Varanasi (dil India live)। सर्वोच्च न्यायालय यानी देश के सुप्रीम कोर्ट द्वारा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा बरकरार रखने के फैसले से मुस्लिमों और इंसाफ पसंद लोगों में खुशी का माहौल है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फ़ैसले में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्पसंख्यक संस्थान है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय संविधान के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार है।
उक्त नेताओं ने कहा कि 2014 के बाद से ही केंद्र की मोदी सरकार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वार्षिक बजट में भारी कटौती करती रही, जिसका विरोध कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग प्रदेश अध्यक्ष अल्पसंख्यक कांग्रेस शाहनवाज आलम की अगुआई में लगातार करती रही और हक की लड़ाई भी लड़ती रही।
उक्त नेताओं ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से अलीगढ़ विश्वविद्यालय सहित सभी अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को राहत मिली है। नेताओं ने कहा कि भारतीय संविधान सभी के हक अधिकार को सुनिश्चित करता है, इसी के अंतर्गत अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षिक संस्थान स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार प्राप्त है। परंतु कुछ वर्षों से लगातार हमारे संवैधानिक अधिकारों को चैलेंज किया जाना चिंता का सबब बना।