सोमवार, 4 दिसंबर 2023

NDRF के जवानों ने बेजुबान को कुएं से निकाला

संकट में थी गाय, जांबाज़ जवानों ने बचाई जान





Varanasi (dil India live).04.12.2023. एनडीआरएफ वाराणसी की टीम आपदा के समय जन मानस की सहायता हेतू राहत-बचाव कार्य के लिए सदैव तत्पर रहती है, लेकिन कभी यदि जीव-जंतुओं को बचाने की बात आती है तो मानवता के नाते अपने दायित्व को निभाते हुए एनडीआरएफ के बचाव कर्मी अपनी सार्थक भूमिका निभाते है। इसी क्रम में आज एक घटना गांव मजीठिया, थाना लालपुर पांडेयपुर के अंतर्गत घटित हुई I जिसमें एक गाय 50-60 फिट गहरे कुएं में जा गिरीI कुआं खेतों के बीच में था जिसका बहुत समय से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा थाI जैसे ही गांव वालों को इसकी जानकारी  मिली तो उन्होंने गाय को निकालने का प्रयास किया, कुएं में जहरीली गैस होने के कारण स्थानीय लोग गाय तक पहुंच नहीं बना पा रहे थेI जिसके बाद जिला प्रशासन को घटना की जानकारी दी गई और घटना का संज्ञान लेते हुए चौकाघाट स्थित एनडीआरएफ टीम को घटना की जानकारी दी गई I 

एनडीआरएफ के उप महानिरिक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एनडीआरएफ टीम को घटना स्थल पर बचाव कार्य के लिए निर्देशित कियाI घटनास्थल पर पहुंची टीम ने स्थिति का जायजा लिया। कुएं में गिरी गाय की स्थिति को देखते हुए तुरंत कार्रवाई करते हुए डीप डाइविंग सेट लगाकर, रोप रेस्क्यू के माध्यम से रेस्क्यूअर को नीचे उतारा गयाI अपनी जान जोखिम में डालकर एनडीआरएफ के रेस्क्यूअर ने गाय तक पहुंच बनाई और गाय को लगी चोटों को ध्यान में रखते हुए गाय को बाँधा और टीम ने रोप रेस्क्यू के माध्यम से सुरक्षित गाय को कुएं से बाहर निकाला। पुलिस की मौजूदगी में गाय को गांव वालों को सौंपा गया।

रविवार, 3 दिसंबर 2023

"आगमन" का पहला संडे, हुई प्रभु यीशु के जन्म का जश्न की शुरुआत

चर्चेज में अमन के राजकुमार की आराधना में डूबे मसीही 

में


Varanasi (dil India live).03.12.2023. अमन के राजकुमार तेरा हो अभिषेक...। हो हो प्यारी रात, हो खुशी की रात आयी है...। कुछ ऐसे ही कैरोल गीत फिज़ा में संडे को बुलंद हो उठें। मौका था प्रभु यीशु के जन्म के पूर्व पड़ने वाले "आगमन" काल के पहले संडे का।

क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल के पहले इतवार से हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो 3 दिसंबर से इस बार शुरू हो गया है। दरअसल ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है। चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। सेंट पाल चर्च के पादरी सैम जोशुआ व पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर फिलिप डेनिस ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आगमन का पहला इतवार इस बार 3 दिसंबर है। वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित ने प्रार्थना करायी। अब आगमन का दूसरा इतवार 10 दिसंबर और 17 दिसंबर आगमन का तीसरा और इसके बाद क्रिसमस आयेगा। इस मौके पर लाल चर्च में आगाज़-ए-मसीह का आयोजन किया गया जिसमें पादरी संजय दान ने आराधना करायी। आयोजन में शशि प्रकाश, विशाल लयूक, सरिता फिलिप्स, विजय दयाल आदि मौजूद थे। ऐसे ही मुगलसराय में फादर विजय शांति राज की अगुवाई में प्रभु यीशु मसीह की आराधना और प्रार्थना कर विश्व शांति की दुआएं मांगी गई। इस दौरान दूर दराज से काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग जुटे हुए थे।

Aghan Hindu महीना, मगर नमाज़ अदा करते हैं मुस्लिम

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है अगहनी जुमा

इस बार 8 दिसम्बर को अदा होगी अगहनी जुमे की नमाज 

अगहनी जुमे की नमाज की तैयारियों को लेकर बैठक में जुटे बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के मेम्बर्स 


Varanasi (dil India live).03.12.2023. अगहन हिंदू महीना है मगर इस दिन मुस्लिम बुनकर अपना कारोबार बंद करके नमाज़ अदा करते हैं। वो भी अगहन की नमाज। यह गंगा जमुनी तहजीब ही है जो सदियों से बनारस में फल फूल रही है। अगहन के दूसरे शुक्रवार को सैकड़ों साल से बुनकर पुराना पुल और चौका घाट ईदगाह में एकत्र होते हैं और अगहनी जुमे की नमाज अदा करते हैं। पूरी दुनिया में अगहनी जुमे की नमाज केवल बनारस में ही अदा की जाती है। इस बार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल अगहनी जुमा 8 दिसम्बर को है। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के अध्यक्ष सरदार इकरामुद्दीन के रसूलपुरा स्थित आवास पर एक मीटिंग बुलाई गई इस मीटिंग में सर्व सम्मति से तय हुआ कि विगत वर्षों की भांति आगामी शुक्रवार को अगहनी जुमा की नमाज़ चौका घाट स्थित ईदगाह के मैदान में अदा की जाएगी, जिसकी इमामत जनाब मौलाना अल्ताफुर्रहमान साहब करेंगे तो उधर पुराना पुल ईदगाह में भी अगहनी जुमे की नमाज अदा की जाएगी। सरदार ने बताया कि यह नमाज़ पुरानी परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अगहन मास में अदा की जाती है, और कारोबार में बरकत, मुल्क में अमन व स्लामती के लिए दुआ की जाती है। नमाज के बाद किसान गन्ना और मछली की दुकान लगाते है। नमाजी यहां से नमाज के बाद गन्ना खरीद कर घर लौटते हैं।

बैठक में नमाज की व्यवस्था सौंपी गई जिसमें मुख्य रूप से अब्दुल्ला अंसारी, जैनूल होदा अंसारी, जलीस अंसारी, वकास अंसारी, गुलाम मुनीर अंसारी, आफताब आलम अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुन्ना अंसारी, मुहम्मद अली नक्शेबंद, यासीन फरीदी, सुलेमान अख्तर, ज़हीर अहमद, बेलाल अहमद, हाजी अनवारूल हक, हाजी नजमूल हसन, शहंशाह, बाबू तार वाले, अबू बकर, हारून, हाजी सरदार अमीनुद्दीन, हाफीज़ अहमद, सरदार नसरुद्दीन आदि शामिल थे।

शुक्रवार, 1 दिसंबर 2023

विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षक संघ ने दिया धरना

मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन तेज करने की दी धमकी  




Varanasi (dil India live).01.12.2023. उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पू०मा०) शिक्षक संघ के प्रान्तीय नेतृत्व के ऐलान पर प्रेरणा एप के माध्यम से आनलाइन उपस्थिति के विरोध एवं शिक्षकों की 17140-18150 वेतनमान, अर्द्ध अवकाश, प्रतिकर अवकाश, उपार्जित अवकाश, कैशलेश चिकित्सा सुविधा, प्रोन्नति वेतनमान, पदोन्नति स्थानान्तरण 01 दिसम्बर 2005 से पूर्व विज्ञापित विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के माध्यम से नियुक्त शिक्षक एवं अन्य शिक्षकों/कर्मचारियों को पुरानी पुरानी पेंशन दिये जाने, शिक्षामित्र व अनुदेशकों को सम्मानजनक मानदेय, बढ़ोत्तरी सहित शिक्षकों के अन्य महत्वपूर्ण मांगों के समर्थन में शनिवार को समय 2 बजे से 4 बजे तक जूनियर शिक्षक संघ के जिला महामंत्री वाराणसी व ब्लाक अध्यक्ष चिरईगांव रवीन्द्र नाथ यादव के नेतृत्व में विकास क्षेत्र चिरईगांव के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, शिक्षामित्र, अनुदेशकों सहित विभिन्न शैक्षिक संगठनों जैसे प्राथमिक शिक्षक संघ, विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ 1160, अटेवा संघ, शिक्षामित्र, अनुदेशक, मृतक आश्रित शिक्षक संघ सहित जूनियर शिक्षक संघ के

पदाधिकारिगणों द्वारा भारी संख्या में उपस्थित होकर विशाल धरना दिया गया। साथ ही मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन खण्ड शिक्षा अधिकारी चिरईगांव को सौंपा गया। धरने को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल (पू०मा०) शिक्षक संघ के जिला महामंत्री एवं ब्लाक अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ यादव ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा उ०प्र० द्वारा जारी प्रेरणा एप के माध्यम से आनलाइन उपस्थिति को अपने निजी सिम व डाटा से देने सम्बन्धी तुगलकी आदेश को वापस न लेने तक आन्दोलन जारी रखते हुए विरोध करने का शिक्षकों से अपील किया जिसका धरने में आये हुए सभी शिक्षकों ने समर्थन किया। रविंद्र यादव ने कहा कि सभी शिक्षक एवं संगठन एकजुट होकर विरोध दर्ज करायें। अगर आदेश वापस नहीं किया जाता है तो अगली रणनीति तैयार कर विरोध प्रदर्शन तेज किया जायेगा। जिसके लिए शिक्षक हमेशा तैयार रहें। धरने को प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लाक अध्यक्ष ज्योतिभूषण त्रिपाठी, अटेवा के जिला मंत्री बीएन यादव, विशिष्ट बीटीसी के जिला मंत्री अशोक यादव, प्राथमिक शिक्षक संघ 1160 के जिलाध्यक्ष महेन्द्र बहादुर सिंह, प्रदेश व जिला उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह यादव, अटेवा के जिला सह संयोजक एहतेशामुल हक, शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष अमरेन्द्र दूबे, अनुदेशक संघ के जिलाध्यक्ष गणेश यादव, यशपाल यादव, गिरीश चन्द्र यादव, विपीन मिश्रा, प्रमोद सिंह यादव, मुन्ना प्रसाद, शिव कुमार विश्वकर्मा, आरती गौतम, प्रीति शुक्ला, सुनीता जायसवाल, प्राथमिक के मंत्री शैलेन्द्र पाण्डेय, जूनियर के मंत्री राजीव कुमार उपाध्याय, राजीव सिंह, मनीष कुशवाहा, राकेश कुमार ने भी धरने में सम्बोधित किया। धरने में मुख्य रूप से सर्वश्री प्रशान्त कुमार, उपाध्याय, अरविन्द यादव, दशरथ 

मौर्य, संतोष कुमार, राकेश कुमार, प्रमोद पटेल, पार्थेश्वर पाण्डेय, अनिता यादव, मीरा मिश्रा, अलका बाजपेयी, अरविन्द यादव, केशरी रमेश सिंह, संदीप यादव, अजय यादव, लल्लन यादव, रामराज भारती, गुलाब प्रसाद, केशरी कुमार पाण्डेय, घनश्याम पटेल, रविन्द्र यादव, अरविन्द सिंह, साधना सिंह, अन्जना सिंह, विद्या यादव, निर्मला सिंह, शशिबाला यादव, प्रताप नारायण सिंह, अरूण कुमार चौबे, सुरेन्द्र यादव, कमलचन्द, शशिकान्त सिंह यादव, विनिता सिहं, राजेश पटेल, राकेश तिवारी, पुष्पा सिंह, कमला सिंह, गीता देवी, रामजी मौर्य, शैलेश कुशवाहा, धर्मेन्द्र सिंह, नफीसा, वन्दना श्रीवास्तव, मनकेशरी देवी, पुष्पा सिंह, सीमा गौतम, चन्द्ररेखा सिंह, अर्चना चौहान, पुष्पा सिंह, मोना गुजराती, राजेन्द्र चौहान, धीरेन्द्र मिश्रा, विनय सिंह, सुभाष चन्द्र यादव, कमलेश कुमार, नीलम त्रिपाठी, पुनीता उपाध्याय, शहनाज बेगम, संदीप सिंह यादव, दीप्ति मिश्रा, रुकसाना, आरती देवी, मनदेवी गुप्ता, शबनम, लालचन्द, छोटूराम, ओमप्रकाश यादव, राजेश सिंह यादव, सुधीर सिंह, घनश्याम भारती, पुष्पा देवी, ममता गुप्ता, लाल बहादुर राम, उपेन्द्र सिंह, निशिकान्त द्विवेदी, पंचम राम, जयप्रकाश यादव, राधेश्याम यादव, अजय कुमार सिंह, नरसिंह, गोविन्द सिंह यादव, किरण सिंह, चन्दा भारती, गीता यादव आदि भारी संख्या में शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक एवं विभिन्न शैक्षिक संगठनों के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।

सर्दियों की दस्तक संग काशी पहुंचने लगे साइबेरियन पक्षी



Varanasi (dil India live). 01.12.2023.सर्दियों की दस्तक के साथ साइबेरियन पक्षियों के काशी पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। ठंड बढ़ने के साथ ही पक्षियों की संख्या और बढ़ेगी। साइबेरियन पक्षी गंगा की लहरों पर कलरव करते हैं। सैलानियों के लिए यह नजारा आकर्षित करने वाला होता है। सैलानी प्रवासी पक्षियों को ब्रेड, नमकीन और तमाम तरह की चीजें खिलाते हैं। फरवरी के अंत तक तापमान बढ़ने के साथ ही प्रवासी पक्षी वापस लौटने लगते हैं। आमतौर पर साइबेरियन पक्षी अक्टूबर में गंगा किनारे घोसला बना लेते हैं, लेकिन इस बार देर से आए हैं। नवंबर के मध्य से ही साइबेरियन पक्षियों के वाराणसी पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। प्रवासी पक्षी गंगा किनारे अपना ठिकाना बनाते हैं। घाटों पर आने वाले सैलानियों व काशीवासियों को गंगा की लहरों के बीच इनका कलरव काफी आकर्षित करता है बीएचयू के विज्ञान संकाय की पूर्व प्रमुख प्रो. चंदना हलधऱ ने बताया कि पृथ्वी के ध्रुवों व मध्य अक्षांशों के इलाकों के बीच मौसम व जलवायु में बहुत अधिक अंतर देखने को मिलता है। इस अंतर की वजह से ही उत्तरी ध्रुव के पास रहने वाले पक्षी सर्दी में अपना ठिकाना बदल लेते हैं और निकले अक्षांश वाले इलाकों का रुख कर लेते हैं। इन इलाकों में उनके अनुकूल कम सर्दी पड़ती है। इसलिए भारत के मैदानी नदी व झीलों के पास सर्दी के दौरान बहुत सारे पक्षी दिखते हैं। यूक्रेन वार के बाद घटी संख्या 

 यूक्रेन व रूस के मध्य साइबेरिया में ही ये पक्षी पाए जाते हैं। सर्दियों के मौसम में प्रजनन के लिए ठिकाना बदलते हैं। खासतौर से वाराणसी में बड़ी संख्या में ये पक्षी पहुंचते हैं। इन्हें लोग नमकीन, ब्रेड आदि खिलाते हैं। प्रो. हलधर बताती हैं कि साइबेरियन पक्षियों का मुख्य भोजन मछली होता है। उन्हें ब्रेड और नमकीन खाने से उन्हें डायरिया होता है। इससे अधिक समय तक जीवित नहीं रह पाते हैं।

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

Aghani Juma: 8 को अदा की जाएगी ऐतिहासिक नमाज़

अगहनी जुमे पर होगी देश और कौम की खुशहाली की दुआएं 



अगहनी जुमे की नमाज की तैयारियों को लेकर बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी की बैठक में जुटे सरदार साहेबान 


Varanasi (dil India live). मोहल्ला काजी सादुल्लापूरा स्थित  बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के पूर्व सरदार स्व. हाजी अब्दुल कलाम के आवास पर सालाना होने वाली अगहनी जुमें की ऐतिहासिक नामाज की तैयारी को लेकर  बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी  के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ़ कल्लू हाफीज  की अध्यक्षता में पुरे काबीना के सदस्यों के साथ एक बैठक हुयी ।  बैठक में बाईसी तंजीम के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफीज ने बताया की सदियो पुरानी अगहनी जुमे की नमाज की जो ये पारम्परा है उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए आज कबीना के  सभी ने ये तय किया है की इस साल अगहनी जुमे की नमाज़ की तारीख तय की गई इस साल पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज 8 दिसंबर को पूरानापुल के पुल्कोहना ईदगाह मे अदा की जायेगी। परंपरा के अनुसार अगहनी जूमे के नमाज के बाद दुआखानी की जायेगी जिसमें मुल्क की तरक्की, आपस में भाईचारगी बनी रहे उसके लिए खास दुआएं होती है। जो इस वक्त घर घर में बीमारी फैली है ये बीमारी खत्म हो उसके लिए दुआ की जाएगी और सभी के कारोबार में बरक्कत के लिए और सभीलोगो की परेसानिया दूर हो उसके लिए दुआखनी की जायेगी।
इस मौके पर सरदार साहेबान ने सभी बुनकर भाइयो से अपील किया कि अगहनी जुमे की नमाज में सभी बुनकर भाई अपना अपना कारोबार ( मुर्री) बन्द कर नमाज अदा कर दुआखानी में शामिल मिल हो। इस मीटिंग में हाजी बाबू, गुलाम मो. उर्फ दरोगा, अफरोज अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, हाजी यासीन माईको, गुलशन अली पार्षद, हाजी स्वालेह, डा. इम्तियाजुद्दीन, हाजी इश्तियाक, मौलाना शकील, हाजी स्वालेह, बाऊ सरदार, शमीम अंसारी, हाजी मुमताज, मो0 शाहिद, हाफिज नसीर, हाजी महबूब अली, बाबूलाल किंग, हाजी तुफैल, हाजी गुलाब, हाजी मतीउल्ला, हाजी मोइनुद्दीन, हाजी नईम, मो. हारून, हाजी अली अहमद, हाजी रफीक, नसीर सरदार, रेयाज अहमद, सुक्खू अंसारी, हाजी अनवार, हाजी गुलाब, हाजी यासीन सहित काबीना के सारे सदस्य मौजूद थे।

सोमवार, 27 नवंबर 2023

काशी में गंगा स्नान को उमड़े श्रद्धालु

कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में लगी आस्था और श्रद्धा की डुबकी 

देवताओं की दीपावली पर सभी ने किया दीपदान 





Varanasi (dil India live).27.11.2023. धर्म की नगरी काशी में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। प्रातः से से ही वाराणसी के गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध राजेंद्र प्रसाद घाट, दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, केदार घाट, राजघाट समेत सभी प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालु गंगा में स्नान ध्यान करने के बाद आचमन करते हुए अपने श्रद्धा अनुसार ब्राह्मण एवं निर्धन व्यक्तियों को दान करते दिखाई दिए। काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताता लगा हुआ था। दूर-दूर से भारी संख्या में आए भक्त बाबा के दर्शन पाने के लिए रात भर से ही लाइन में लग गए थे। इस दौरान देवताओं की दीपावली पर सभी ने दीप दान किया।

आखिर कार्तिक पूर्णिमा की क्या है मान्यता 

कार्तिक पूर्णिमा को लेकर विभिन्न मान्यताएं हैं, लेकिन एक प्रचलित मान्यता के अनुसार आदिकाल में त्रिपुरासुर नामक राक्षस का आतंक व्याप्त था। कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही भगवान शिव ने प्रदोष काल में अर्धनारीश्वर का रूप लेकर त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था। इस दौरान भगवान विष्णु ने भगवान शंकर को त्रिपुरारी नाम दिया, जो कि महादेव के विभिन्न नामों में से एक है। इस वध से सभी देवी देवता प्रसन्न हुए और देवी- देवताओं ने भगवान शंकर की नगरी काशी में गंगा किनारे दीप जलाकर दीपावली मनाई, तभी से यह परंपरा काशी में चली आ रही है। मानता है कि तभी से काशी में प्रत्येक देव-दीपावली के अवसर पर साक्षात देवतागण स्वर्ग से उतरकर काशी में दीपावली मनाने आते हैं, तो वही इस पर्व को भगवान विष्णु के प्रथम अवतार यानी मत्स्य अवतार के रूप में भी मनाया जाता है।

आदिकाल में वेदों की रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार लिया था, जो कि उनका पृथ्वी पर प्रथम अवतार था। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान से अपने पापों की मुक्ति मिलती है। प्रातः से ही लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान कर चुके थे । तो वहीं काशी के विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का की लंबी कतार लगी हुई है. इसके अलावा काशी के काल भैरव मंदिर, संकट मोचन मंदिर, दुर्गाकुंड समेत सभी प्रमुख मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है, तो वही घाट पर ही गंगा स्नान करने के बाद श्रद्धालु घाट और मंदिरों में दर्शन पूजन व दीपदान करते दिखाई दिए।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...