नहीं रहे बुनकरों के बाइसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम
- हार्ट अटैक से हुआ बीएचयू में इंतकाल
- बुनकरो में अफसोस की लहर
- गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए हमेशा जाने जायेंगे
वाराणसी 10 सितम्बर (दिल इंडिया लाइव)। नज़ीर और कबीर के शहर बनारस में टूट गई अमन की एक और कड़ी। बुनकरों के बाइसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम का आज शाम हार्ट अटैक होने से बीएचयू में इंतकाल हो गया। इसके चलते बुनकरो में अफसोस की लहर है। सरदार अब्दुल कलाम हमेशा गंगा जमुनी तहज़ीब के लिए जाने जायेंगे। सरदार अब्दुल कलाम अपने पीछे तीन पुत्र एवं तीन पुत्री का पूरा भरा परिवार छोड़ गए है।
अचानक हुए थे सरदार बीमार
सरदार हाजी अब्दुल कलाम के बड़े बेटे स्वालेह अंसारी ने बताया की वालिद साहब की रात में लगभग दो बजे अचानक तबियत बिगड़ गयी। हम सब इनको ले कर शुभम हॉस्पिटल गए तो वहा पर डॉक्टर ने BHU के लिए रेफर कर दिया। BHU में इमरजेंसी में डॉक्टर ने भर्ती कर इलाज़ शुरू किया सुबह तक तबियत कुछ ठीक हुयी तो डाक्टर ने वार्ड में शिफ्ट कर दिया। दोपहर तक लोगो से बात चीत किये फिर शाम चार बजे अचानक तबियत बिगड़ी और उसी वक़्त उन्होंने अपनी अंतिम सांसे ली। वालिद के अचानक चले जाने से पूरा बुनकर समाज ग़मज़दा है। किसी को यकीन नहीं हो रहा है की अब सरदार साहब हम सब के बीच नहीं रहे।
चार साल पहले बने थे बाइसी के सरदार
बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सद्र हाजी मुख्तार महतो साहब ने कहा की बाईसी के सरदार हाजी अब्दुल कलाम साहब की इंतेक़ाल की खबर सुन कर यकीन नहीं हो रहा है। अभी चार साल पूर्व ही उनको बाईसी तंज़ीम की जिम्मेदारी हम सब ने दी थी और उन्होंने इतने कम वक़्त में अपने बुनकर समाज के भलाई और उनके उत्थान के लिए बहुत काम किया। वो बहुत ही नेक दिल इंसान थे। उन्होंने हमेशा गरीबो और मज़लूमो की मदद की। वो किसी गरीब की मदद एक हाथ से करते थे तो दूसरे हाथ को पता नहीं चलता था। आज उनके अचानक इंतेक़ाल से बुनकर समाज की बहुत बड़ी छति हुयी है।
कल होंगे सुपुर्दे खाक
11 सितंबर को सुबह 10:00 बजे क़दीमी कब्रिस्तान लद्धनपुरा में सरदार को सुपुर्दे खाक किया जायेगा। नमाजे जनाजा ख्वाजपुरा के मैदान में अदा की जायेगी ।
दरोगा बने कार्यवाहक सरदार
परम्परा के अनुसार आज ही बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के काबीना की आपातकाल बैठक बुलाई गयी जिसमे बाईसी के सभी सदस्यों ने कार्यवाहक सरदार के रूप में गुलाम मोहम्मद उर्फ़ दरोगा साहब को सर्व सम्मति से चुना गया । आज सरदार साहब के इंतेक़ाल के बाद उनके घर पर उनको देखने के लिए लोगो का तांता लगा रहा। जिसमे हिन्दू मुस्लिम सभी लोग मौजूद थे।
इनकी रही खास मौजूदगी
हाजी मंजूर, पूर्व विधायक हाजी अब्दुल समद अंसारी, हाजी हाफिज नसीर, सरदार नूरुद्दीन, हाजी इश्तेयाक, अफरोज अंसारी, हाजी ओकास अंसारी, गुलशन अली, बाबूलाल किंग, हाजी महबूब अली, हाजी नेसार, हाजी अब्दुल रहीम, मोहम्मद हारुन, हाजी यासीन, हाजी बाबू, रेयाज़ अहमद, मौलाना शकील, छोटक, सरदार मोईनुद्दीन, चौदहों के सरदार हाजी मकबूल हसन, बारहो के सरदार हाशिम अंसारी, अतीक अंसारी, इशरत उस्मानी, वीरेंदर सिंह, ओपी सिंह, राम सूरत, हाजी इस्माईल सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे ।