शनिवार, 19 मार्च 2022

खुद को क्यो दरोगा ने मारी गोली

काफूर हो गई दरोगा के घर वालों कि होली कि खुशियां

गोरखपुर के तिवारीपुर थाने की घटना


गोरखपुर १९ (दिल इंडिया लाइव)। गोरखपुर में एक दरोगा के परिवार की होली खराब हो गई। जब पूरा जिला होली की खुशियां मनाते हुए एक दूसरे को रंगों से सराबोर कर रहा था तो दूसरी तरफ गोरखपुर के तिवारीपुर थाने में तैनात दरोगा हरेंद्र प्रताप सिंह ने शनिवार की सुबह अपने आवास में गोली मारकर खुदकुशी कर ली। गोली चलने की आवाज सुनकर पहुंचे पुलिसकर्मी और थानेदार जमीन पर खून से लथपथ पड़े दरोगा को बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 2017 बैच के दारोगा 30 वर्षीय हरेंद्र प्रताप सिंह अयोध्या जिले के रहने वाले थे। एक साल से उनकी तैनाती तिवारीपुर थाने में बतौर सेकेंड अफसर थी। हरेंद्र थाना परिसर में स्थित सरकारी आवास में ही रहते थे।

शनिवार की सुबह 6 बजे बजे थाने में तैनात पुलिसकर्मी घंटाघर से निकलने वाली भगवान नृसिंह की शोभायात्रा में ड्यूटी करने के लिए निकल रहे थे। इसी दौरान सरकारी आवास की तरफ गोली चलने की आवाज सुनाई दी। सिपाहियों के साथ थानेदार राजेन्द्र प्रताप सिंह पहुंचे तो दरोगा हरेंद्र प्रताप सिंह अपने आवास में फर्श पर खून से लथपथ पड़े थे। कमरे में ही उनकी सरकारी पिस्टल पड़ी थी। सरकारी जीप से ही अचेतावस्था में हरेंद्र को थानेदार राजेंद्र प्रताप सिंह बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

घटना की जानकारी होते ही एसएसपी डॉ. विपिन ताडा, एसपी सिटी सोनम कुमार फोर्स के साथ मेडिकल कालेज पहुंच गए और थानेदार से घटना की जानकारी ली। प्रभारी निरीक्षक तिवारीपुर राजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दरोग़ा को गोली कैसे लगी इसकी जांच चल रही है।

हरेंद्र प्रताप सिंह के दाएं कनपटी के पास लगी गोली पार हो गई है। जिसकी वजह से हरेंद्र के खुदकुशी करने की बात कही जा रही है। जिस कमरे में घटना हुई है उसे सील कर दिया गया है। फोरेंसिक टीम मामले की जांच कर रही है। थाने में तैनात पुलिसकर्मी चर्चा कर रहे थे कि पारिवारिक विवाद में दरोगा ने खुद को गोली मारी है। पिछले कई दिनों से हरेंद्र परेशान चल रहे थे।

शबे बरात की इबादत संग रखा नफिल रोज़ा

कई जगहों पर इज्तेमा, पूरी रात मोमिनीन ने की इबादत




वाराणसी १९ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। शब-ए-बारात पर पूरी रात जागकर मोमिनीन ने इबादत की व अलसहर सहरी खाकर नफिल रोज़ा रखा। इससे पहले अकीदतमंद दिन भर शबे बरात की तैयारियों में जुटे रहे। मस्जिदों व कब्रिस्तानों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था की गई। शाम होते ही हर तरफ मस्जिदों व कब्रिस्तान विद्युतीय रोशनी से जगमगा उठा। अकीदतमंदों ने रात भर इबादत कर रब से अपने अज़ीज़ो व पुरखों के लिए मगफिरत की दुआएं मांगी।

वाराणसी में दावते इस्लामी की ओर से विभिन्न मस्जिदों व मदरसों में इज्तेमा का एहतमाम किया गया था, जिसमें पूरी रात जहां नबी की सुन्नतों पर उलेमा ने रोशनी डाली वहीं शबे बरात की खास नमाज़े अदा की गई। इबादत का दौर शाम से पूरी रात भर चला। दावते इस्लामी से जुड़े डॉ साजिद ने बताया कि हिजरी कैलेंडर के आठवें महीने की 15 वीं रात को अकीदतमंदों ने रात भर इबादत में गुजारा। रात की इबादत को देखते हुए मस्जिदों व कब्रिस्तानों में रौशनी किया गया था। शाम होते ही इबादतगुजार की संख्या बढ़ने लगी। इशा की नमाज के बाद से शुरू हुई इबादत सुबह नमाज के बाद खत्म हुई। इस दौरान अकीदतमंदों ने नमाज, नवफिल, कुरान पाक की तिलावत, तसबीह के साथ अन्य इबादत किया। इबादत व मगफिरत की इस रात में इबादत कर लोगों ने अपनी व अपने अज़ीज़ो, वालिदैन के लिए मगफिरत की दुआएं की। इस दौरान जहन्नुम से निजात के साथ जन्नत की रब से दुआ मांगी। उलेमाओं का कहना है कि इस रात अल्लाह पाक हर दुआ को कुबुल कर लेता है। हर इंसान की गुनाहों को माफ़ कर देता है।

अकीदतमंदों ने बनाया विशेष पकवान

शब-ए-बारात के मौके पर लोगों ने घरों में पकवान बनाया। घरों में महिलाओं ने चने, सूजी व अन्य प्रकार का हलवा बनाया। इस विशेष पकवान को लोगों ने फातेहा के बाद एक दूसरे को बतौर तबर्रुक खिलाया। शबे बरात पर लोगों ने शाम के समय गरीबों को खाना खिलाया, सदाका निकला, दिल खोल कर खैरात दिया। 

मजारों व कबिगस्तानों पर भीड़

शब-ए-बारात के मौके पर मजारों व कब्रिस्तान को झालरों से सजाया गया था। कब्रिस्तान की सजावट किया गया था। इस दौरान अकीदतमंदों ने कब्रिस्तान व मजार पर पहुंचकर फतिहा पढ़ीं।

15 दिन बाद शुरू होगा माह-ए-रमजान

जौनपुर के मौलाना करामत अली ने बताया कि शब-ए-बारात, माह-ए-रमजान आने की खबर करता है। शब-ए-बारात के 15 दिन बाद मुसलमानों के लिए मुकद्दस महीना माह-ए-रमाजान शुरू होगा। उन्होंने बताया कि रमजान चांद पर आधारित है। यही कारण है कि रमजान कब से है कुछ कहा नहीं जा सकता। हां तीन अप्रैल से रमजान सम्भावित है। 

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

आज लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं : राजेश चौबे

संवैधानिक मूल्यों को लागू करना सरकारों की पहली प्राथमिकता  हो: रामनाथ 



रॉबर्ट्सगंज १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)।जिस समतामूलक समाज का सपना आजादी के आंदोलन के दौरान परवान चढ़ा था आज वह बर्बाद हो रहा है। मुल्क नफरत, गैर बराबरी और कारपोरेट फासीवाद की आग में झुलस रहा है, यदि समय रहते  स्वतन्त्रता, समता,बंधुता और इंसाफ पर आधारित संवैधानिक मूल्यों के लिए संघर्ष नहीं किया जाएगा तो हमारी बसुधैव कुटुम्बकम की विरासत खतरे में पड़ जाएगी। आज जरूरत है कि संविधान की प्रस्तावना को आत्मसात कर उसे सुदूर ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने का प्रयास किया जाए ,जिससे जन मानस को न सिर्फ संवैधानिक मूल्यों की जानकारी हासिल हो बल्कि इन मूल्यों पर आधारित समाज निर्मित करने में भी आसानी हो।उक्त बातें राबेर्टसगंज के डिजायर सभागार में राइज एंड एक्ट प्रोग्राम के तहत आयोजित राष्ट्रीय एकता,शांति एवं न्याय विषयक सम्मेलन में वक्ताओं ने कही।

  मुख्य वक्ता रामनाथ शिवेंद्र ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा है इसे बचाये रखना हर नागरिक का कर्तव्य है।आज प्रतिगामी ताकते न केवल संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दे रही है बल्कि सदियों से स्थापित विश्व में हमारी पहचान के लिए भी खतरा पैदा कर रही हैं।धार्मिक पहचान को महत्व दिए जाने से विभिन्न समाजों के बीच टकराव की स्थिति पैदा होगी। यह भारत जैसे विविधता वाले मुल्क के लिए ठीक नहीं है इससे सावधान रहने की जरूरत है।

        वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता राजेश चौबे ने कहा कि सदियों से भारतीय समाज मेल-जोल से रहने का हामी रहा है। हमने पूरी दुनिया को सिखाया है कि विभिन्नता हमारी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत है।आज दुनियां भर में राजनीति के आयाम बदले हैं और लोकतांत्रिक मूल्य कटघरे में खड़े हैं। हमारा मुल्क भी इससे प्रभावित हुआ है।बावजूद इसके यह सोच लेना कि सभी  सरकार की सोच के साथ है ठीक नहीं है।हमारी एक बड़ी जमात आज भी मौजूद खतरों के बीच जनता और मुल्क के सवालों को उठा रही है।

      रामजनम कुशवाहा ने कहा कि हमारी कोशिश छोटी है पर समाप्त नही हुई है।हम सरकार से तब तक लड़ते रहेंगे जब तक   एक बेहतर समाज का निर्माण न हो जाये।हमारी कोशिश को सोशल मीडिया से लेकर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में देखा जा सकता है।

             काशी हिंदू विश्वविद्यालय की शोध छात्रा अर्शिया खान ने कहा की आज   सियासत लोगों को जोड़ने की जगह बांटनें का काम कर रही है।हम एक ऐसे भारत की ओर बढ़ रहे है जो नफरती उन्माद से परिपूर्ण है जब कि भारतीय समाज और राष्ट्र  प्रेम और अहिंसा पर आधारित रहा है।उन्होंने कहा कि आज बिना किसी अपराध के आदिवासियों को जेलों में डाल दिया जा रहा है जबकि बड़े बड़े घपले घोटाले करने वालों को तमाम छूट मिली हुई है।आज सियासत हमे तोड़ रही है जोड़ नहीं रही है।हमें सोचना पड़ेगा की वे कौन लोग हैं जो इस साझी विरासत के खिलाफ हैं।

      नाहिदा आरिफ ने कहा कि आजादी के आंदोलन और उससे भी सैकड़ों साल पहले से भारत साझी विरासत और मेल जोल की परंपरा को समेटे हुए निर्मित हुआ है जिसे आज कुछ ताकतें खत्म कर देना चाहती है. हमें इनसे सावधान रहना होगा।

   द्वितीय सत्र में जिलेवार प्रतिनिधियों को समूह मे बाँट कर दलीय चर्चा द्वारा स्थानीय समस्याओं को जानने की कोशिश की गई तथा राइज एंड एक्ट कैसे समतामूलक समाज निर्माण करने में उनकी मदद कर सकता है।

  गोष्ठी को विभिन्न सामाजिक वर्गों के प्रतिनिधियों रामजनम कुशवाहा,सतीश सिंह,फजलुर्रहमान अंसारी,श्रुति नागवंशी,लक्ष्मण प्रसाद,हरिश्चंद्र बिंद, रीता पटेल अयोध्या प्रसाद, कृष्ण भूषण मौर्य,रामकृत,राजेश्वर,जयप्रकाश बौद्ध, आदि ने भी सम्बोधित किया। गोष्ठी में पूर्वांचल के अनेक जिलों के लोग उपस्थित रहे।

  कार्यक्रम का विषय स्थापना डॉ मोहम्मद आरिफ, संचालन कमलेश कुमार धन्यवाद ज्ञापन अयोध्या प्रसाद और स्वागत कृष्णभूषण मौर्य ने किया।

सुबह होली का रंग जमा, शाम में शबे बरात पर शुरू हुई खास इबादत

बजता रहा होली पर डीजे, मोमिनीन अदा करते रहे शबे बरात की खास नमाज़े


वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। काशी में सुबह होली का रंग जमा, हिंदू भाइयों ने होली खेली तो मुस्लिम जुमे की नमाज अदा करते दिखे। शाम में शबे बरात पर खास इबादत शुरू हुई। एक तरफ होली का डीजे बज रहा था तो वहीं मुस्लिम शबे बरात की खास इबादत में मशगूल दिखें। 
शुक्रवार को काशी कुछ ऐसी ही गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करती दिखाई थी। हर तरफ सौहार्द के फूल बिखरे नज़र आएं। जैसे जैसे रात होती गई शबे बरात पर रात की खास इबादत शुरू हो गई है। मुस्लिम इबादत में मशगूल हो गए हैं। कोई फातेहा पढ़ रहा है तो कोई नफल नमाजें अदा कर रहा है। यही नहीं विरान रहने वाली कब्रिस्तानों में भी जैसे मेला लगा हो। फूल, मालों की दुकान सजी हुईं हैं। जियारत करने वाले अकीदतमंदों का हुजूम जनसैलाब की तरह उमड़ा हुआ है।

यहां हाज़िरी लगाते दिखे जायरीन

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुर, हुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंज, बहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरी, बजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तान, जक्खा कब्रिस्तान, सोनपटिया कब्रिस्तान, बेनियाबाग स्थित रहीमशाह, दरगाहे फातमान, चौकाघाट, रेवड़ीतालाब, सरैया, जलालीपुरा, राजघाट समेत बड़ी बाजार, पीलीकोठी, पठानीटोला, पिपलानी कटरा, बादशाहबाग, फुलवरिया, लोहता, बड़ागांव, रामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग पहुच कर शमां रौशन करते दिखाई दिए। इस दौरान सभी फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते दिखे।

दरअसल शबे बरात वो अज़ीम रात जिस इस रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार की इबादत में मशगुल रहते हैं। सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे। शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करेंगे। घरों में साफ़ सफाई के साथ ही रोशनी की गई है।

घरों में हुई शिरनी की फातेहा

शब बरात पर घरों में शिरनी की फातिहा मोमिनीन कराते हैं। इस दौरान ग़रीबो और मिसकीनों को खाना खिलाया जाता है। पास पड़ोस में रहने वालों को तबर्रुक तक्सीम किया जाता है।

घरो में लौटती है पुरखों की रूह

शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगा, किसकी जिंदगी खत्म होगी, किसके लिये साल कैसा होगा, पूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है, साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं। मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं। सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैं। 


पीएम मोदी के बनारस का ये है हाल

सीवर जाम से होली खेलने वाले हुए परेशान, शबे बरात पर यहीं से गुजरेंगे आज जायरीन



वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली और शबे बरात के बावजूद काली महाल, फाटक शेख़ सलीम, हंकार टोला औरंगाबाद मार्ग पर सीवर जाम होने से लोगों को भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। आलम यह है कि आज जहां हिंदू भाइयों ने इसी रास्ते से होकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होली खेली वही मुस्लिम शबे बरात पर इन्हीं रास्तों से फातेहा वह जियारत करने जाएंगे। होली और शबे बरात पर नगर निगम की तैयारी कितनी सतह पर थी, इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है।

मंगलवार, 15 मार्च 2022

सीएमओ को मातृशोक

 वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। मख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी की मां मालती चौधरी का मंगलवार को निधन हो गया। वह लगभग 92 वर्ष की थीं। 

सीएमओ संदीप चौधरी की माता मालती चौधरी मलदहिया स्थित आवास पर उनके साथ ही रहती थीं। कल शाम उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। उन्हें तत्काल श्री शिव प्रसाद गुप्त चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों के अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पूर्वाह्न दस बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। सीएमओं की मां के निधन की जानकारी मिलते ही उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों - कर्मचारियों में शोक व्याप्त हो गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा काफी संख्या में लोग उनके आवास पर पहुंचे और संवेदना व्यक्त की। स्व. मालती चौधरी का अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया गया। मुखाग्नि डा. संदीप चौधरी ने दी। उनकी अंतिम यात्रा में उनके रिश्तेदारों, शुभचिंतकों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के आधिकारी - कर्मचारी व काफी संख्या में गणमान्य लोग शामिल थे। मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली स्व. मालती चौधरी अपने पीछे चार पुत्र व एक पुत्री का भरापुरा परिवार छोड़ गयी हैं।

मिशन इंद्रधनुष को सफल बनाने के लिए की बैठक

धर्मगुरुओं ने कहा “बच्चे हमारे देश का भविष्य, इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी”

विभाग को किया सुनिश्चित, बच्चों व गर्भवती के टीकाकरण में करेंगे पूरा सहयोग


वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। “बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। इनको स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है और इसके लिए जरूरी है उनका नियमित टीकाकरण होता रहे। दो साल तक के बच्चों को 11 तरह की बीमारियों से बचाने के लिए जनपद में सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है, जिसे सफल बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। हर वंचित बच्चा टीकाकृत हो, बस आमजन को यही हमारा संदेश है”। 

उक्त विचार मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक के दौरान धर्मसमुदाय के गुरुओं की जुबान से निकले। बैठक जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ वीएस राय ने नेतृत्व में की गयी। इस दौरान डॉ वीएस राय ने धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों को नियमित टीकाकरण क्यों महत्वपूर्ण है, इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी। वहीं मिशन इंद्रधनुष अभियान में टीकाकरण से वंचित रहे दो वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती का टीकाकरण करवाने एवं इसके लाभ तथा आवश्यकता के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। अभियान के तहत जिले में आयोजित होने वाले टीकाकरण सत्र एवं स्थानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस टीकाकरण महाअभियान के तकनीकी पक्ष, वैक्सीन के प्रति संकोच, भ्रांतियां, विरोध के प्रकार, टीके के दुष्प्रभाव से जुड़े सवालों व इसके समाधान पर प्रकाश डाला।     

विभाग ने आशा जताई है कि धर्मगुरुओ एवं समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों के जरिये हर घर तक एक प्रेरणा के रूप में संदेश पहुंचेगा और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आएंगे। सभी धर्मगुरुओं ने सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान को सफल बनाने के लिए धर्मसभाओं एवं विभिन्न साधनों के जरिए प्रचार-प्रसार करवाने में पूर्ण सहयोग करने के लिए विभाग को सुनिश्चित किया। 

 इस दौरान मदरसा इसलामिया, हनफ़िया गुसिया, मतलौल उलूम, मदीनातुल उलूम, फ़ारूकीया, हामिदिया रिजविया, अहया उस सुन्ना, मरकज़ी अंसर उल उलूम के धर्मगुरुओं, शिक्षकों एवं अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पांडे, यूनीसेफ के प्रदीप विश्वकर्मा एवं डॉ शाहिद मुख्य रूप से मौजूद रहे।

...ज्यो कर सूरज निकलया, तारे छिपे अन्धेर पलोवा

पहले पातशाह गुरू नानक देव के प्रकाशोत्सव पर झूमा सिख समाज  धूमधाम व उल्लास से गुरुद्वारा गुरुबाग में मनाई गई नानक जयंती Varanasi (dil India ...