शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023

Ramadan Mubarak: शबे कद्र की है रात, जाग रहे रोज़ेदार

रात भर होगी इबादत, मांगी जायेगी खुसूसी दुआएं


Varanasi (dil india live)। आज शबे कद्र की दूसरी रात है, आज पूरी रात इबादत होगी, रोज़ेदार इबादत में मशगूल हैं। दरअसल माहे रमजान के आखिरी दस दिनों की पांच रातों में से कोई एक रात शबे कद्र की रात होती है। इस रात में लोग जागकर रब की इबादत करते हैं। इस्लाम में इस रात को हजार रातों से अफजल बताया गया है। इसलिए रोजेदार ही नहीं बल्कि हर कोई इस रात में इबादत कर अल्लाह से खुसूसी दुआ मांगता है।

हज़ार रातों से अफज़ल है शबे कद्र की रात

रमज़ान महीने के आखरी अशरे के दस दिनों में पांच रातें ऐसी होती हैं जिन्हें ताक रातें कहा जाता है। ये हैं रमज़ान की 21, 23, 25, 27, 29 शब। इममें से कोई एक शबेकद्र की रात होती है। यह रात हजार महीनों से बेहतर मानी जाती है। इस रात में मुस्लिम मस्जिदों व घरों में अल्लाह की कसरत से इबादत करते हैं। इसमें महिलाएं और बच्चे भी घरों में इबादत करते दिखाई देते हैं। मौलाना निज़ामुददीन चतुर्वेदी कहते हैं कि कुरान में बताया गया है कि तुम्हारे लिए एक महीना रमजान का है, जिसमें एक रात है जो हजार महीनों से अफजल है। कहा कि जो शख्स इस रात से महरूम रह गया वो भलाई और खैर से दूर रह गया। जो शख्स इस रात में जागकर ईमान और सवाब की नीयत से इबादत करता है तो उसके पिछले सभी गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह रात बड़ी बरकतों वाली रात होती है। यह रात बड़ी ही चमकदार होती है व सुबह सूरज बिना किरणों के ही निकलता है। इस रात को मांगी गई दुआ हर हाल में कुबूल होती है।

Baba saheb अम्बेडकर न्याय एवं Mahatma ज्योतिबा फुले शिक्षा के सबसे बड़े प्रतीक

"डॉ अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले का अवदान" पर संगोष्ठी 


Varanasi (dil india live). महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के समिति कक्ष के केंद्रीय ग्रन्थालय में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी "डॉ बी. आर. अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले का अवदान" का आयोजन किया गया। 

 संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने बताया कि आज बाबा साहब अम्बेडकर जी न्याय के एवं महात्मा ज्योतिबा फुले शिक्षा के सबसे बड़े प्रतीक हैं। इनके द्वारा किए गए कार्यों एवम समाज सेवा के बारे में बताया और उन्हे एक कुशल मार्गदर्शक बताया। देश में दो वर्ग एक जिनके पास है, दूसरे जिनके पास नही है के बीच बढ़ती खाई को भरने में हमारा संविधान बहुत ही प्रभावी सिद्ध हुआ है। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. प्रमोद कुमार बागडे, धर्म एवम दर्शन विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने बताया की भारत की संकल्पना प्रगतिशील धर्म निरपेक्षता कही ना कही खतरे में प्रतीत हो रही है। डॉ. बी. आर. अंबेडकर एवं महात्मा ज्योतिबा फुले  के व्यक्तित्व, कृतित्व पर गहन प्रकाश डाला। आपने बताया की परिस्थितियां विचारों को गढ़ती हैं। उपयोगितावाद अधिकतम लोगों के अधिकतम सुख को प्राप्त करने के विचारों पर बल दिया।आपने ग्राम्योदय के विचारों को भी व्याख्यापित किया।  ब्राह्मणवादी सामाजिक व्यवस्था, एवं गुलामगिरी की चर्चा की और इसका समाज से उन्मूलन होने की बात कही। विधवा विवाह एवम बाल विवाह के उन्मूलन पर किए गए अवदान के बारे में बताया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि श्री अजीत कुमार, न्यायमूर्ति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज ने महात्मा ज्योतिबा फुले को महान समाज सुधारक बताया एवं समाज में समदृष्टि, समभाव पर बल दिया। आपने बताया की दो तिहाई जनसंख्या ऐसी है जिनके पास अपर्याप्त संसाधन है। आपने सामाजिक जुड़ाव पर भी बल दिया। महिला एवं पुरुष भेदभाव को खत्म करने एवम समाज में जाति, धर्म, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को खत्म करने पर बल दिया। उन्होंने बताया की हमे अंबेडकर की शिक्षा को अपने बच्चो को परिवार संस्कार में ही सीखना होगा तभी उनका योगदान अगली पीढ़ी तक पहुंचेगा। आपने आरक्षण व्यवस्था को पिछड़े वर्गो का कल्याण करने वाला बताया। संगोष्ठी में सभी अतिथियों को स्मृतिचिन्ह एवम अंगवस्त्रम प्रदान किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलपति ने अपने अध्यक्षीय उद् बोधन में  कहा की ज्ञान का उद्देश्य मानवतावादी एवम जनकल्याणवादी होना चाहिए। आपने फुले एवं अंबेडकर के अवदान की चर्चा की। संगोष्ठी में दो तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया। तकनीकी सत्र प्रथम की अध्यक्ष प्रो. निमिषा गुप्ता एवं सह अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने किया। तकनीकी सत्र द्वितीय के अध्यक्ष प्रो. पीताम्बर दास एवं सह अध्यक्ष प्रो. सुरेंद्र राम ने किया । देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर, राजनीति विज्ञान विभाग, पीजी कॉलेज, गाजीपुर, एस आर एम यू, लखनऊ, एल एन सी टी, भोपाल इत्यादि राज्यों से विभिन्न शोध छात्रों द्वारा दोनों सत्रों में कुल पचास शोध पत्र पढ़े गए। 

इससे पहले संगोष्ठी का शुम्भारम्भ डॉ. बी. आर. अंबेडकर, महात्मा ज्योतिबा फुले, शिव प्रसाद गुप्त एवं महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके किया गया। कुलगीत की प्रस्तुति के पश्चात संगोष्ठी के संरक्षक प्रो. आनंद कुमार त्यागी कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजीत कुमार, न्यायमूर्ति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रयागराज को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। स्वागत के क्रम में संगोष्ठी की आयोजन सचिव प्रो. शैला परवीन ने प्रो. आनंद कुमार त्यागी, कुलपति, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। संगोष्ठी के आयोजक प्रो. अनिल कुमार चौधरी ने श्री हरीश चन्द, कुलसचिव, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। प्रो. निमिषा गुप्ता ने श्री संतोष शर्मा, वित्त अधिकारी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को  पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया । श्री अनिल कुमार ने प्रो. अमिता सिंह कुलानुशासक, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को  पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, समस्त अध्यापकों, अतिथियों, छात्रों एवम प्रतिभागियों का वाचिक स्वागत प्रो. शैला परवीन ने किया।

संगोष्ठी का समापन राष्ट्रगान से हुआ। संगोष्ठी का संचालन श्रीमती भारती कुरील ने किया एवम धन्यवाद ज्ञापन प्रो. संजय ने किया। संगोष्ठी में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, छात्र उपस्थित रहें  और समाज कार्य विभाग के समस्त शिक्षकगण, शोधार्थी एवं सभी पाठ्यक्रमों के विद्यार्थी भी  उपस्थित रहे।

Nabi hazrat Mohammad or hazrat fatema का रोज़ा भी जानिए


Varanasi (dil india live). हजरत अली के घर में सभी ने रोजा रखा। हजरत फातिमा ने भी रोजा रखा, दो बच्चे है उनके अभी छोटे है, पर रोजा रखा हुआ है। मगरिब का वक़्त होने वाला है, इफ्तारी का वक़्त होने वाला है,। सबके सब मुसल्ला बिछा कर रो-रोकर दुआ मांग रहे हैं। हजरत फातिमा दुआ खत्म करके घर में गयी और चार (4) रोटी बनाई, इससे ज्यादा उनके घर में अनाज नहीं है। हजरत फातिमा चार रोटी लाती हैं। पहली रोटी अपने शौहर हज़रत अली के सामने रख दिया। दूसरी रोटी अपने बड़े बेटे हसन के सामने, तीसरी रोटी छोटे बेटे हुसैन को दी और एक रोटी खुद रख ली। 

मस्जिद-ए-नबवी में आजान हो गयी, सभी ने रोजा खोला, सभी ने रोटी खाई। मगर दोस्तो...अल्लाह की कसम वो फातिमा थी जिसने आधी रोटी खाई ओर आधी रोटी को दुपट्टे से बांधना शुरू कर दिया। ये मामला हजरत अली ने देखा और कहा के फातिमा तुझे भूख नही लगी, एक ही तो रोटी है उसमें से आधी रोटी दुपट्टे में बांध रही हो? फातिमा ने कहा, ऐ हज़रत अली, हो सकता है मेरे बाबा जान (नबी पाक)को इफ्तारी में कुछ ना मिला हो, वो बेटी कैसे खायगी जिसके बाप ने कुछ खाया नही होगा?

फातिमा दुपट्टे में रोटी बांध कर चल पड़ी है उधर हमारे नबी मगरिब की नमाज़ पढ़ा कर आ रहे हैं हजरत फातिमा दरवाजे पर है देखकर हुजूर कहते हैं ऐ फातिमा तुम दरवाजे पर कैसे, फातिमा ने कहा ए अल्लाह के रसूल मुझे अंदर तो लेके चले। हजरत फातिमा की आंखों में आंसू थे, कहा जब इफ्तार की रोटी खाई तो आपकी याद आ गयी कि शायद आपने खाया नही होगा इसलिए आधी रोटी दुपट्टे से बांध कर लाई हूँ।

रोटी देखकर हमारे नबी की आंखों में आंसू आ गए और कहा, ए फातिमा अच्छा किया जो रोटी ले आई वरना चौथी रात भी तेरे बाबा की इसी हालात में निकल जाती। दोनों एक दूसरे को देखकर रोने लगते हैं। अल्लाह के रसूल ने रोटी मांगी, फातिमा ने कहा बाबा जान आज अपने हाथों से रोटी खिलाऊंगी ओर चौडे चोड़े टुकड़े किये और हुजूर को खिलाने लगी। रोटी खत्म हो गयी और हजरत फातिमा रोने लगती है। हुजूर पाक ने देखा और कहा के फातिमा अब क्यों रोती हो?कहा अब्बा जान कल क्या होगा? कल कोन खिलाने आयगा? कल क्या मेरे घर मे चुहला जलेगा ? कल क्या आपके घर में चुहला जलेगा? नबी ने अपना प्यारा हाथ फातिमा के सर पर रखा और कहा कि फातिमा तू भी सब्र करले ओर मैं भी सब्र करता हूँ। हमारे सब्र से अल्लाह उम्मत के गुनाहगारों के गुनाह माफ करेगा! अल्लाहु अकबर ये होती है मोहब्बत जो नबी को हमसे थी, उम्मत से थी। ये गुनाहगार उम्मती हम ही है जिनके लिए हमारे नबी भूखे रहे, नबी की बेटी भूखी रही। और आज हमलोग क्या कर रहे हैं, उनके लिए। कल कयामत के दिन मैं ओर आप क्या जवाब देंगे?

(सोशल मीडिया से साभार)

Jashn-e-baisakhi में महिलाओं ने किया धमाल



Varanasi (dil india live). वैशाखी की पूर्व संध्या पर काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने "जश्ने बैसाखी "धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंच की अध्यक्षा अंजलि अग्रवाल  के गीत से  हुई। सभी सदस्यों ने गीत व नृत्य से त्योहार को रोचक बना दिया, नीतू सिंह और मनीषा अग्रवाल ने वैशाखी की थीम पर हाउजी गेम कराया वह सभी को भेंट स्वरूप बुके दिया कार्यक्रम का संचालन रेनू कैला द्वारा किया गया व संयोजन शोभा कपूर द्वारा उनके निवास पर हुआ सभी सदस्याओ ने अपने हाथों द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद करवाया कार्यक्रम में डॉक्टर ममता तिवारी, चंद्रा शर्मा, ममता पाडया, छवि अग्रवाल,   निधि, कमलेश गुप्ता, रीता कश्यप  की भागीदारी रही।

गुरुवार, 13 अप्रैल 2023

Hajj 2023: मेडिकल और फिटनेस केंद्रों का समापन



Varanasi (dil india live). आजमीने ए हज को हज कमेटी आफ इंडिया के सर्कुलर के मुताबिक़ हर हज यात्रियों को अपना मेडिकल स्क्रीनिंग (screening and fitness) और फिटनेस सर्टिफिकेट किसी सरकारी मेडिकल आफिसर (allopathic) से जो हज कमेटी आफ इंडिया ने जारी किया है उसको बनवाया जाना था, जिसके लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति ने दोनों केंद्रों का संचालन स्वास्थ विभाग के सहयोग से किया गया।

पूर्वांचल हज सेवा समिति के महासचिव अदनान ख़ान ने बताया कि पहला कैंप जनता सेवा हॉस्पिटल रेवड़ी तालाब मदनपुरा मे डॉ. गुलरेज़ आलम खां व सहयोगी फार्मासिस्ट अजय कुमार श्रीवास्ताव ने 232 हज यात्रियों का हेल्थ की जाँच किया और दूसरा कैंप जामिया हॉस्पिटल पीलीकोठी गोलगड्डा मे डॉ. राशिद जमाल अंसारी व उनके सहयोगी फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार गुप्ता ने 219 हज यात्रियों की हेल्थ की जाँच किया गया l

6 अप्रैल से 12 अप्रेल तक चले इस कैंप में चिकित्सकों ने अपनी टीम के साथ कुल 451 हाजियों की स्वास्थ की जाँच की और फिटनेस् सर्टिफिकेट जारी किया गया l पूर्वांचल हज सेवा समिति जिला अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अल्प संख्यक कल्याण अधिकारी का आभार प्रकट करती है कि इस कैंप के लगने से हज यात्रियों को बड़ी सुविधा मिली जिसके लिए पूर्वांचल हज सेवा समिति सदैव् आभारी रहेगी और जनता सेवा हॉस्पिटल के सचिव हाजी मोहम्मद नसीम उर्फ़ बब्बुन् साहब व जामिया हॉस्पिटल के जनाब हाजी अब्दुल सलाम साहब का भी हम शुक्रिया अदा करते है l

सदर हाजी ररईस अहमद, नायब सदर हाजी ज़ुबैर अहमद, मौलाना रियाज़, अब्दुल अहद, अयाज़, तलत महमूद, तारिक हसन बब्लू, अख्तर,डॉ अमीन, पप्पू मेडिकल, राजू, सोहेल, आसिफ, आदि लोग इस कैंप में हज यात्रियों की मदद में लगे रहे।

Ramadan Mubarak का तीसरा अशरा शुरू, पहली शबे कद्र पर हुई इबादत


Varanasi(dil india live)। रमजान का तीसरा अशरा बुधवार को मगरिब की नमाज के बाद शुरू हो गया। इस अशरे को जहन्नुम की आग से निजात दिलाने वाला कहा जाता है। इस अशरे में की गई इबादत के बदले अल्लाह अपने बंदों के गुनाहों को माफ कर उन्हें जहन्नुम की आग से निजात दे देता है। इसी अशरे की कोई एक रात शबे कद्र होती है। इसलिए लोग रात-रात भर जाग कर इबादत करते हैं। बताते हैं कि शबे कद्र में इबादत का सवाब एक हजार रातों की इबादत के बाराबर होता है। इस रात में मांगी गई दुआओं को अल्लाह कुबूल फरमाता है। शबे कद्र कि पहली रात 21 रमजान होती है। पहली ही शबे कद्र कि रात तमाम इबादतगुजारों ने रात भर जाग कर इबादत की।भोर में सहरी करके रोज़ा रखा।

एतेकाफ पर बैठेंगे इबादतगुजार 

बुधवार की शाम मस्जिदों में असर की नमाज के वक्त एतेकाफ में बैठने का सिलसिला शुरू हो गया। वैसे तो रमजान का पूरा महीना ही इबादत के लिए महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इसके आखिर के 10 दिन सबसे रहमत वाले होते हैं। रमजान के आखिरी अशरे में मस्जिद में एतेकाफ करना सुन्नत है। एतेकाफ पर बैठने वाले अब ईद का चांद देखने के बाद ही मस्जिद से अपने घर को लौटेंगे। हदीस के मुताबिक एतेकाफ में बैठकर इबादत करने वाले लोगों के अल्लाह सभी गुनाह माफ कर देता है। एतेकाफ सुन्नते केफाया है, अगर मोहल्ले का एक शख्स भी एतेकाफ करले तो सभी के लिए यह रहमतवाला होता है। सभी बरी हो जाते हैं, अगर कोई नहीं बैठा तो पूरा मुहलला गुनाहगार होगा।

बुधवार, 12 अप्रैल 2023

Moti jhil को अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जाय : साझा संस्कृति मंच

  • मोतीझील, सोनिया तालाब, पांडेयपुर तालाब सहित अनेक तालाब और कुंडों को अतिक्रमण और कचरामुक्त किया जाए
  • असि और वरुणा नदियों में मल-जल गिरना बंद हो और उसके दोनों तरफ हरित पट्टी विकसित की जाय 
  • ग्रामीण क्षेत्र के सभी तालाबों को वर्ष 1951 के राजस्व रिकार्ड के अनुसार अतिक्रमण मुक्त किया जाए  
  • साझा संस्कृति मंच एवं पर्यावरण बचाओ अभियान काशी ने मंडलायुक्त को दिया ज्ञापन 




Varanasi (dil india live). जी -20 के दृष्टिगत शहर को आकर्षक तरीके से सजाया जा रहा है, सडको पर हरियाली दिखे इसके लिए भी कोशिश हो रही है। इन सबके बीच ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व रखने वाले कुछ प्रमुख तालाब उपेक्षा ग्रस्त हैं और अतिक्रमण तथा प्रदूषण के कारण मृतप्राय हैं. इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति से चिंतित सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को मंडलायुक्त से मिल कर ज्ञापन दिया और उनसे तालाबों और नदियों को अतिक्रमण और प्रदूषण से मुक्त कर पुनर्जीवित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया।  

साझा संस्कृति मंच और पर्यावरण बचाओ अभियान काशी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्त्ता वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा  ने कहा कि जी -20 की तैयारियों के क्रम में शहर को सुंदर, हरियाली युक्त और स्वच्छ दिखाने के लिए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। इसके साथ ही कुछ स्थाई और प्रभावी उपाय भी किये जाने की सख्त जरूरत है. वाराणसी आंकड़ो में एक स्मार्ट सिटी है लेकिन मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा  तालाब, पाण्डेयपुर तालाब आदि एक बदनुमा दाग का प्रतिरूप बन गये हैं. असि और वरुणा नदियों में बिना शोधित किये हुए मल जल का प्रवाह हो रहा है जो अंततः गंगा में ही जा रहा है, यह स्थिति चिंताजनक है।

मंडलायुक्त को दिए गये ज्ञापन में मांग की गयी कि मोतीझील, सोनिया पोखरा, लहरतारा  तालाब, पाण्डेयपुर तालाब सहित काशी के सभी कुंडों और तालाबों तथा असि एवं वरुणा नदियों को अतिक्रमण और कचरे से मुक्त करते हुए पुनर्जीवित किया जाय. बड़े तालाबो, असि और वरुणा के किनारे हरित पट्टी विकसित की जाय। ग्रामीण क्षेत्र के तालाबो को भी माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गयी व्यवस्था के अनुरूप वर्ष 1951 के राजस्व अभिलेखों के आधार पर अतिक्रमण और पट्टा हटाते हुए पुनार्जीर्वित किया जाय. आगामी मानसून सत्र से पूर्व यदि उक्त दिशा में सकारात्मक पहल होती है तो वर्षा काल में जल संचय हो सकेगा जिससे भूगर्भ जल स्तर में भी वृद्धि होगी।

मंडलायुक्त की अनुपस्थिति में अपर मंडलायुक्त प्रशासन विश्व भूषण मिश्र ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.  ज्ञापन देने वालों में वल्लभाचार्य पाण्डेय, डॉ. मोहम्मद आरिफ, सतीश सिंह, ओम प्रकाश मिश्र, आकाश यादव, अमृत कुमार, गौतम सिंह, विनय कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, महेंद्र राठौर आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे l

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...