शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद, वो भी घर बैठे पायें

डाक विभाग दे रहा ₹ 251 में बाबा का प्रसाद 

पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव की पहल


वाराणसी 23 जुलाई (दिल इंडिया लाइव) श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा और उनके प्रसाद की बड़ी महिमा है। अक्सर लोगों की इच्छा होती है कि काश घर बैठे ही उन्हें बाबा भोलेनाथ का प्रसाद मिल सके। ऐसे में लोगों को अब निराश नहीं होना पड़ेगा। अब वे घर बैठे स्पीड पोस्ट द्वारा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद प्राप्त कर सकेंगे। उक्त जानकारी वाराणसी  परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने दी। 

इस संबंध में जानकारी देते हुए वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाक विभाग और श्री काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के बीच हुये एक एग्रीमेण्ट के तहत नए स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रसाद स्पीड पोस्ट सेवा द्वारा लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके तहत अपने नजदीकी डाकघर से मात्र ₹ 251 का ई-मनीआर्डर प्रवर  अधीक्षक डाकघर, वाराणसी (पूर्वी) मंडल के नाम भेजना होगा। ई-मनीऑर्डर प्राप्त होते ही डाक विभाग द्वारा तत्काल दिए गए पते पर प्रसाद भेज दिया जाएगा। डिब्बा बंद प्रसाद टेंपर प्रूफ इनवेलप में होगा । इससे किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकेगी। 

प्रसाद में शामिल होंगी ये वस्तुएं

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि प्रसाद में श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की छवि, महामृत्युंजय यंत्र, श्री शिव चालीसा, 108 दाने की रुद्राक्ष की माला, बाबा को चढ़ा बेलपत्र, माता अन्नपूर्णा से भिक्षाटन करते भोले बाबा की छवि अंकित सिक्का, मेवा, भस्म, चंदन, रक्षा सूत्र एवं मिश्री का पैकेट इत्यादि शामिल होंगे। प्रवर अधीक्षक डाकघर, वाराणसी पूर्वी मंडल सुमीत कुमार गाट ने बताया कि वाराणसी में स्थानीय तौर पर श्री काशी विश्वनाथ प्रसाद मात्र ₹ 201 में वाराणसी सिटी डाकघर के काउंटर से भी प्राप्त किया जा सकता है। 

(चित्र में : पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव)

खुशहाल परिवार दिवस में 56 महिलाओं ने उठाया ये कदम

स्वास्थ्य केंद्रों पर मना खुशहाल परिवार दिवस

गाजीपुर, 23 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक माह की 21 तारीख को मनाये जाने वाले खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन इस बार 22 जुलाई को शासन के निर्देश पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर  किया गया | मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में परिवार नियोजन सेवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसी क्रम में खुशहाल परिवार दिवस मनाया जाता है, जिसमें दंपति को परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जागरूक किया जाता है। प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के के वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य मिशन-उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिये थे कि इस माह 21 जुलाई को बकरीद के उपलक्ष्य में अवकाश होने के कारण खुशहाल परिवार दिवस अगले कार्यदिवस यानि 22 जुलाई को सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित किया जाए।

इसी के तहत बुधवार को जनपद में चार नसबंदी कैंप का आयोजन किया गया, जिसमें 56 महिलाओं ने नसबंदी की सेवा प्राप्त की  । इसके अलावा दिवस पर जिले भर में 538 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन, 244 आईयूसीडी, 23 पीपीआईयूसीडी को चुना और 1362 छाया गोली, 818 माला एन, 5405 कंडोम निशुल्क वितरण किया गया। 

डा. वर्मा ने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस पर जनपद के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के सभी  साधन नि:शुल्क रूप से उपलब्ध कराए जाते हैं जिसका मुख्य उद्देश्य जनसंख्या को स्थिर करना है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इस महीने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा भी चलाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य नव दंपत्ति को परिवार को सीमित रखने के विभिन्न अस्थायी साधनों के बारे में बताया जा रहा है। इसके साथ ही  अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों पर महिला व पुरुष नसबंदी कैंप का भी आयोजन किया जा रहा है। इच्छुक दंपत्ति इस कैंप में पहुंच कर इसका नि:शुल्क लाभ उठा सकते हैं।

गुरुवार, 22 जुलाई 2021

स्व. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि

आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है भारत: मनोज सिन्हा

वेबिनार में जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल के विचार

वाराणसी, 22 जुलाई (दिल इंडिय लाइव)। जब किसी के व्यक्तित्व को परिभाषित करने का प्रयास होता है तो उसमें एक विशिष्ट सुगंध प्रसारित होती  है, कुछ ऐसी ही सुगंध स्व. सुरेश अवस्थी ने अपने योगदान के जरिए समाज में छोड़ी है। उक्त उद्गार जम्मू और कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. सुरेश अवस्थी की 15 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. सुरेश अवस्थी स्मृति न्यास के तत्वावधान मे ‘सामाजिक संवाद की पहल‘ (राष्ट्रीय मुस्लिम मंच पर सरसंघचालक मोहन भागवत के भाषण का सन्दर्भ) विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में व्यक्त किये। मनोज सिन्हा ने सुरेश अवस्थी के व्यक्तित्व का स्मरण करते हुए कहा कि व्यक्तित्व के लिहाज से वे समाज निर्माता थे, उनके अनुभव आज भी हमारे लिए प्रेरणादायी है। विद्यार्थी जीवन में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हर उन चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा प्रदान करते थे जो उस दौर के हर विद्यार्थी के सामने खड़ी होती थी। उनकी आत्मत्याग की भावना सदैव याद की जायेगी। उन्होनंे कहा कि स्व. सुरेश अवस्थी के लिए भारतभूमि सिर्फ करोड़ो लोगो के रहने की जगह नही थी बल्कि प्रत्येक जन के आध्यात्मिक उत्थान की भूमि है, जिसमें सामाजिक समरसता का भाव है। उन्होनंे यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब सभी के लिए अधिकारों की समानता की बात होनी चाहिए तभी समाज की ईकाइयॉ मजबूत होंगी। अवस्थी जी ने हम जैसे अनेक अनगढ़़ युवाओं को कबीर की भॉति गढ़ा। यदि हम राजनीति में चरित्रवान, ईमानदार और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ आगे बढ़े तो यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्ऱद्धाजंलि होगी।


वेबिनार के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संरक्षक डॉ. इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हम हिन्दु - मुस्लिम नही बल्कि एक भारतीय है और भारतीय होने के नाते सब एक है। हिन्दू एक धर्म नही, एक राष्ट्र है, एक समावेशी संस्कृति है और इसी आधार पर मोहन भागवत ने सबका डीएनए एक होने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि मजहबी आधार पर डीएनए की बात जोड़ना सरासर गलत है, मजहब अनेक हो सकते है लेकिन राष्ट्रीयता एक है। हर मजहब व्यक्ति को सामाजिक बुराई से उबारने का रास्ता है ना कि उन्माद फैलाने का रास्ता दिखलाता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का मुसलमान भी अब पाकिस्तान से यह सवाल कर रहा है कि वहॉ के अल्पसंख्यकों पर इतना अत्याचार क्यों किया जा रहा है।

विशिष्ट वक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री डॉ. रामबहादुर राय ने कहा कि वोटबैंक बनाने के लिए मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाने में राजनीतिक दलो का योगदान ज्यादा है। सरसंघचालक मोहन भागवत द्वारा दिये गये सभी के एक डीएनए की बात को सोशल मीडिया पर तोड़ मरोड़ के प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि आरएसएस ही एक ऐसी विचारधारा है जो विश्वव्यापी है। मोहन भागवत संवैधानिक राष्ट्रीयता की बात कर रहे है जिसमें कोई भेदभाव नही होगा, समाज में समरसता होगी और सबका एक समान रूप से उत्थान हो सकेगा।

वेबिनार में अतिथियों का स्वगात डॉ. विक्रमादित्य राय, विषय स्थापना क्लस्टर विवि, जम्मू के कुलपति प्रो. बेचनलाल जायसवाल, संचालन सुधीर मिश्रा एवं धन्यवाद ज्ञापन केदारनाथ सिंह ने दिया। इस अवसर पर प्रो. रमेश चन्द्र गौर, प्रो. अशोक कौल, प्रो. ए.के. जोशी, रामगोपाल मोहले, डॉ. नन्द जी राय, हिमांशु सिंह, अनिल शुक्ला, डॉ. विकास कुमार सहित कई प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।

बुधवार, 21 जुलाई 2021

सोशल डिस्टेंसिंग संग हुई बकरीद की नमाज

नमाज़ के साथ शुरु हुआ ईदुल अजहा का जश्न


वाराणसी 21 जुलाई(दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया के साथ ही बनारस में सुबह ईदुल अजहा की नमाज़ के साथ बकरीद का जश्न पूरी अकीदत के साथ शुरु हो गया। नमाज के बाद लोगों ने एक दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद दी। मसाजिदों और ईदगाह से नमाज़ मुकम्मल करके अकीदतमंद घर पहुँचे जहां कुर्बानी का सिलसिला शुरु हुआ। नमाज़ के दौरान उलेमा ने अपनी तकरीर में जहां लोगों को दीन के रास्ते पर चलने की दावत दी वही बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग का दिन बताया। उलेमा ने कहा कि जानवर का गोश्त और हड्डी रब के पास नहीं जाती बाल्कि रब हमारी नियत देखता है, इसलिए हमे चाहिए कि जब भी हमारी जरुरत हो हम कुर्बानी के लिए तैयार रहे। वो कुर्बानी धन, दौलत, जानवर ही नहीं बाल्कि अपनी कौम और वतन के लिए भी हो सकती है। इस दौरान मुल्क में अमन, मिल्लत व कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआएं मांगी गई। 

पता हो कि इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल करते हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

अल सुबह हुई नमाजें

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद


का पर्व शुरु हुआ। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा की गई।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग 

के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई थी।

मंगलवार, 20 जुलाई 2021

बकरीद (bakharid):पहले नमाज़ फिर की जायेगी कुर्बानी

देश-दुनिया में ईदुल अजहा का त्योहार कल

सोशल डिस्टेंसिंग संग मनेगी बकरीद

वाराणसी20 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। देश-दुनिया में कल ईदुल अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत के साथ मनाया जाएगा। इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। देर रात तक बकरो और सेवईयो की खरीदारी जारी थी। बकरीद के दिन को कुर्बानी और त्याग के दिन के रूप में याद किया जाता है। इस्लामिक हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, कुर्बानी का त्योहार बकरीद रमजान के दो महीने बाद आता हैं। इस्लाम धर्म में बकरीद के तीन दिन आमतौर पर छोटे-बड़े जानवरों की कुर्बानी दी जाती है। इस दिन जानवर को अल्लाह की राह में जहां कुर्बान कर दिया जाता हैं। वहीं काबा में ज़ायरीन हज के अरकान मुकम्मल कर रहे होते हैं। उधर बकरों की खरीद के साथ ही खोवा, सेवई, मेवा, प्याज,अदरक आदि की भी खरीदारी देर रात तक होती रही। दरअसल कुर्बानी के साथ ही घरों में लज़ीज सेवईयां भी बनती है। इसकी तैयारियां ख्वातीन देर रात से ही करती हैं।

बकरीद की जाने क्या है कहानी

बकरीद पैगम्बर हजरत इब्राहिम की सुन्नत है। एक बार खुदा ने हजरत इब्राहिम का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी दें। हजरत इब्राहिम के लिए सबसे अजीज उनका बेटा हजरत इस्माइल थे, जिसकी कुर्बानी के लिए वे तैयार हो गए। उन्हे कुर्बानी के लिए ले भी गये मगर ऐन कुर्बानी से पहले रब ने हजरत इस्माईल की जगह ये कहते हुए जेबाह के लिए दुम्बा भेज दिया कि वो हज़रत इब्राहिम का इम्तेहान ले रहे थे और इम्तेहान में वो पास हो गये, तभी से कुर्बानी का पर्व मनाया जाता है।

इस साल ये है तैयारी

इस साल 21 जुलाई को पूरे देश में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा। ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है।कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले साल लोगों को घर ही नमाज अदा करनी पड़ी थी, लेकिन इस बार लोगों को मस्जिदों में जमात के साथ नमाज सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अदा करने की इजाज़त दी गई है।

जानिए क्या है बकरीद का महत्व

दुनिया भर के मुसलमान ईद की तरह कुर्बानी पर भी गरीबों का खास ख्याल रखते हैं। कुर्बानी के सामान का तीन हिस्सा बांटकर एक हिस्सा गरीबों को दिया जाता है। दो हिस्सों में एक खुद के लिए और दूसरा हिस्सा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है। मुसलमानों का विश्वास है कि पैगंबर इब्राहिम की कठिन परीक्षा ली गई। अल्लाह ने उनको अपने बेटे पैगम्बर इस्माइल की कुर्बानी देने को कहा जिसमें वो पास हो गये।

मैनेजरों ने मदरसो की समस्याओं पर डाली रौशनी

नये पद सृजन की उठीं मांग

वाराणसी 19 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। मदरसा मैनेजर एसोसिएशन की बैठक में मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

मदरसा खानम जान अरबिक स्कूल अर्दली बाजार के कार्यालय में मदरसा मैनेजर एसोसिएशन वाराणसी की हुई इस विशेष बैठक आहूत की सदारत मौलवी मंजूर अहमद साहब ने की जिसमें सर्वसम्मति से निर्णय हुआ कि जिला अल्पसंख्यक कार्यालय के प्राप्त पत्र 8 जुलाई 2021 का सफल क्रियान्वयन कराया जाए तथा भविष्य में भी कार्यालय से समन्वय के आधार पर संपर्क में रहकर हर समस्या का उचित निराकरण कर वाराणसी में एक सर्वोच्च सफल व्यवस्था स्थापित की जाए। इस अवसर पर मुख्य रूप से जिसकी अध्यक्षता मौलाना मंजूर साहब (मदरसा मतले उलूम कमलगड़हा)  दानीश शहाब (प्रबंधक मदरसा खानम जान), संचालन मौलाना अखलाक़ अहमद जनरल सेक्रेटरी तन्जीम मैनेजर्स मदारिस अरबिया (मदरसा मज़्हरूल उलूम पिलीकोठी) ने की।बैठक मे जनाब रिजवान अहमद( मदरसा चिरागे उलूम रसूलपुरा) , हाजी आलमगीर सिद्दिकी( मदरसा मजिदिया सराय हड़हा), सय्यद जीशान ( मदरसा जामिया अल्विया) व अन्य मदरसो के प्रतिनिधि उपस्थित हुए। शुक्रिया शहाबुद्दीन लोधी उपाध्यक्ष मैनेजर्स मदारिस अरबिया ने किया।

बैठक मे मदरसे के नये पद सृजन,पुराने पदो की भर्ती , आदर्श प्रशासन योजना और अन्य चीजो पर अपने विचार वयक्त किये गये।

रविवार, 18 जुलाई 2021

गाजीपुर न्यूज़: आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत लाभार्थियों का बनेगा आधार

2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत 

ग़ाज़ीपुर,17 जुलाई (दिल इंडिया लाइव)। पोषण मिशन के तहत बच्चों व गर्भवती को सुपोषित करने के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं । कुपोषित बच्चों के सही आंकड़ा व सटीक रिपोर्ट शासन ने उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चयनित बच्चों व गर्भवती का आधार व पहचान पत्र जरूरी है। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती के पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं होने की वजह से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर अब शासन ने बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में दर्ज सभी कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती व धात्री महिलाओं का आधार कार्ड अब परियोजना कार्यालय पर बनाए जाने का निर्देश जारी किया है। जिसके लिए विभाग को आधार कार्ड बनाए जाने का किट पहुंच चुकी है। 29 जुलाई को यू डी आई के द्वारा समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं परियोजना से संबंधित कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी दिलीप कुमार पांडे ने बताया कि जनपद में कुल 2.82 लाख बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं व किशोरियों पंजीकृत हैं। जिन्हें शासन के द्वारा मिलने वाले सूखा राशन व अन्य लाभ प्रदान किए जाते हैं। जिनमें से करीब 60 से 70 फ़ीसदी लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। ऐसे में जिन लोगों का आधार कार्ड किन्ही कारणों से अभी तक नहीं बन पाया है। ऐसे लोगों के आधार कार्ड अब आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में कार्यरत परियोजना कार्यालय पर बनाए जाएंगे। जिसका मुख्य उद्देश्य शासन द्वारा बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का शत प्रतिशत लाभ मिल सके। जनपद में छह माह से तीन वर्ष के बच्चों की संख्या 121460 और तीन से छह साल के बच्चों की संख्या 90692 है। इसके साथ ही 69977 गर्भवती व धात्री महिलाएं हैं।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...