बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

कोविड ने अपनों की ली जान वे दूसरों को बचाने के लिए चला रहे अभियान

लोगों को समझाते हैं : ‘हमने अपनों को खोया है, आप भी रहे सावधान, खुद की ही नहीं दूसरों की भी बचाए जान’


वाराणसी, 02 फरवरी (dil India live) । कोरोना संक्रमण के कारण हमने अपनों को खोया है। अच्छी खासी गृहस्थी को बिगड़ते देखा है। जरा सी लापरवाही हर किसी के लिए खतरनाक हो सकती है। बस जरूरत है टीके की दोनों खुराक लेने और कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करने की। यह कहना है उन लोगों का जिन्होंने कोविड की पहली और दूसरी लहर में अपनों को खोया है। कोविड की तीसरी लहर में ऐसे लोग खुद तो सतर्क हैं हीं दूसरों को इसके लिए जागरूक कर रहे हैं।

    गिलट बाजार निवासी प्रांजल अपने काम-धाम के बीच समय निकाल कर हर रोज मित्रों के साथ लोगों को कोविड से सतर्क रहने के लिए जागरुक करते हैं । वह लोगों को बताते हैं कि कोरोना की पहली लहर में किस तरह उन्होंने अपने पिता को खोया । उसके बाद किस तरह उनके परिवार ने परेशानियों को झेला । वह लोगों को समझाते है कि परेशानियों से बचने का एकमात्र उपाय सतर्कता है । कोविड टीका लगवाने के साथ ही अगर हम कोविड प्रोटोकाल का पूरी तरह पालन करें, तो आप उस बड़ी मुसीबत से बच सकते है जिसे खुद उन्होंने झेला है।

  प्रांजल बताते हैं कि पिता के निधन के बाद तो ऐसा लगा जैसे सबकुछ तहस-नहस हो गया । खुद के साथ ही बहनों की पढ़ाई कैसे होगी, परिवार का खर्च कैसे चलेगा यह चिंता रात-दिन सताने लगी थी । वह एक ऐसा संकट का दौर था जिसके बारे में सोच कर ही कलेजा कांप उठता है । उस समय पूरा परिवार कोविड से ग्रसित था। प्रांजल कहते है, कोविड के चलते हमने ऐसी परेशानियों को झेला है जिसका सामना ईश्वर करे किसी को न करना पड़े । यही कारण है कि वह उन्होंने अब दूसरों को सतर्क रहने के लिए इन दिनों अभियान चला रखा है ।भोजूबीर के रहने वाले अरविन्द भी इन दिनों कुछ ऐसा ही कर रहे है। पेशे से दवा व्यवसायी अरविन्द ने अपने बड़े पिता को कोविड की दूसरी लहर में खोया है। वह बीएलडब्लयू कारखाने के कर्मचारी थे। किसी और के घर में ऐसी विपदा न आये इसके लिए अरविन्द भी लोगों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए जागरूक करने का काम कर रहे हैं । अरविन्द बताते है कि अधिकांश लोग इस गंभीर बीमारी पर पूरे दिन चर्चा करते रहते है लेकिन जब मास्क लगाने या दो गज की दूरी का पालन करने की बात आती है तो वह खुद इस मामले में लापरवाह हो जाते है । ऐसे लोगों को भ्रम होता है कि कोविड दूसरों को तो होगा, उन्हें नहीं । अरविन्द बताते है कि वह लोगों को यही समझाने का काम कर रहे है कि कोविड किसी को भी हो सकता है । इसलिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करना जरूरी है। पहड़िया निवासी दिव्यांशू ने कोविड की दूसरी लहर में अपने पिता को खोया । पिता के न रहने पर अचानक आई परिवार की जिम्मेदारियों को उठाने के साथ-साथ ही दिव्यांशू ने भी कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए अभियान चला रखा है । वह सामने पड़े ऐसे हर व्यक्ति को रोकते और टोकते है जिन्होंने मास्क नहीं पहन रखा होता है । उसे मास्क के महत्व के बारे में समझाते हैं, इसके साथ ही अपने सामने आयी परेशानियों का हवाला देते हुए यह सभी को यह समझाते हैं कि मास्क पहनना सभी के लिए क्यों जरूरी है। अपने दोस्तों-मित्रों को फोन कर वह सभी से पूछते हैं कि उन्होंने कोविड का टीका लगवाया है या नहीं। न लगवाने वाले को जल्द से जल्द लगा लेने की सलाह देते हैं। दिव्यांशू का मानना है कि यदि हर व्यक्ति सजग हो जाए और टीकाकरण कराने के साथ ही कोविड नियमों का पालन करे तो कोरोना को आसानी से हराया जा सकता है। उनका मानना है कि बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता है, ऐसे में जरूरी है सभी को अपने स्तर पर ऐसे ही अभियान चलाने की जिससे कोविड़ पर विजय पायी जा सके।

राजनीतिक दल के चुनाव घोषणा पत्र में इस समुदाय की तरक्की का संकल्प शामिल हो

मीट इण्डस्ट्री को कृषि उद्योग का दर्जा दिया जाए

आजादी के 75 साल बाद भी कुरैश समुदाय बदहाली का शिकार : ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश

वाराणसी 02 फरवरी (dil India live) । आल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद यूसुफ कुरैशी एडवोकेट, महासचिव चौधरी , अध्यक्ष यूथ विंग साजिद अहमद कुरैशी व यूथविंग प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी तौफीक कुरैशी के साझा बयान में कुरैशी बिरादरी से अपील की है। अपील में कहा है कि उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव में अपने - अपने हलकों में उस पार्टी और उम्मीदवार को वोट करें जो पार्टी और उम्मीदवार कुरैश बिरादरी के कारोबार की तरक्की और जो कारोबाद बंद किया गया है उसको दोबारा खोलने के लिए ठोस आश्वासन दे। आले उमर कुरैशी ने कहा कि कुरैश बिरादरी के वोट उस सियासी पार्टी को मिलेंगे जो पूरे सूबे के तमाम जिलों में जरूरत के मुताबिक स्लॉटर हाउस , पशु वधशालाएं बनाने की गारण्टी दे। अपील में कहा गया है कि सियासी पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात को प्रमुखता से कहे कि वह सत्ता में चुनकर आने के बाद मॉडर्न स्लॉटर हाउस बनाएगी । मीट इण्डस्ट्री को कृषि उद्योग का दर्जा दिया जाए और कृषि उद्योग को मिलने वाली समस्त रियायतें भी दी जाएं । गोश्त की दुकानों के लाइसेंस देने एवं नवीनीकरण प्रक्रिया का सरलीकरण करें ताकि गोश्त की दुकानों के नए लाइसेंस व रिन्यूअल आसानी से किए जा सके। ए.आई.जे. के ने चिंता जताते हुए कहा कि कुरैश बिरादरी के साथ निरंतर सौलेता व्यवहार हो रहा है । फैक्ट्रीयां , मीट प्लॉट जबरन बन्द कर दी गई हैं , सरकार ने लाखों लोगों को बेरोजगार बना दिया , उन्हें एक - एक निवाले का मोहताज बनाकर सड़क पर पैदल कर दिया । मीट प्लांट को चालू करने की राह में हज़ारों अड़चनें पैदा कर दी गई हैं । कुरैश बिरादरी को परेशान करने के लिए लाइसेंस और रिन्यूवल प्रक्रिया में पुलिस प्रशासन और तमाम विभागों का अनावश्यक हस्तक्षेप कर दिया गया है । इसका दुष्परिणाम ये हुआ कि डी . एम . की अनुमति के बगैर किसी भी जगह स्लॉटर हाउस , पशु मीट पलांट को चलाने की इजाजत नहीं दी जाती । जब तक किसी जिले के कलेक्टर , पुलिस और दीगर प्रशासन के अधिकारी एनओसी न दें , पॉल्यूशन बोर्ड भी एन.ओ.सी. नहीं देता है । कहा , हम उम्मीद करते हैं कि तमाम सियासी पार्टियां कुरैश बिरादरी की दिक्कतों को समझते हुए उन्हें दूर करने का बीड़ा उठाएगी । उत्तर प्रदेश में कुरैश बहुत बड़ी आबादी है । उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों के अन्दर मुस्लिम आबादी का करीब २० से ५० : कुरैशी बिरादरी का प्रतिनिधित्व है । ज्यादातर लोगों का रोजगार मांस के कारोबार से जुड़ा हुआ है । मीटर प्लांट का शत - प्रतिशत उत्पादन एक्सपोर्ट किया जाता है जिससे मुल्क की इकॉनामी और करेंसी का फायदा होता है । उत्तर प्रदेश सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों के चलते कुरैश बिरादरी का सारा कारोबार चौपट हो गया है । बिरादरी के लोग सियासी पार्टियों से अपील करें कि वह अपने एजेंडों , मेनिफेस्टों में हमारे कारोबार को चालू कराने की गारण्टी दें । हमें रोजगार दें और जो बेरोजगार किए गए हैं उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाए । कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए औपचारिकताएं कम से कम , जटिलताओं को कम करके प्रक्रिया आसान किया जाए । ताकि बेरोजगार हुए लोग रोजगार हासिल कर सके और बन्द पड़ी फैक्ट्रियां चालू हो सके । ताकि लाखों की तादाद में जो मजदूर बेरोजगार हुए हैं वह रोजगार में लग सके और हर जिले के अन्दर लोगों को अपनी मर्जी से हलाल गोश्त खाने को मिल सके । ऐसा तभी संभव होगा जब प्रत्येक जिले के अंदर माडर्न स्लाटर हाउस बनाए जाएंगे । ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश ने कुरैश बिरादरी की आवाह्न करते हुए कहा कि जो पार्टियां हमें ठोस आश्वासन न दें , हमारी मदद न करें या हमसे वादा न करें ऐसे लोगों , पार्टियों का बेझिझक बायकॉट करें । जो पार्टियां कुरैश बिरादरी की तकलीफ को दिल से महसूस करती है और सुलझाने के लिए मज़बूत इच्छा शक्ति रखती है । हमारा संगठन ७५ जिलों में सक्रिय है , हमारे जिला अध्यक्ष व पदाधिकारी , सियासी पार्टियों , उनके जिम्मेदार ओहदे दारान और प्रत्याशियों से सम्पर्क करेंगे। साझा बयान में साफतौर से कहा कि सियासी पार्टियां अपने - अपने चुनाव घोषणा पत्र में कुरैश समुदाय की तरक्की का संकल्प शामिल करें । गौवंश तस्करी और वध के झूठे आरोप में सूबे की जेलों में कुरैश बिरादरी के हज़ारों निर्दोष लोग सालों से कैद हैं , उनके परिवार भुखमरी का शिकार है । मांस के कारोबार पर पुलिस प्रशासन ने रोक लगा दिया है । कुरैश बिरादरी के अधिकांश लोगों की आमदनी बन्द हो गयी है इस वजह से उनके बच्चों की स्कूल , कालेजों की फीस जमा नहीं हो पा रही परिणाम स्वरूप बच्चों के नाम स्कूल से कट गए । गौवंश वध के संदिग्ध मामलों को फास्ट ट्रैक अदालतों में चलाकर त्वरित निर्णय लिया जाए, निर्दोषों और बेगुनाहों को जेल से आज़ाद किया जाए। ताकि वो समाज में सिर उठाकर स्वाभिमान के साथ जी सकें। कहा, सियासी पार्टी के लिखित आश्वासन के बाद ही ऑल इण्डिया जमीयतुल कुरैश उत्तर प्रदेश उक्त पार्टी को समर्थन देने के सम्बन्ध में विचार करेगा।

जानिये चुनाव तक क्या क्या है प्रतिबंधित

विधानसभा चुनाव के दौरान रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल / बाइक/ वाहन रैली तथा जुलूस 11 तक प्रतिबन्धित 

वाराणसी  (dil India live)। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सचिव, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार तथा 05 राज्यों, जहाँ विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 की प्रक्रिया गतिमान है के मुख्य सचिव एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी के साथ कोविड की वर्तमान एवं अनुमानित स्थिति, सम्बन्धित राज्यों में वैक्सिनेशन के प्रथम एवं द्वितीय डोज आदि पर गहनतापूर्वक विचारोपरान्त रोड शो, पद-यात्रा, साइकिल/बाइक/वाहन रैली तथा जुलूस 11 फरवरी, 2022 तक प्रतिबन्धित रहेंगे।

       आयोग द्वारा 01 फरवरी, 2022 से समस्त चरणों के लिए राजनैतिक दलों एवं निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवारों को अधिकतम 1000 व्यक्तियों (वर्तमान क्षमता 500 व्यक्तियों के स्थान पर) अथवा मैदान की क्षमता के 50 प्रतिशत अथवा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा नियत सीमा, जो कम हो, तक भौतिक रूप से मीटिंग्स की अनुमति प्रदान की गई है। आयोग द्वारा डोर-टु-डोर कैम्पेन की सीमा में वृद्धि कर दी गई है। अब डोर-टु-डोर कैम्पेन के तहत 10 व्यक्तियों के स्थान पर 20 व्यक्तियों के साथ (सुरक्षा कर्मियों को छोड़कर) प्रचार किया जा सकता है। आयोग द्वारा राजनैतिक दलों हेतु अधिकतम 500 व्यक्तियों (वर्तमान में अनुमन्य 300 व्यक्तियों के स्थान पर) अथवा हाल की क्षमता के 50 प्रतिशत अथवा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (SDMA) द्वारा अनुमन्य सीमा के अन्तर्गत इन्डोर मीटिंग की अनुमति प्रदान की गई है।आयोग द्वारा राजनैतिक दलों एवं निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों से कोविड अनुरूप व्यवहार एवं दिशा- निर्देशों तथा निर्वाचन सम्बन्धी समस्त गतिविधियों के दौरान आदर्श आचार संहिता के समस्त निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराये जाने की अपेक्षा की है। 

रविवार, 30 जनवरी 2022

गांधी जी की पुण्य तिथि पर अवकाश की उठी काशी से मांग

किया गया श्रद्धा सुमन अर्पित, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने की शपथ

वाराणसी 30 जनवरी (dil india live)। सत्य और अहिंसा रुपी हथियार के बूते हुकुमते बरतानिया की चूले हिला देने वाले राष्टÑपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि श्रद्धापूर्वक काशी में मनाई गई। इस दौरान कई जगहों पर गोष्ठी, सभा और बैठक का आयोजन किया गया। इसी क्रम में बापू के बेनियाबाग स्थित गांधी चौरा पर डर्बीशायर क्लब की ओर से पुण्य तिथि का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने मांग किया कि पुण्य तिथि पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिस इंसान को अंग्रेजों ने नहीं मारा उसे अपने देश के नागरिक ने मार दिया। यह अक्षम्य था। गांधी चौरा पर रौशनी डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऐतिहासिक बेनियाबाग के इसी चौरा पर बापू का पवित्र अस्थि कलश लाकर रखा गया था। जिसक अंतिम दर्शन करने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दोस्त मोहम्मद, डा. सम्पूर्णानन्द व पं. कमलापति त्रिपाठी आदि भी दर्शन के दौरान मौजूद थे। आयोजन में प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, कमालुद्दीन खां, चिंतित बनारसी आदि ने बापू के चित्र पर मार्ल्यापण कर नमन किया। उधर गौरीगंज में चांदक्रांतिकारी की अगुवाई में बापू की पुण्य तिथि मनाई गई। इस दौरान लोगों ने बापू के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की लोगों से अपील की।  इस दौरान शपथ लिया गय कि बापू के बताये हुए रास्ते पर चलेंगे ताकि समाज में शांति स्थापित हो सके।

शहीद दिवस पर बरेका में  प्रात: 10:59 पर एक मिनट का सायरन बजा ठीक 11:00 बजे 2 मिनट का मौन रख बरेका महाप्रबंधक अंजली गोयल, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने अपने अपने आवासों अथवा कार्यस्थल पर ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि दी।  इस समारोह में सर्वप्रथम दो मिनट का मौन धारण कर शहिदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धान्जलि दी गई ।  राजेश कुमार द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं के द्वारा भारत के  स्वतंत्रता संघर्ष, राष्ट्रीय अखण्डता में योगदान देने वाले सेनानियों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया गया। इस समारोह में प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० देवेश कुमार  के अतिरिक्त वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. मिन्हाज अहमद, मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. एसके मौर्या,  सहायक कार्मिक अधिकारी श्री पियूष मिन्ज सहित राधावल्लभ तिवारी, श्याम मोहन तिवारी, कमलेश सिंह, रजनी, कमला निवासन, अनीता चंद्रा, कृष्णा उपाध्याय,प्रतिभा एवं अन्य कर्मचारियों ने अपना-अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।  उक्त वक्ताओं के अतिरिक्त बरेका ओबीसी एसोसिएशन के पदाधिकारी कर्मचारी नेता राम नारायण, अरविंद यादव,रमेश प्रजापति एवं राजकुमार साव उपस्थित रहे। तथा नर्सिंग  चिकित्साकर्मी नितिर पूर्ति, आरती सिंह, अंजू सिह, उषा जैसल, चंदा यादव, कंचन मणि एवं हरीश ने भी शहीदो के प्रति तथा भारत की अखण्डता में योगदान देने वाले नायकों के योगदान को जनमानस में प्रसारित करने का संकल्प लिया।

शनिवार, 29 जनवरी 2022

जनपद में निःशुल्क इलाज की सुविधा, नहीं जाना पड़ेगा शहर से बाहर

 मेडिकल कॉलेज में सफलतापूर्वक हुआ कूल्हे का ऑपरेशन
गाजीपुर 29 जनवरी (dil india live)। गोरा बाजार स्थित महर्षि विश्वामित्र स्वशासी राज्य स्तरीय मेडिकल कॉलेज आमजन के लिए वरदान साबित हो रहा है। करीब एक सप्ताह पूर्व थाना करंडा के सिकंदरपुर निवासी कौशल्या देवी, उम्र 80 वर्ष के कूल्हे में फ्रैक्चर हो गया था। इसका सफलतापूर्वक इलाज कर, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के ऑर्थो सर्जन डॉ केके यादव बताते हैं कि इससे पहले किसी भी बड़े इलाज व सर्जरी के लिए लोगों को पड़ोस के जनपद का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब गाजीपुर के मेडिकल कॉलेज (जिला अस्पताल) में भी बड़े व गंभीर ऑपरेशन शुरू हो चुके हैं। उनके द्वारा दो कूल्हे व दो घुटने के ऑपरेशन सहित 30 से 35 ऑपरेशन कर चुके हैं।

डॉ. केके यादव ने बताया कि करीब एक सप्ताह पूर्व कौशल्या देवी के कूल्हे में किसी कारण फ्रैक्चर आ गया था। जिसके बाद उनके परिजन उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। वहाँ मेरे द्वारा उनकी सम्पूर्ण जांच की गयी और फिर उनके ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की गई। ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया। ऑपरेशन के करीब एक सप्ताह बाद किसी प्रकार की परेशानी न होने पर उन्हें शुक्रवार को डिस्चार्ज भी कर दिया गया। उनका दावा है कि अगले 15 से 20 दिनों में वह अपने पैरों पर खड़े होने लगेंगी।

डॉ. केके यादव ने बताया कि इससे पहले भी एक मरीज का कूल्हे का ऑपरेशन किया जा चुका है। इसके साथ ही साथ दो बच्चे जिनकी उम्र लगभग करीब 12 साल है, उनके दोनों घुटने में मवाद भर गया था। जिसका सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर उन्हें उनके पैरों पर चलाने का काम किया गया है। उन्होंने बताया कि ऐसे मरीजों के ऑपरेशन में निजी नर्सिंग होम में करीब एक से डेढ़ लाख रुपए खर्च आते हैं। जबकि जिला अस्पताल में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था प्रदान की गई है। उन्होने बताया कि सभी ऑपरेशन में डॉ चंद्रशेखर का भी विशेष योगदान रहा।

मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत संचालित जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ राजेश सिंह ने बताया कि मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज में 50 जूनियर डॉक्टर, 17 सीनियर डॉक्टर और 45 शैक्षिणीक संकाय के डॉक्टर कार्यरत है। मौजूदा समय में जिला अस्पताल में सभी तरह के डॉक्टर की भरमार है। आर्थो की बात करें तो अब जिला अस्पताल में आर्थो से संबंधित गंभीर मरीजों का ईलाज एवं ऑपरेशन शुरू हो चुका है।

सपा ने इस नेता पर किया इतना भरोसा

सयुस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद ज़ुबैर शहर दक्षिणी के "चुनाव प्रभारी" 

समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद ने सौंपी अहम ज़िम्मेदारी


वाराणसी 29 जनवरी (dil india live)। समाजवादी युवजन सभा (सयुस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद ने सयुस के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद ज़ुबैर को वाराणसी शहर दक्षिणी विधानसभा का "चुनाव प्रभारी" नियुक्त किया है। पार्टी द्वारा नई जिम्मेदारी सौंपे जाने पर मोहम्मद ज़ुबैर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और सयुस अध्यक्ष मोहम्मद फ़हद के प्रति आभार व्यक्त किया है। शहर दक्षिणी विधानसभा के नवनियुक्त चुनाव प्रभारी मोहम्मद ज़ुबैर ने कहा कि पार्टी ने उनकी निष्ठा और कार्यों के मद्देनजर उन पर जो भरोसा जताया है उसपर खरा उतरूंगा। कहा कि पहले से ही मैं पार्टी हित और चुनावी जीत के लिए मेहनत करता रहा हूँ। अब जो महत्वपूर्ण दायित्व मिला है उसके "रिटर्न गिफ्ट" के तौर पर इस विधानसभा सीट से पार्टी को जीत दिलाने की मेरी शत-प्रतिशत कोशिश होगी। इस विधानसभा के लोगों को पार्टी के "घोषणा-पत्र" की बातों से वाकिफ कराते हुए उन्हें पार्टी के फेवर में करना ही मेरा लक्ष्य है। साथ ही लोगों को "मतदान" के लिए जागरूक भी करूँगा। 

अब दो अंकों में सिमट चुकी है कुष्ठ रोगियों की संख्या

 अंतर्राष्ट्रीय कुष्ठ रोकथाम दिवस (30 जनवरी) पर विशेष

घर-घर खोजने पर मिले सिर्फ 26 नये कुष्ठ रोगी 

जिले में नये-पुराने कुष्ठ रोगियों की कुल संख्या महज 79 

वाराणसी 29 जनवरी (dil india live)। जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या दो अंकों में सिमट चुकी है। कुष्ठ रोगियों को घर-घर खोजने के लिए पूरे देश भर चले अभियान में भी महज 26 नये कुष्ठ रोगी मिले हैं। नये और पुराने कुष्ठ रोगियों की संख्या भी अब सिर्फ 79 रह गयी है। इसे एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए समय पर इलाज कराना जरूरी है। कुष्ठ रोग के उन्मूलन एवं रोगियों से भेदभाव को समाप्त करने के लिए हर साल कुष्ठ रोकथाम दिवस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) पर मनाया जाता है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. राहुल सिंह ने बताया कि वर्ष 2016-17 में जिले में कुष्ठ रोगियों की संख्या 303 थी। वर्ष 2017-18 में यह घटकर 226 हो गयी। वर्ष 2018-19 में 133 और वर्ष 2019-20 में 128 कुष्ठ रहे। वर्ष 2020-21 में यह संख्या सिमट कर महज 79 हो गयी है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में अप्रैल से दिसंबर तक चले इस अभियान में 26 नये कुष्ठ रोगी मिले। इसमें विद्यापीठ ब्लाक में सात, चिरईगांव में चार, आराजी लाइन में तीन, सेवापुरी में पांच, हरहुआ में एक बड़ागांव में तीन, पिण्डरा में दो और शहरी क्षेत्र में एक नया कुष्ठ रोगी मिला। चोलापुर ब्लाक में एक भी नया कुष्ठ रोगी नहीं पाया गया।

बताते हैं कि कभी कुष्ठ को लाइलाज रोग माना जाता था। इसके रोगियों को लोग अछूत मानते हुए उनसे दूरी बना लेते थे। यहां तक कि कुष्ठ रोगियों को घर-परिवार से दूर कर उन्हें असहाय हालत में छोड़ दिया जाता था। इस गंभीर समस्या को देखते हुए ही सरकार ने इस रोग के खिलाफ अभियान चलाया। नतीजा रहा कि वर्ष 2005 में कुष्ठ रोग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया, लेकिन सरकार ने इस रोग से अपनी लड़ाई निरंतर जारी रखी। कुष्ठ के रोकथाम व नियंत्रण के लिए सरकार ने इसके रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया। घर-घर कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए 86 टीमों ने जिले में सभी ऐसे क्षेत्रों में सर्वे शुरू किया गया ।  जहां इस रोग के मरीजों के पाये जाने की संभावना थी। 

शून्य हुआ बाल एवं दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत

 कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम में जिले को महत्वपूर्ण सफलता हासिल हुई है। वर्ष 2013-14 में बाल कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत 4.17 था जो अब 2020-21 में शून्य हो चुका है । इसी तरह वर्ष 2013-14 में दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का प्रतिशत 3.30 था, यह भी अब शून्य हो चला है। मतलब साफ है की नये कुष्ठ रोगियों में बाल एवं दिव्यांग कुष्ठ रोगी शून्य है।

कुष्ठ रोगियों को मिलती है आर्थिक सहायता

 जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह ने बताया कि द्वियांग कुष्ठ रोगियों को भरण-पोषण के लिए सरकार की ओर से हर माह 25 सौ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को यह सहायता आजीवन प्रदान की जाती है। जिले में 128 द्वियांग कुष्ठ रोगियों को यह सहायता प्रदान की जाती है।

क्या है कुष्ठ रोग

 जिला कुष्ठ रोग अधिकारी बताते हैं कि अन्य रोगों की तरह कुष्ठ रोग भी एक प्रकार के सुक्ष्म कीटाणु से होता है। इसके रोगी की त्वचा पर हल्के पीले, लाल अथवा तांबे के रंग के धब्बे हो जाते है। इसके साथ ही उस स्थान पर सुन्नपन होना, बाल का न होना, हाथ-पैर में झनझनाहट आदि कुष्ठ रोग के लक्षण  हो सकते हैं।

होती है मुफ्त जांच व उपचार 

 डॉ. राहुल सिंह कहते हैं कि कुष्ठ रोग अब असाध्य नहीं रहा। इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं। प्रारम्भिक अवस्था में उपचार से ही इसके रोगी ठीक हो जाते है और उनमें दिव्यांगता  नहीं हो पाती। वह बताते हैं  कि सभी सरकारी अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों में इसके जांच व उपचार की मुफ्त व्यवस्था है। इसके उपचार में यदि कहीं किसी को दिक्कत आ रही हों तो वह उनसे सीधे भी सम्पर्क कर सकता है। उन्होने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के कमरा नम्बर- 321 में प्रत्येक कार्यदिवस प्रातः 10 बजे से दोपहर दो  बजे तक निःशुल्क ओपीडी की जाती है। 

कुष्ठ रोग को हराने में रोल मॉडल बना काशी

कुष्ठ रोग को हराने में काशी रोल मॉडल बन चुका है। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी राहुल सिंह बताते हैं कि सरकार ने वर्ष 2016 में कुष्ठ रोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू किया था। उस समय  सर्वे के दौरान चिरर्इगांव-कमौली के 42 घरों वाले पुरवे में 27 नये रोगी मिले। एक ही स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में कुष्ठ रोगियों का मिलना एक चुनौती भी थी। तब हमने कुष्ठ रोगियों का उपचार शुरू करने के साथ ही एक नया प्रयोग भी किया। रोगी को कुष्ठ रोग की दवा खिलाने के साथ ही उसके परिवार और आस-पास  के घरों में तपेदिक (टीबी) के  उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवा की सिंगल खुराक दी। इसके सार्थक परिणाम आये। परिवार और पड़ोसियों का भी संक्रमित होना बंद हो गया। इस प्रयोग को पूरे जिले में उन सभी जगहों पर किया गया जहां-जहां सर्वे के दौरान कुष्ठ रोगियों का पता चलता था। नतीजा हुआ कि कुष्ठ रोग का संक्रमण पूरी तरह रुक गया। डा. राहुल सिंह बताते हैं कि काशी में हुए इस नव प्रयोग की प्रदेश भर में जमकर सराहना हुर्इ और और उप महानिदेशक (कुष्ठ) डा. अनिल कुमार ने अक्टूबर 2018 में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश दिया। अब बनारस ही नहीं पूरे प्रदेश में कुष्ठ के संक्रमण को रोकने के लिए इस मॉडल पर काम चल  रहा है।

'हमारी फिक्र पर पहरा लगा नहीं सकते, हम इंकलाब है हमको दबा नहीं सकते'

'बेटियां है तो घर निराला है, घर में इनसे ही तो उजाला है....' डीएवी कॉलेज में मुशायरे में शायरों ने दिया मोहब्बत का पैगाम Varanasi (d...