मंगलवार, 19 अक्तूबर 2021

Julus-e-muhammadi:जुलूस ने पेश किया सौहार्द और मिल्लत की नज़ीर


जुलूस-ए-मोहम्मदी में इस्लामिक झंडे संग लहराया तिरंगा 

  • कोरोना काल के बाद पहली बार निकला जुलूसे मोहम्मदी     



सरफराज अहमद

वाराणसी (dil india)। इस्लाम धर्म के पैगंबर हज़रत मोहम्मद (स.) की यौमे पैदाइश (जन्मदिन) की खुशी में मंगलवार को जोश और खुशी के माहौल में मोमिन झूम उठे। कोरोना काल में दो साल तक कोई जुलूस नहीं निकला था। कोविड के बाद निकले इतने बड़े जुलूस में लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा था। शहर काज़ी मौलाना गुलाम यासीन साहब की अगुवाई में निकले जुलूस में कई इलाकों से निकला जुलूसे मोहम्मदी भी शामिल हो गया। जुलूस में शामिल लोगों के सिरों पर रंग-बिरंगा साफा और टोपी था तो हाथ में इस्लामी परचम। इस दौरान अमन और मिल्लत के साथ ही कौमी यकज़हती व देश भक्ति भी देखने को मिली। जुलूस में शामिल लोग इस्लामी परचम के साथ ही शान से तिरंगा  लहराते चल रहे थे। 
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
फजर की नमाज के बाद रेवड़ीतालाब से जुलूस उठने का सिलसिला शुरू हुआ। बच्चे, युवा और पुरुष सभी वाहन व पैदल जुलूस लेकर निकले।जुलूस में सुरक्षा के कड़े इंतेज़ाम किये गये थे। इस दौरान शहर के करीब सभी मार्गों पर छोटा-बड़ा जुलूस दिखा। जुलूसों में नबी की शान में नातिया कलाम गूंज रहा था। 
वही, सरकार की आमद मरहबा..., आका की आमद मरहबा..., मुस्तफा या मरहबा... आदि सदाएं बुलंद हो रही थीं। मरकजी दावते इस्लामी जुलूसे मुहम्मदी कमेटी एवं मुफ्ती बोर्ड के सदर मौ. अब्दुल हादी खां व जनरल सेके्रटरी मौ. हसीन अहमद हबीबी की निगरानी में जुलूस रेवड़ी तालाब के अजहरी मैदान से उठा। 



 जिसमें शिवाला, गौरीगंज, बजरडीहा, ककरमत्ता, मदनपुरा, अर्दली बाज़ार आदि मुहल्लों के जुलूस भी शामिल हो गया। जुलूस भेलूपुर, गौरीगंज, रवींद्रपुरी, शिवाला, सोनारपुरा, मदनपुरा, गोदौलिया, चौक, मैदागिन, कबीरचौरा, पियरी होते हुए बेनियाबाग पहुंचा। इस बार बेनियाबाग में जगह न होने की वजह से साइकिल स्टेंड के पास डायस लगाया गया था जिस पर उलेमा ने तकरीर की। आयोजन के दौरान विमिन्न संस्थाओं ने जुलूस का इस्तकबाल किया। बेनिया में हुए जलसे में आल इंडिया काजी बोर्ड के अगुवा मौलाना कौसर रब्बानी, मौलाना अब्दुल हादी खां हबीबी, मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मौलाना अंजूम रजा नूरी, मौ. उजैर आलम आदि ने नबी की पैदाइश पर रोशनी डाली। इस दौरान शायरों ने कलाम पेश किया। गोदौलिया, चौक, मैदागिन, लोहटिया आदि स्थानों पर मुस्लिमों के साथ ही हिन्दू संगठनों ने भी जुलूस का स्वागत किया। पानी, फलहार व अन्य खाद्य सामग्री जुलूस में बांटी गयी।

अमन, भाईचारगी व सौहार्द नबी की तालीम

उलेमा ने कहा कि पैगम्बर हज़रत मोहम्मद (स.) का जन्म ही ऐसे समय में हुआ था।  जब लोग आपस में खून के प्यासे थे, जमीन और दौलत के लिए लड़ रहे थे। कबीले-कबीले से लड़ रहे थे। उस समय अरब के रेगिस्तान में नूर के रुप में हज़रत मोहम्मद  (स.) का जन्म हुआ। करीब 15 सौ सालों से उनकी सीरत की रोशनी सबको सराबोर करती चली जा रही है। उन्होंने इंसानियत और भाईचारे का संदेश दिया। हम सबको नबी ने इंसानियत और कुबार्नी सिखाया। ऐसी इंसानियत जिसमें हम सबको अपना भाई समझें और किसी का दिल ना दुखाएं। दूसरों की खुशी के लिए अपनी जो सबसे प्यारी चीज है उसे कुर्बान करने को तैयार रहें। इसलिए हमें हर हाल में जैसी भी स्थिति आए मोहम्मद (स.) की सीरत पर अमल करते हुए अमन, भाईचारगी व सौहार्द के साथ रहना चाहिए। तभी हमारे साथ मुल्क की तरक्की हो पाएगी। मोहम्मद (स.) के दुनिया में आने के बाद तमाम हुमूमते खत्म हो गईं। इंसानियत व अमन का राज कायम हुआ। नबी से जिसने नफरत की, उसे सजा नहीं उन्होंने दुआ दी। ऐसा किरदार हज़रत मोहम्मद (स.) का था जिसे सारी दुनिया मानती है।

Eid miladunnabi: आमदे मुस्तफा पर रौशन हुआ सारा जहां

आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है...

  • हर तरफ नूर की बारिश
  • नबी की शान में पेश हुए कलाम


वाराणसी (dil india)। आमदे मुस्तफा की खुशी में सोमवार की शाम और फिर रात मुसालिम इलाके रौशनी और सजावट से इतराते नज़र आये। इस दौरान सारा जहां नबी की मोहब्बत और अकीदत लुटाता नज़र आया। हर तरफ नूर की बारिश और डायसो से नबी की शान में कलाम पेश करते शायरों का जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा था। यह नज़ारा था अर्दली बाज़ार मुख्य रोड का। मौलाना शमशुद्दीन साहब की अंगुवाई में यहां देर रात तक शायरों ने जहां कलाम पेश किया वही उलेमा की तकरीर से भी अकीदतमंद फैज़याब हुए। मध्यरात्रि तक शायरों के कलाम यहां गूंज रहे थे।


उधर मरकजी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी पर, आज किसकी आमद से हर तरफ उजाला है, आखिरी पैयंबर है और नूर वाला है... व, आमीना का लाल देखो जगमग जगमग करता है...। जैसे कलाम पेश करते हुए सोमवार की रात जुलूस निकाला गया। जुलूस बेनियाबाग के पूर्वी छोर हड़हा मैदान से निकला। इसके बाद सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श, कुरैशबाग मस्जिद, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होकर भीखा शाह गेट पर पहुंचकर समाप्त हुआ। 


जुलूस की अगुवाई कमेटी के अध्यक्ष शकील अहमद बबलू,पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग व महामंत्री जियाउद्दीन खां कर रहे थे। जुलूस के बाद मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी ने नबी की सीरत पर रौशनी डाली। कहा कि पैंगबरे इस्लाम धर्म के अंतिम पैगम्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद (स.) किसी एक के लिए नहीं बाल्कि सारी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए थे। अगर नबी को मानते हो तो उनके बताये हुए रास्तो पर चलों।इस दौरान आगा कमाल अहमद, रेयाज़ अहमद नूर, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, इमरान अहमद, शकील, दिलशाद अहमद आदि मौजूद थे।

जगमगा उठा मुसलिम इलाका

इस दौरान अर्दली बाजार, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा, नई सड़क, दालमंडी, सराय हड़हा, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, शक्कर तालाब, जलालीपुरा, कोयला बाजार, पीली कोठी, बड़ी बाजार आदि इलाकों में विद्युतीय सजावट देखने को मिली। 


सोमवार, 18 अक्तूबर 2021

जिले की 52 पीएचसी पर लगा सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेला

मुफ्त मिलीं स्वास्थ्य सेवाएं, लाभान्वित हुए मरीज


वाराणसी(dil india)। कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ। रविवार को एक बार फिर से जिले के सभी ग्रामीण व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले में मरीजों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच की गयी। इसके साथ ही मरीजों निःशुल्क दवा एवं चिकित्सीय परामर्श भी दिया गया।

     इस अवसर पर अपर निदेशक/मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह ने शहरी पीएचसी पाण्डेयपुर का निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने समस्त चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का अवलोकन किया। इसके साथ ही चिकित्सक व समस्त स्टाफ को दिशा-निर्देश भी दिए। डॉ वीबी सिंह ने बताया कि जिले की 52 पीएचसी में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेले का उद्देश्य है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो। हमारा प्रयास है कि इस मेले से अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि मेला परिसर में प्रवेश करने से पूर्व प्रत्येक व्यक्ति की स्क्रीनिंग की जा रही है। मेले में मास्क और सेनिटाइजर की भी व्यवस्था है। सभी लोग सहयोगात्मक व्यवहार करें। इससे जांच, उपचार और दवाओं आदि की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।


   इसके साथ ही शहरी पीएचसी पाण्डेयपुर पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ निधि पांडे की देख-रेख में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नाट्य संस्था मंच दूतम की ओर से महिला व बाल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता को लेकर लोक गीत सहित नुक्कड़ नाटक मंचन किया गया। इस दौरान वहाँ मौजूद लाभार्थियों व आशा कार्यकर्ताओं ने नाटक मंचन की काफी सराहना भी की।  

मेले में 2495 लोगों की स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें  905 पुरुषों, 1273 महिलाओं और 317 बच्चों को देखा गया । इन स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगाकर 238 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए। इस दौरान कोविड हेल्प डेस्क पर 1331 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गईं, जिसमें 529 व्यक्तियों का एंटीजन किट से कोरोना टेस्ट किया गया जिसमें सभी व्यक्ति निगेटिव पाये गए। इसके अलावा 52 लोगों की हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई, बुखार के 245, 9 1 लोगों की मलेरिया जांच में एक भी पॉजिटिव नहीं, 46 लिवर, 160 मरीज श्वसन, 240 उदर, 128 मधुमेह, 406 त्वचा संबन्धित मरीज, 15 टीबी के संभावित लक्षण दिखने वाले व्यक्ति, 43 एनीमिक (खून की कमी), 102 हाईपेर्टेंशन, 171 महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच (एएनसी), 766 अन्य रोगों के मरीज देखे गए। वहीं 15 मरीजों को संदर्भित किया गया। मेले में 8 कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया गया। 5 मरीजों को चिकित्सीय उपचार के लिए भेजा गया। इसके अलावा 1 मरीज को जनरल सर्जरी एवं 38 मरीजों को आँख की स्क्रीनिंग की गयी जिसमें 4 मरीजों को सर्जरी, 1 मरीज को ईएनटी सर्जरी, 4 मरीज को ओब्स एवं गायनी सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। जिला स्तर पर मेले में 112 मेडिकल ऑफिसर एवं 411 पैरामेडिकल स्टाफ ने कार्य किया।

पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग -* जनपद सहित पूरे प्रदेश में 19 सितंबर 2021 से अब तक चार बार सीएम आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा चुका है। वाराणसी जनपद में इन चार आरोग्य मेलों में 11,607 लोगों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। इनमें 4,698 पुरुष व 6,909 महिलाएं शामिल हैं। 

मेले में मिलीं सुविधाएं 

मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।

रविवार, 17 अक्तूबर 2021

अमन और मोहब्बत का पैग़ाम लेकर दुनिया में आये प्यारे नबी

Eid miladdunnabi: नबी की शान में पेश होगा नातिया कलाम

  • हड़हासराय से निकलेगा जुलूस
  • रोशनी से जगमगा उठेगा मुसिलम इलाका
वाराणसी (dil india)। मरकजी यौमुन्नबी कमेटी की ओर से ईद मिलादुन्नबी पर सोमवार की रात जुलूस निकाला जाएगा। जुलूस हड़हासराय मैदान से निकलेगा। इसके बाद सराय हाड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मस्जिद खुदा बख्श, मस्जिद अलकुरैश, उस्ताद बिसमिल्लाह खान मार्ग होते हुए भीखा शाह गेट पर पहुंचकर समाप्त होगा। वहीं मंगलवार रात इशा की नमाज के बाद दालमंडी स्थित होटल में इनामी अंजुमनों को इनाम दिया जाएगा।

यह जानकारी मुस्लिम मुसाफिरखाने में शनिवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में याैमुन्नबी कमेटी के अध्यक्ष सैयद शकील अहमद बबलू (पूर्व चेयरमैन अल्पसंख्यक आयोग उप्र) व महामंत्री ज़ियाउददीन खां ने दी। उन्होंने बताया कि इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) दुनिया के लिए अमन और मोहब्बत का पैग़ाम लेकर आये थे। उनके आने से दुनिया में चारों ओर रहमत बरसने तगी।


उन्होंने लड़कियों को अल्लाह की रहमत बताया। यतीम, विधवाओं और गुलाम को सम्मानित स्थान दिलाया। संपत्ति में लड़कियों का हक दिलाया। दास प्रथा खत्म की। उन्होंने कहा कि दुनिया में आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को बदनाम किया जा रहा है। नबी-ए-रहमत को मानने वाला मुसलमान आतंकी हो ही नहीं सकता। इस दौरान आगा कमाल अहमद, मोहम्मद अबरार खान, शकील अहमद सिद्दीकी, अब्दुल अलीम, शकील अहमद आदि थे।


काशी की तर्ज पर हो रहा प्रदेश भर में कुष्ठ रोगियों का उपचार


कुष्ठ रोग: पाया काबू, काशी बना ‘रोल मॉडल’ 

सतत निगरानी ने दिलायी बड़ी सफलता :जिला कुष्ठ रोग अधिकारी

वाराणसी (dilindia)। एक  नवप्रयोग व सतत  निगरानी के बल पर  काशी ने न केवल कुष्ठ रोग (लेप्रोसी) पर काबू पाया  है बल्कि उस नवप्रयोग को ‘रोल मॉडल’ भी बना दिया है। वाराणसी में हुए इस नायाब प्रयोग को आज पूरे प्रदेश में अपनाया गया है। इस मॉडल पर ही कुष्ठ रोग के संक्रमण को रोकने की दिशा में  काम चल  रहा है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि एक दौर ऐसा भी था जब कुष्ठ को लाइलाज रोग माना जाता था। इसके रोगियों को लोग अछूत मानते हुए उनसे दूरी बना लेते थे। यहां तक कि कुष्ठ रोगियों को घर-परिवार से दूर कर उन्हें असहाय हालत में छोड़ दिया जाता था। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ही सरकार ने इस रोग के खिलाफ अभियान चलाया। नतीजा रहा कि वर्ष 2005 में कुष्ठ रोग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया,  लेकिन सरकार ने इस रोग से अपनी लड़ाई निरंतर जारी रखी। कुष्ठ के रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार ने वर्ष 2016 में इसके रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया। उस समय वाराणसी में हुए सर्वे के दौरान चिरईगांव-कमौली के 42 घरों वाले पुरवे में 27 नये रोगी मिले।  


जिला कुष्ठ रोग अधिकारी बताते हैं कि रोग पर काबू पाने के बावजूद एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में कुष्ठ रोगियों का मिलना आश्चर्यजनक तो था ही, लेकिन एक चुनौती भी थी। तब हमने कुष्ठ रोगियों का उपचार शुरू करने के साथ ही एक नया प्रयोग भी किया। रोगी को कुष्ठ रोग की दवा खिलाने के साथ ही उसके परिवार और आस-पास  के घरों में तपेदिक (टीबी) के  उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा की सिंगल खुराक दी। इसके सार्थक परिणाम आने शुरू हो गये। कुष्ठ रोगी तो ठीक हुआ ही रोगी के संपर्क में आने वाले उसके परिवार और पड़ोसियों का भी संक्रमित होना बंद हो गया। यह एक बड़ी सफलता थी। फिर इस प्रयोग को पूरे जिले में उन सभी जगहों पर किया गया जहां-जहां सर्वे के दौरान कुष्ठ रोगियों का पता चलता था। नतीजा हुआ कि कुष्ठ रोग का संक्रमण पूरी तरह रुक गया। डा. राहुल सिंह बताते हैं कि काशी में हुए इस नव प्रयोग की प्रदेश भर में जमकर सराहना हुर्इ और और उप महानिदेशक (कुष्ठ) डा. अनिल कुमार ने अक्टूबर 2018 में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया। अब बनारस ही नहीं पूरे प्रदेश में कुष्ठ के संक्रमण को रोकने के लिए इस मॉडल पर काम चल  रहा है। 

 और कम होते गये कुष्ठ रोगी 

वर्ष 2016-17 में बनारस में कुष्ठ रोगियों की संख्या 303 थी। वर्ष 2017-18 में 226, वर्ष 2018-19 में 133, वर्ष 2019-20 में 128 और वर्ष 2020-21 में यह संख्या घट कर महज 79 पहुंच चुकी है।

 क्या है कुष्ठ रोग 

 जिला कुष्ठ रोग अधिकारी बताते हैं कि अन्य रोगों की तरह कुष्ठ रोग भी एक प्रकार के सुक्ष्म कीटाणु से होता है। इसके रोगी की त्वचा पर हल्के पीले, लाल अथवा तांबे के रंग के धब्बे हो जाते है। इसके साथ ही उस स्थान पर सुन्नपन होना, बाल का न होना, हाथ-पैर में झनझनाहट आदि कुष्ठ रोग के लक्षण  हो सकते हैं।

होती है मुफ्त जांच व उपचार – डॉ सिंह कहते हैं कि कुष्ठ रोग अब असाध्य नहीं रहा। इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं। प्रारम्भिक अवस्था में उपचार से ही इसके रोगी ठीक हो जाते है और उनमें दिव्यांगता  नहीं हो पाती। वह बताते हैं  कि सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में इसके जांच व उपचार की मुफ्त व्यवस्था है। इसके उपचार में यदि कहीं किसी को दिक्कत आ रही हों तो वह उनसे सीधे भी सम्पर्क कर सकता है। उन्होने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के कमरा नम्बर- 321 में प्रत्येक कार्यदिवस प्रातः 10 बजे से दोपहर दो  बजे तक निःशुल्क ओपीडी की जाती है।

शनिवार, 16 अक्तूबर 2021

सोशल मीडिया के दौर में भी पत्रों की अहमियत बरकरार:पोस्टमास्ट जनरल





राष्ट्रीय डाक सप्ताह में मेल दिवस पर उत्कृष्ट ग्राहकों का सम्मान

 

वाराणसी 16 अक्टूबर (न्यूज दिल इंडिया लाइव)। विभाग नवीन सेवाओं और नई टेक्नोलॉजी के साथ अपनी सेवाओं के क्षितिज का निरंतर विस्तार करते हुए नित्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। मोबाइलईमेल और सोशल मीडिया के इस दौर में भी पत्रों की अपनी अहमियत है। आज भी तमाम महत्वपूर्ण दस्तावेज - सरकारी व कोर्ट संबंधी पत्रों के साथ आधार कार्डपासपोर्टड्राइविंग लाइसेंसवोटर आई कार्डपैन कार्डविभिन्न बैंकों की चेक बुक व एटीएम कार्ड डाकघरों से ही भेजे जाते हैं। 'राष्ट्रीय डाक सप्ताहके अंतर्गत 'मेल दिवसपर आयोजित 'ग्राहक सम्मेलनको संबोधित करते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने उक्त उद्गार व्यक्त किये।


 इस दौरान डाक विभाग को स्पीड पोस्ट सेवा में सर्वाधिक बिजनेस देने हेतु भारतीय जीवन बीमा निगममंडलीय कार्यालयभेलूपुरफर्स्ट फॉरेन सर्विस और क्षेत्रीय कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालयपहड़िया को पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित भी किया।

 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव  ने कहा कि डाक विभाग विभिन्न व्यवसाय समूहों के हिसाब से विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रहा है। इसमें स्पीड पोस्टबिजनेस पार्सलबिजनेस पोस्टमीडिया पोस्टबिल मेल सर्विसरिटेल पोस्टलॉजिस्टिक्स पोस्टडायरेक्ट पोस्टई-पोस्टई-पेमेंटइत्यादि  प्रमुख हैं। वाराणसी में कैंट प्रधान डाकघर परिसर में इंटरनेशनल बिजनेस सेंटर की स्थापना के बाद विदेशों में डाक भेजने में भी काफी सहूलियत हुई है। 

 

श्री यादव ने बताया किडाक विभाग ने तमाम कस्टमर फ्रेंडली सेवाएं आरंभ करके ग्राहकों  को अपनी तरफ आकर्षित किया है। श्री काशी विश्वनाथ सहित तमाम प्रसिद्ध मंदिरों के प्रसाद और पवित्र गंगा जल स्पीड पोस्ट से लोगों के पास पहुँच रहे हैं। पार्सल वितरण हेतु नोडल डिलीवरी सेंटर तो ई-कॉमर्स उत्पादों हेतु कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा दी जा रही है। लेटर बॉक्स से नियमित निकासी हेतु 'नन्यथाएप और डाक वितरण हेतु पोस्टमैन मोबाइल एप के माध्यम से डाकिया को हाईटेक बनाया गया है। आज डाकिया सिर्फ पत्र ही नहीं लातावह चलता-फिरता बैंक बनकर वित्तीय समावेशन में भी अहम भूमिका निभा रहा है।


 

इनकी रही खास मौजूदगी

वाराणसी पूर्वी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर राजनडाक अधीक्षक श्री संजय वर्मासहायक निदेशक राम मिलनसीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर सिंह  बरुआइंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक मैनेजर मुक्तासहायक अधीक्षक अजय कुमारआरके चौहाननिरीक्षक श्रीकांत पालवीएन द्विवेदीइन्द्रजीत पालशशिकांत कन्नौजिया सहित तमाम अधिकारी और विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

कर्बला के शहीदों की याद में निकला जुलूस

गमे हुसैन के आखिरी साठे के जुलूस में हुआ मातम

 वाराणसी 15 अक्टूबर(न्यूज दिल इंडिया लाइव)। गमे हुसैन के अन्तिम दिन और शिया वर्ग के 11वें इमाम हजरत हसन असकरी की शहादत पर शुक्रवार को साठे का जुलूस निकाला गया। इसी के साथ ग़म का दो माह आठ दिन का अय्याम पूरा हो गया।


या हुसैन की दर्द भरी सदाओं के बीच पुरानी अदालत दालमंडी में स्थित शब्बीर और सफदर के अजाखाने से निकले जुलूस में शहीदाने कर्बला को आंसुओं का नजराना पेश किया गया। जुलूस में शामिल अलम, दुलदुल, तुरबत और अमारी की जियारत की गई और लोगों ने मन्नतें उतारीं। रास्ते भर अंजुमन हैदरी के दर्द भरे नौहें अकीदतमंदों की आंखें नम करते रहे। जुलूस नई सड़क काली महल पहुंचा तो यहां सैकड़ों की तादाद में मौजूद मर्द, ख्वातीन, बुजुर्ग, नौजवान, बच्चे और बच्चियों ने अमारी का इस्तकबाल किया। यहां से जुलूस अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ और शासन के गाइडलाइन के अनुसार नौहा और मातम करता हुआ दरगाहे फातमान पहुंचा। जहां अलविदाई मजलिस हुई। इससे पूर्व हुईं मजलिसों में कर्बला की शहादत के मंजर को बताया गया।

साठे का जुलूस उठने से पहले मजलिस को खेताब करते हुए लखनऊ से आए मौलाना इरशाद अब्बास नक़वी ने बताया कि इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों जिसमें एक छह माह का बच्चा भी था। सबको तीन दिन का भूखा और प्यासा शहीद करने के बाद उस वक्त के दुर्दांत बादशाह और वक्त के पहले आतंकवादी यजीद के हुक्म पर उनकी औरतों, बच्चों और बीमार बेटे को पैदल करबला से कूफा और कूफा से शाम तक पैदल अजियत (यातनाए) देते हुए ले जाया गया। यज़ीदी फ़ौज ने बच्चों और औरते के गले एक रस्सी से बांध दिए थे। यदि औरतें उठती थीं तो बच्चों का गला कसने लगता था और वो दर्द से तड़प उठते थे। बच्चों को दर्द से बचाने के लिए इमाम के घर की औरतों ने 3590 किलोमीटर का सफर कमर को झुकाकर किया। यही नहीं यदि कोई औरत या बच्चा चलते चलते रुक जाता था तो उसे कोड़ों से मारा जाता था। 

मौलाना की ये तकरीर सुन वहां मौजूद शिया समुदाय की महिलाएं और पुरूष बिलख पड़े। मौलाना ने बताया कि इमाम हुसैन और उनके साथियों को सिर्फ इसलिये शहीद कर दिया गया क्योंकि इमाम हुसैन ने अपने नाना पैगंबर साहब के दीन को बचाने के लिए यजीद की शर्तों पर अपनी हामी नहीं दी थी। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि आज इमाम हसन असकरी की शहादत पर ताबूत भी उठाया गया। आखिर में असकरी रज़ा सईद ने शुक्रिया अदा किया।

यौमुन्नबी वीक में मनेगी खुशी

दो महीने आठ दिन, गम के दिन पूरे होने पर शनिवार को शिया हजरात खुशी मनाएंगे। गमों का लिबास उतारकर खुशियों के नए लिबास ओढ़ेंगे। घरों में पकवान बनेंगे। शिया जामा मसजिद के प्रवक्ता सै. फरमान हैदर ने बताया कि शिया वर्ग अब यौमुन्नबी वीक मनायेगा, घरों व इमामबाड़ों में महफिलें होंगी।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...