसी महिन्द्रा कबीरा की पहचान है। हम अपने डेलीगेट्स और कलाकारों का स्वागत करते हैं, और एक सुरक्षित फेस्टिवल की उम्मीद करते हैं।”

फेस्टिवल में शामिल होने वाले विशिष्ट कलाकारों में शामिल हैंः सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्थी; हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली; हरदिल अजीज गायिका निराली कार्तिक; हिंदुस्तानी सितार वादक पुरबायन चटर्जी; मलयालम प्लेबेक सिंगर गायत्री असोकन; कार्नाटिक सुर व वायलिन की बेमिसाल जोड़ी रंजनी गायत्री; हिन्दुस्तान के सबसे अजीज लोककवि जुम्मा खान; नायाब दास्तानगो और मुहर्रम (सोज़-ख्वानी) कला के इकलौते कलाकार अस्करी नकवी; हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की जानी-मानी शैली बनारस घराना के पंडित अनूप मिश्राद्य फेस्टिवल में जाने-माने थियेटर आर्टिस्ट, अदाकार और सांस्कृतिक कार्यकर्त्ता एम.के. रैना के सदाबहार नाटक “कबीरा खड़ा बाज़ार में” को आधुनिक रूप में प्रस्तुत किया जायेगा। इस नाटक को लिखा था भीष्म साहनी ने, जिसे अनेक दशकों से सराहा गया है। अनिर्बान घोष (बान जी) द्वारा प्रस्तुत और दास्तान लाइव द्वारा अभिनीत, इस संगीतमय रचना में एम.के. रैना के गीत और कबीर के काव्य का संयोजन देखने को मिलेगा। इनके अलावा फेस्टिवल को और जीवंत करने आ रहे हैं संगीतकार-कहानीकार-लेखक-फ़िल्मकार रमण अय्यर और शिक्षाविद, अध्यात्मिक मार्गदर्शक व शोधकर्ता उमेश कबीर। द आह्वान प्रोजेक्ट के कलाकार कबीर के विचारों पर एक फ्यूज़न कोलेब्रेटिव प्रस्तुत करेंगे। फेस्टिवल में कुछ युवा और प्रतिभाशाली कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे जैसे संतूर-वादक दिव्यांश श्रीवास्तव; संगीतकार और गायिका चिन्मयी त्रिपाठी; बहुमुखी प्रतिभा के धनी जोएल मुखर्जी; दिल्ली के पियानोवादक, गीतकार व निर्माता अनिरुद्ध वर्मा और अन्य।     वाराणसी के ऐतिहासिक घाटों पर प्रसिद्ध कलाकारों के म्यूजिक सत्र, शहर की रोमांचक गलियों का भ्रमण, चर्चाएँ और संवाद, समयातीत नदी में नौका की मंत्रमुग्ध कर देने वाली सैर, वाराणसी की प्राचीन परम्पराओं से जुड़े लजीज व्यंजन का स्वाद आपको एक बेमिसाल अनुभव प्रदान करेगा।   


आर्म रेसलिंग में रहा पश्चिम का दबदबा

50 से अधिक खिलाड़ियों ने दिखाया अपना दमखम


वाराणसी 22 नवंबर(dil india live)। पूर्वांचल आर्म रेसलिंग में आगरा के खिलाड़ियों का दबदबा दिखाई दिया। काशी डिस्ट्रिक्ट आर्म रेसलिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में सिटी गर्ल्स इंटर कॉलेज के प्रांगण में आयोजित पूर्वांचल आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में प्रदेश भर के खिलाड़ियों ने भाग लिया। विभिन्न भारवर्गो की कैटेगरी में 50 से अधिक खिलाड़ियों ने अपना दम दिखाया। 

सीनियर वर्ग मे 55 से 65 किलोग्राम भारवर्ग में आगरा के निजाम खान प्रथम, वाराणसी के अम्बुज सिंह द्वितीय तथा आदर्श प्रताप सिंह तृतीय रहे। 65 से 75 किग्रा में वाराणसी के अम्बुज सिंह प्रथम, निजाम खान द्वितीय तथा तेजस्वी चौबे तृतीय रहे। 75 किलोग्राम से अधिक भारवर्ग में जौनपुर के उत्कर्ष कुमार सिंह प्रथम, कासगंज के हैदर अली तथा वाराणसी के अम्बुज सिंह तृतीय रहे। वही जूनियर वर्ग में 0 से 55 किग्रा भारवर्ग में कासगंज के गुलाम मोहम्मद हुसैन प्रथम, यादिर अजीम द्वितीय तथा वाराणसी के अबुलैस तृतीय स्थान पर रहे। बाएं हाथ की एकमात्र कैटेगरी में जौनपुर के विकास और आदर्श क्रमशः प्रथम और द्वितीय रहे। तृतीय स्थान पर वाराणसी के अविनाश वर्मा रहे। विजेताओं को ट्राफी, सर्टिफिकेट, मेडल एवं नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 


मुख्य अतिथि अभय सिंह ने विजेताओं को सम्मानित किया। संचालन अध्यक्ष अहमद फैसल महतो एवं मोहम्मद शाहिद ने किया। रेफरी की भूमिका में हैदर, मल्लिकार्जुन आदि रहे। इस अवसर पर ज्ञानसंकुल सिंह, मयंक, शरद वर्मा, फिरदौसी, रियासुद्दीन आदि निर्णायक मंडल में शामिल रहे।

परिषदीय स्कूलों के बच्चों ने खेलकूद प्रतियोगिता में लिया भाग





वाराणसी 22 नवंबर(dil india live)। चिरईगांव विकास खंड में ब्लॉक स्तरीय क्षेत्रीय बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता एवं शैक्षणिक सांस्कृतिक समारोह इंटर कॉलेज बरियासनपुर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री राकेश सिंह ने किया। कार्यक्रम में विकास क्षेत्र चिरईगांव गांव के 14 संकुलों की विजेता टीम द्वारा प्रतिभाग किया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विभिन्न प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से परिचय प्राप्त करके प्रतियोगिता का स्वयं अवलोकन किया गया।

 प्रतियोगिताओं में 100 मीटर 200 मीटर 400 मीटर की दौड़, कबड्डी, खो-खो, लंबी कूद, ऊंची कूद डिस्कस एवं गोला फेंका, तथा कुश्ती का आयोजन किया गया। चिरईगांव के 14 संकुलों के 119 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा प्रतियोगिता में उपस्थित रहकर प्रतियोगिता का सफल संचालन कराया गया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह द्वारा ब्लाक की प्रतियोगिता को जनपद में प्रथम स्थान से नवाजा गया, एवं कार्यक्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई।

 समारोह में मुख्य रुप से संगठन के अध्यक्ष रविंद्र सिंह यादव, ज्योति भूषण त्रिपाठी, गिरीश चंद्र पांडे, ब्लाक व्यायाम शिक्षक धर्मेन्द्र सिंह विकास, वरुण चतुर्वेदी, संतोष तिवारी आलोक मौर्य,प्रमोद पटेल, रजनीश वर्मा,सत्येन्द्र कुमार, ऋचा सिंह, मंगला तिवारी एवं खेल अनुदेशक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन खण्ड शिक्षा अधिकारी स्कन्द गुप्त द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर किया गया।

पान-गुटका खाने से खराब हो रहे दांत मसूड़े

200 का हुआ निःशुल्क दंत परीक्षण, दी गई दवा

वाराणसी 22 नवंबर(dil india live)। बड़ी बाजार के दोषीपुरा मैदान में अब्दुल अजीज क्लीनिक व शम्स मेडिकल स्टोर की ओर से निशुल्क जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लगभग 200 मरीजों का दांतों की जांच कर निःशुल्क दवा वितरित की गई और 25 मरीज के दांतो में गंभीर समस्या पाई गई अधिकतर मरीजों में पान और गुटका खाने के कारण दांत खराब पाए गए। कैंप को कामयाब बनाने में मुख्य रूप से हेरिटेज अस्पताल के वरिष्ठ दंत चिकित्सक डाक्टर मुहम्मद ज़ाहिद, दंत रोग विशेषज्ञ डाक्टर सफीना अंसारी,डाक्टर शम्स तबरेज,अबुल वफा अंसारी,कुद्दूस अहमद, डा कलीम, डा रियाज़ अहमद के अतिरिक्त पार्षद बेलाल अहमद का सराहनीय योगदान रहा।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...