रविवार, 13 जून 2021

अपने-अपने गाँव को बच्चे कराएंगे बालश्रम से मुक्त

बाल श्रम रोकने को बच्चों ने की अनूठी पहल 

विश्व बालश्रम निषेध दिवस पर बाल पंचायत की संगोष्ठी 

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बाल श्रम को रोकने के लिए अब बच्चों ने भी पहल शुरू कर दी है “विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में यह तय हुआ कि बड़ों के साथ मिलकर बच्चे भी इस दिशा में पहल करेंगे और अपने-अपने गांव को बालश्रम से मुक्त कराएंगे । 

”विश्व बाल श्रम निषेध दिवस” पर “बाल पंचायत” (बच्चों के हित में बच्चो द्वारा बनाया गया समूह) व ह्यूमन लिबर्टी नेटवर्क की पार्टनर संस्था “मानव संसाधन एवं महिला विकास संस्थान” की ओर से आयोजित वर्चुअल संगोष्ठी में बालश्रम, बाल संरक्षण के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई । संगोष्ठी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली, भदोही और जौनपुर के 25 बच्चों ने जिला स्तर पर कार्यरत अधिकारियों से बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।

वर्चुअल संगोष्ठी में मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल,  वाराणसी जिले के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा,  वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा सिंह, चंदौली के बाल संरक्षण अधिकारी किशन वर्मा, भदोही की बाल संरक्षण अधिकारी मीना गुप्ता, जौनपुर के  बाल संरक्षण अधिकारी चन्दन राय, चाइल्ड राइटस के अमन ने बच्चों के विचारों को सुना और उनसे बाल श्रम के रोकथाम पर चर्चा की ।

संगोष्ठी में वाराणसी की नीलम, सूरज,  मिर्जापुर के चन्दन, विजय, अजित, भदोही के अमरजीत, प्रीति, जौनपुर के अमित, पंकज, रवी समेत अन्य बच्चों ने अपने- अपने ग्राम-समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही मांग की कि बालश्रम के सभी रूपों पर प्रतिबंध लगाया जाए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष तक के किसी भी बच्चे को स्कूल के बाद या छुट्टी के दौरान किसी भी घरेलू व्यवसाय में काम करने की अनुमति नही दी जानी चाहिये। गाँव में प्रत्येक बच्चे विद्यालय से जुड़ें रहें और जो बच्चे विद्यालय नहीं जा रहे, उनके विद्यालय न जाने के कारण जानने के लिये सर्वेक्षण कराया जाये और उनको विद्यालय से जोड़ा जाये। ग्राम स्तर की बाल संरक्षण समितियो से लेकर सभी स्तरों पर बाल संरक्षण समितियों को सक्रिय किया जाये। इस वर्ष जब ग्राम पंचायत विकास योजना बनायी जाए तो  उसमें बच्चो की सुरक्षा के लिये योजना बनायी जाये और ग्राम पंचायत वार्षिक बजट में गाँव में बाल श्रम को रोकने के लिये बजट बनाया जाये। बच्चों से बात करते हुए वाराणसी की बाल संरक्षण अधिकारी निरूपमा ने बच्चो को बाल सुरक्षा व स्पान्सरशीप योजना के बारे जानकरी दी । वाराणसी के श्रम प्रर्वतन अधिकारी सुनील कुमार सिन्हा ने बच्चों को बाल श्रम के रोकथाम कानून  की जानकारी देते हुये बाल श्रम के खात्मे पर प्रकाश डाला। मिर्जापुर जिले के बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष बप्पा रावल ने भी बच्चों को बाल संरक्षण के बारे में बताया । 

विश्व बाल श्रम विरोध दिवस पर बच्चों ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से समाज को बाल श्रम से मुक्त बनाने की अपील की और नवनिवार्चित ग्राम प्रधानों को  गाँव को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए कहा ।  पाँच जिलों  के 6000 बच्चो ने अपना पाँच सूत्रीय माँग पत्र प्रधानों को दिया व गाँव को बालश्रम से मुक्त बनाने की माँग की । वर्चुअल मीटिंग में नीलम, पंकज ,सुरज , रवी, अजीत ने सक्रिय भूमिका निभाई।

शनिवार, 12 जून 2021

कौन कहता है ईमानदारी खत्म हुई

बीएचयू के छात्र संदीप ने दिया ईमानदारी का सुबूत

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बीएचयू एमएसडब्ल्यू का छात्र संदीप गुप्ता कल अपने दोस्त के साथ सर सुंदरलाल हॉस्पिटल किसी काम से गया था। वापस जाते समय उसे बीएचयू मेन गेट के पास एक पर्स मिला पर्स में ₹5000 नगद, आधार कार्ड, डी एल एवं दो एटीएम थे। संदीप गुप्ता ने तुरंत up dgp यूपी पुलिस एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को ट्वीट किया ट्विटर के आधार पर ही एसीपी वाराणसी ने इस मामले को तुरंत संज्ञान में लिया। नतीजा कुछ ही देर में चौकी प्रभारी बीएचयू ने संदीप गुप्ता से संपर्क कर ट्विटर के आधार पर ही जिनका पर्स खोया था उसने संदीप गुप्ता से संपर्क किया संदीप गुप्ता ने उन्हें भी बीएचयू पुलिस चौकी बुलाया और पुलिस की देखरेख में पर्स को उनके पुत्र आयुष भटनागर को सुपुर्द किया। संदीप ने न सिर्फ पैसे के लालच को दरकिनार कर ईमानदारी का सुबूत पेश किया बाल्कि औरों के लिए भी मिसाल बन गये।


हज का सफर इस बार भी नहीं कर सकेंगे भारतीय

कोरोना के चलते फिर निरस्त हुई हज यात्रा


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। मुकद्दस हज सफर 2021 को अन्य देशों के लोगों के लिए निरस्त कर दिया गया है। सऊदी हुकूमत ने दुनिया में फैले कोरोना महामारी के कारण पिछले बार की तरह इस बार भी हज में विभिन्न देशों के केवल स्थानीय व सऊदी नागरिकों को सीमित संख्या में हज कराने का फ़ैसला लिया है। उक्त जानकारी देते हुए सेण्ट्रल हज कमेटी के पूर्व सदस्य डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि इस बार भी हज-2021 में अंतरराष्ट्रीय हज रद्द कर दिया गया है। सऊदी में रह रहे केवल 60,000 लोगों को ही हज की अनुमति होगी।

अमन इस्लाम की बुनियाद

किसी के ऊपर जुल्म करना इस्लाम की तालीम नहीं

दुनिया से जाने के बाद होता है मां की कमी का एहसास

प्रयागराज (दिल इंडिया लाइव)। करेली में शनिवार को काजी हुसैन मेहदी मरहूम के अज़खाने में नफिसा मेहदी की बरसी की मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना आबिद रजा रिजवी ने कहा कि अमन इस्लाम की बुनियाद है। ऐसे में किसी के ऊपर जुल्म नाजायज है। उन्होंने रसूल अल्लाह की बेटी फातिमा के किरदार की खूबियां बयां की, उन्होंने कुरान की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि जिंदगी को आइना दिखाने का नाम मौत है। तुम अगर सच्चे हो तो मौत की तम्माना करो।


जो आले मोहम्मद की मोहब्बत में मर जाए वो शहीद कहलाता है।

मौलाना ने मां के महत्व को बताते हुए कहा कि मां का महत्त्व वा उनकी कमी बच्चो को मां के दुनियां से जाने के बाद होता है।पेशखनी करते हुए नबील हैदर वाराणसी ने कहीं की हूं मद्दाहे असगरे बेशीर, लोग मुझे नबील कहते है। मजलिस में इंतजार मेहदी,कैफ़ी मेहदी,,आर ए काजमी,शाहिद जैदी,आसिम अब्बास,अब्बास मेहदी,नबील हैदर बनारसी, हसन मेंहदी कब्बन ,नसीर साहब, इतरत नकवी आदि मौजूद थे। आए हुए मोमनीन का शुक्रिया मजलिस के आयोजक कैफ़ी मेंहदी ने किया।

ये देशी विदेशी सिख रहे शास्त्रीय संगीत के गुर

ठुमरी दादरा के तीन दिवसीय कार्यशाला का आगाज़


वाराणसी (प्रताप बहादुर सिंह/दिल इंडिया लाइव)। श्रीमती प्रमिला मिश्रा एकेडमी ऑफ इण्डियन क्लासिकल म्यूजिक के तत्वावधान में शनिवार को तीन दिवसीय ऑनलाइन ठुमरी-दादरा संगीत प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण कार्यशाला में दुनिया भर के दो दर्जन से ज्यादा संगीतप्रेमी जुड़े रहे। प्रख्यात शास्त्रीय गायक पण्डित धर्मनाथ मिश्र द्वारा प्रशिक्षुओं को शास्त्रीय संगीत के गुर सिखलाये गए। पहले दिन उन्होंने राग खमाज में बंदिश की ठुमरी और बोलबाट की ठुमरी राग मिश्र खमाज से प्रतिभागियों को अवगत कराया। इसके अलावा बनारस अंग गायकी की खूबसूरती से भी प्रतिभागियों को रूबरू कराया। उनके साथ तबले पर प्रशांत मिश्रा ने संगत किया।

कार्यशाला में विशेष अतिथि के रूप में ऑनलाइन जुड़ी पदमश्री शास्त्रीय गायिका मालिनी अवस्थी ने कहा कि ठुमरी और दादरा काशी की पुरातन शास्त्रीय संगीत की पहचान है जिसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना हमारा दायित्व है। पण्डित धर्मनाथ मिश्र जी काशी की शास्त्रीय संगीत के ध्वजवाहक है। एकेडमी का यह प्रयास अत्यंत सराहनीय है। कार्यक़म संयोजक प्रख्यात सितरविद पण्डित देवब्रत मिश्र ने कहा कि बनारस के गायकी और वाद्ययंत्रों को जन-जन तक पहुँचाना ही हमारा लक्ष्य है ताकि ये कला विलुप्त होने से बचाई जा सके। 

कार्यशाला में पण्डित शिवनाथ मिश्रा के अलावा लंदन से शिवाली, अमेरिका से रवि कुमार, श्रीलंका से हंसी, जापान से राजेश कुशवाहा, अंजनी कुमार, खुशबू के अलावा दुबई, जर्मनी तथा भारत के मुंबई, दिल्ली, जबलपुर, पटना, लखनऊ आदि जगह से भी प्रतिभागियों ने भाग लिया।

बालश्रम विरोधी दिवस पर निकली रैली


बच्चों को बताया बाल अधिकार




वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। बाल श्रम विरोधी दिवस 12 जून को शहर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया गया। इस दौरान डेयर (DARE) संस्था की ओर से कैंट स्टेशन, काशी स्टेशन, सिटी और सारनाथ रेलवे स्टेशन पर सभी चार अनौपचारिक शिक्षा केंद्रों पर बाल श्रम विरोधी दिवस की धूम रही। इस दौरान बाल श्रम कानून का सख्ती से पालन करने व बाल श्रम पूर्णतः बंद करने के लिए एक अभियान चलाया गया। डेयर संस्था के फादर लिजो (कार्यक्रम समन्वयक) की अगुवाई में कार्यक्रम की शुरुआत छावनी इलाके से रैली निकाल कर हुई। इस दौरान बच्चों को उनके कानूनी अधिकार भी बताया गया।

शुक्रवार, 11 जून 2021

कोविड के चलते नहीं जुटी उर्स में भीड़



हज़रत मुश्किल आसान शाह बाबा के उर्स में चढ़ी चादर 

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। हज़रत शेख जलालुद्दीन उर्फ मुश्किल आसान शाह (र.) के मिंट हॉउस, स्थित आस्ताने पर सालाना उर्स पूरी अकीदत व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया गया। उर्स में हर बार की तरह भीड़ नहीं थी बाल्कि इस अकीदतमंदों की संख्या बहुत ही कम थी। कोविड का पालन सभी ने किया। इस अवसर पर सालाना उर्स में हज़रत शेख जलालुद्दीन उर्फ मुश्किल आसान शाह के मज़ार पर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष हैदर अब्बास चाँद एवं मोर्चे के लोगो ने देश एवं प्रदेश में अमन और चैन के लिए चादर पेश की। वही समाज सेवी डाक्टर गुफरान जावेद और वाराणसी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जिला महामंत्री मलिक शेख, शकील अंसारी, जिला मंत्री शेखु, जिला मंत्री इकबाल अंसारी आदि लोग उपस्थित थे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...