शहंशाह सरदार तो खुर्शीद शक्कर तालाब के बने महतो
वाराणसी 06 नवंबर (dil india live)। शक्कर तालाब ईदगाह में इलाके के सरदार व महतो की दस्तारबंदी की रस्म अदा की गई। मेहमाने खुसुशी के रूप में मुफ्ती-ए-शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी और बाईसी तंजीम के सरदार हाजी इकरामुद्दीन थे। इस दौरान नये सरदार शहंशाह कमाल को और महतो खुर्शीद आलम को अपने हाथो से सर पर पगड़ी बांध कर दोनों नए सरदार महतो की दस्तारबंदी की। इस मौके पर बाईसी तंज़ीम के सरदार हाजी इकरामुद्दीन ने सभी को साथ ले कर चलने की और उस पर अमल की ताकीद की। इस मौके मुफ़्ती बातिन नुमानी ने कहा की मोहल्ला शक्कर तालाब के मरहूम शकूर सरदार की ये पुरानी टाट थी जो खाली थी उसी टाट के नए सरदार शहंशाह कमाल को और महतो खुर्शीद आलम को मोहल्ले के सभी आवाम के रजामंदी से बनाया गया है। हम सब को पूरी उम्मीद है की ये दोनों लोग बिना किसी भेद भाव के सभी के साथ इंसाफ करेंगे। इनको न कोई छोटा देखना है न कोई बड़ा देखना है। न कोई अपना न कोई पराया। सभी को साथ ले कर चलना होगा और जो भी मसला इन लोगो के पास आये उसके साथ इंसाफ करेंगे। ये सरदार और महतो का जो पद है काटो भरा होता है। इसको अपने सोच समझ से अच्छा अंजाम दे कर सभी को साथ ले कर चले और क़ुरान और हदीस के बताये हुए रास्ते पर चले नमाज़ के पाबंद बने।
इनकी रही खास मौजूदगी
पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, अब्दुल्ला अंसारी, पूर्व पार्षद डॉ. इंमतीयाजुद्दीन, पार्षद मौलाना रियाजुद्दीन, महताब आलम, फैजु, नसिर, हाजी गफूर, नाजिरुल हसन, अनीसुर्रहमान, नुरुलहोदा अंसारी, रियाजुल हक़, हाजी बाबू, असगर ।