शनिवार, 25 जून 2022

UpCollege:राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र की हुई शुरूआत


Varanasi (dil india live). उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी, परिसर में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के अध्ययन केंद्र की शुरुआत शनिवार को की गई। कार्यक्रम का उद्घाटन  प्राचार्य प्रो0. धर्मेंद्र कुमार सिंह एवं क्षेत्रीय कोऑर्डिनेटर प्रो. एसके सिंह द्वारा किया गया। शुभारंभ के अवसर पर प्राचार्य द्वारा छात्रों को शिक्षा क्षेत्र में, स्तरीय अध्ययन को लेकर आनेवाली कठिनाइयों और उसके उन्मूलन में, उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तृत रूप से रेखांकित किया गया। कार्यक्रम के दौरान, डॉ. सुधीर शाही, डॉ. एनपी सिंह, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. उपेंद्र कुमार, डॉ. डीवी सिंह, डॉ. तुमुल सिंह, डॉ. संजीव सिंह रसायन शास्त्र, डॉ. डीडी. सिंह, डॉ. संत कुमार सिंह आदि एवं अन्य कर्मचारी,उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन उदय प्रताप कॉलेज, अध्ययन केंद्र के, कोऑर्डिनेटर डॉ. अनूपगढ़ कुमार सिंह अर्थशास्त्र विभाग ने किया। डॉ. अनूप कुमार सिंह ने बताया कि 26 जून से, प्रवेश हेतु आवेदन, विश्वविद्यालय की वेब साइट : uprtou.ac.in के माध्यम से किया जा सकता है। जिसमे उदय प्रताप कॉलेज वाराणसी, अध्ययन केंद्र का कोड: S - 1815 है। अन्य जानकारी के लिए इच्छुक अभ्यर्थी सभी कार्य दिवसो पर , प्रातः 8:00 बजे से अपरान्ह 2:00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

मंगलवार, 21 जून 2022

परिवार नियोजन की सही फरमाईश, मदद करेगी 'बास्केट ऑफ च्वाइस'

स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन काउंसलर दे रहे निःशुल्क परामर्श


Varanasi (dil indialive). मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और बेहतर मातृत्व स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि शादी के दो साल बाद ही पहले बच्चे के जन्म की योजना बनायी जाए और दूसरे बच्चे के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखा जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने बहुत कारगर और सुरक्षित साधनों से युक्त ‘बास्केट ऑफ़ च्वाइस’ मुहैया करा रखी है। इसके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि किसको, कब और कौन सा साधन अपनाना श्रेयस्कर होगा। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी का । उन्होने कहा कि बास्केट ऑफ़ च्वाइस में परिवार नियोजन के लिए नौ साधनों को शामिल किया गया है। इस बारे में उचित सलाह के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक, परिवार नियोजन काउंसलर, आशा कार्यकर्ता और एएनएम की मदद ली जा सकती है ।

  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) डॉ राजेश प्रसाद का कहना है कि जिले में 185 स्वास्थ्य इकाइयों पर परिवार नियोजन काउंसलर व कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की मदद से ‘बॉस्केट ऑफ च्वाइस’ के बारे में लाभार्थी की स्थिति के अऩुसार सही परामर्श दिया जाता  है । प्रत्येक माह की 21 तारीख को आयोजित होने वाले खुशहाल परिवार दिवस, प्रत्येक गुरूवार को आयोजित होने वाले अंतराल दिवस एवं प्रत्येक माह की नौ तारीख को आयोजित होने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर  भी इस बारे में जानकारी दी जाती है । पुरुष और  महिला नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, माला एन, कंडोम, छाया और ईसीपी की गोलियां बॉस्केट ऑफ च्वाइस का हिस्सा हैं ।

  सेवापुरी ब्लॉक निवासी शमा बताती हैं कि वह अनचाहे गर्भ से राहत के लिए स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अंतरा तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन का लाभ ले रही हैं। इसमें उन्हें और उनके परिवार को कोई परेशानी नहीं है। वहीं अंजुम बताती हैं कि अनचाहे गर्भ से सुरक्षित रहने के लिए वह छाया साप्ताहिक गर्भ निरोधक गोली का सेवन कर रही हैं और समय-समय पर चिकित्सक व एएनएम से परामर्श भी ले रही हैं।

  डॉ प्रसाद बताते हैं कि परिवार नियोजन का साधन हर लाभार्थी अपनी जरूरत और पसंद के हिसाब से अपनाता है, लेकिन काउंसलर और चिकित्सकों को दिशा-निर्देश है कि वह लाभार्थी के उन पहलुओं की भी जानकारी जुटाएं  जिनमें कोई साधन विशेष उनके लिए उपयुक्त है या नहीं ।

परिवार नियोजन में जिले की स्थिति 

 वित्तीय वर्ष 2021-22 में पुरुष नसबंदी 37,  महिला नसबंदी 10605,  कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 21418, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 7085, माला एन (ओरल पिल्स) 79854, कंडोम 7.2 लाख, छाया 26507 और ईसीपी 14377 के लाभार्थी जिले में परिवार नियोजन सेवा प्राप्त करने के लिए आगे आए हैं । इस वर्ष अप्रैल से अभी तक पुरुष नसबंदी 10,  महिला नसबंदी 414, कॉपर-टी (आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी) 3043, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन 2750, माला एन (ओरल पिल्स) 12209, कंडोम 1.24 लाख, छाया 4408 और ईसीपी 2026 के लाभार्थी सेवा ले चुके हैं। 

साधनों को चुनते समय यह भी रखें ध्यान 

-- उन पुरुषों को नसबंदी की सेवा अपनानी  चाहिए जो शादी-शुदा हों और जिनकी उम्र 60 वर्ष से कम हो । उनके पास कम से कम एक बच्चा होना चाहिए जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पुरुष नसबंदी तभी करवानी चाहिए  जब  पत्नी ने नसबंदी न करवाई हो । पुरुष नसबंदी कभी भी करवाई जा सकती है ।

-महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के  तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस साधन को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो । दम्पति  के पास कम से कम एक बच्चा हो जिसकी उम्र एक वर्ष से अधिक हो । पति ने पहले नसबंदी न करवाई हो और सुनिश्चित कर लें कि महिला गर्भवती न हो और प्रजनन तंत्र में संक्रमण न हो ।

--आईयूसीडी को माहवारी के शुरू होने के 12 दिन के अंदर या असुरक्षित यौन संबंध के पांच दिन के अंदर अपना सकते हैं । यदि लाभार्थी के पेडू में सूजन, एड्स या यौन संचारित संक्रमण का खतरा हो, यौनि से असामान्य रक्तस्राव हो, ग्रीवा, गर्भाशय या अंडाशय का कैंसर हो तो यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए ।

-प्रसव के बाद पीपीआईयूसीडी 48 घंटे के अंदर या प्रसव के छह सप्ताह बाद लगवायी जा सकती है । पानी की थैली (झिल्ली) फट जाने के 18 घंटे बाद प्रसव होने की स्थिति में, प्रसव पश्चार बुखार एवं पेटदर्द होने पर, योनि से बदबूदार स्राव या प्रसव के पश्चात अत्यधिक रक्तस्राव होने पर यह साधन नहीं अपनाया जाना चाहिए । गर्भपात होने के बाद तुरंत या 12 दिन के अंदर इसे अपना सकते हैं, बशर्ते आईयूसीडी संक्रमण या चोट न लगा हो ।

-त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन प्रसव के छह सप्ताह बाद, तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर लगवाया जा सकता है । यह इंजेक्शन उच्च रक्तचाप (160 या 100 से अधिक), अकारण योनि से रक्तस्राव, प्रसव के छह सप्ताह के भीतर, स्ट्रोक या मधुमेह की बीमारी, स्तन कैंसर (पहले या बाद में) और लीवर की बीमारी की स्थिति में नहीं अपनायी जानी चाहिए । इसे चिकित्सक की परामर्श से ही अपनाना है ।

-साप्ताहिक छाया गोली प्रसव के तुरंत बाद, माहवारी शुरू होने से पहले, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं । जिन महिलाओं के अंडाशय में सिस्ट, बच्चेदानी के मुंह में बदलाव, पीलिया या लीवर के बीमारी का इतिहास, किसी भी प्रकार की एलर्जी और टीबी या गुर्दे जैसी कोई गंभीर बीमारी हो तो वह इस साधन को न अपनाएं ।

-कंडोम का इस्तेमाल पुरुष कभी भी कर सकते हैं । यह अनचाहे गर्भ के अलावा यौन संक्रमण और एचआईवी या एड्स से भी बचाता है ।

-गर्भनिरोधक गोली माला एन प्रसव के छह महीने बाद (केवल स्तनपान की स्थिति में), प्रसव के तीन सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के पांच दिन के अंदर, गर्भपात होने के तुरंत या सात दिन के अंदर अपना सकते हैं। यह गोली पीलिया होने या पीलिया का इतिहास होने पर, स्ट्रोक, लकवा या ह्रदय रोग, 35 वर्ष से अधिक उम्र की  धूम्रपान करने वाली महिलाओं, उच्च रक्तचाप (140 या 90 से अधिक) या माइग्रेन की स्थिति में नहीं लेनी है ।

Mirzapur news: हाई स्कूल में दिव्यांशी राय ने किया नाम रौशन

I A S बनकर देश की सेवा करना चाहती है दिव्यांशी 


Mirzapur (dil india live).  जमालपुर विकासखंड  के मुराहु सिंह इंटरमीडिएट कॉलेज मनउर में हाईस्कूल  में  प्रथम  स्थान  पाकर दिव्यांशी राय ने न सिर्फ अपना बल्कि विद्यालय का भी नाम रोशन किया है।

दरअसल दिव्यांशी राय ग्राम वरवाॅ ने अपने विद्यालय में हाईस्कूल विज्ञान वर्ग में 86 परसेंट अंक पाकर मुराहु सिंह इंटर कॉलेज  मनउर  मे प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इससे विद्यालय में जहां ख़ुशी की लहर है वहीं दिव्यांशी की माता प्रिया सिंह पिता बृजेश कुमार राय ने भी हर्ष व्यक्त किया है। दिव्यांशी का कहना है कि वो बड़  होकर I A S बनकर देश की सेवा करना चाहती है।

सोमवार, 20 जून 2022

Up College ncc:छात्र सैनिकों ने जमकर किया योगाभ्यास

सीखा स्वच्छता और स्वास्थ्य के सूत्र 

छात्र सैनिकों ने सीखा पॉइंट 22 राइफल को खोलना और जोड़ना

वॉलीबॉल प्रतियोगिता के फाइनल में इको कंपनी विजेता 




Varanasi (dil india live)। संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर 311 के अंतर्गत छात्र सैनिकों ने बरियासनपुर के महादेव पीजी कॉलेज में सोमवार को जमकर योग का अभ्यास किया। सूर्य नमस्कार से प्रारंभ कर कपालभाति, भ्रामरी, अनुलोम विलोम, कुंम्भक का अभ्यास ही नहीं किया वरन उससे होने वाले फायदे से भी परिचित हुए।

ट्रेनिंग सत्र में छात्र सैनिकों को पॉइंट 22 राइफल को खोलना और जोड़ना बतलाया गया साथ ही दूरी मापन के तरीकों को भी सिखाया गया । कैप्टन प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने "राष्ट्र निर्माण में एनसीसी के योगदान" की महत्ता कैडेटों को बताई। खेलकूद के अंतर्गत वॉलीबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच में इको कंपनी विजेता रही। डेल्टा कंपनी को उपविजेता से ही संतोष करना पड़ा।

सायंकालीन सत्र में डॉ एसके सिंह ने अपने  स्लाइड शो में "स्वच्छता और स्वास्थ्य" पर बोलते हुए छात्र सैनिकों से कहा - "मानसिक ,शारीरिक और सामाजिक रुप से स्वस्थ व्यक्ति ही पूर्ण स्वस्थ की परिभाषा में आता है। हड्डियों का फ्रेक्चर, सांप का काटना तथा प्राथमिक चिकित्सा पर आपने अपने विचारों से छात्र सैनिकों को अवगत कराया।

कार्यक्रम का संचालन कैप्टन प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ने किया इस अवसर पर कैंप कमांडेंट कर्नल आशीष त्रिपाठी, डिप्टी कैंप कमांडेंट कर्नल ऋषिराज चरण, डा अरविंद कुमार सिंह , लेफ्टिनेंट निर्भय सिंह यादव, फर्स्ट ऑफिसर लाल बहादुर सिंह, थर्ड ऑफिसर अरविंद कुमार राय, सूबेदार मेजर रतनलाल, सूबेदार विदुर सिंह, पप्पू नेगी, सुरेंद्र सिंह, एम एस कौड़ी, बी एच एम कुलदीप सिंह, हवलदार गजेंद्र, महावीर सिंह यादव तथा समस्त स्टाफ उपस्थित I 

Dav pg college: सांख्यिकी तकनीक एवं डेटा विश्लेषण पर एसपीएसएस एवं आर' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला

आंकड़ों के विश्लेषण में सहायक है एसपीएसएस

डीएवी पीजी कॉलेज में शुरू हुई 10 दिवसीय कार्यशाला




Varanasi (dil india live). डीएवी पीजी कॉलेज के वाणिज्य विभाग एवं रिसर्च प्रमोशन सेल के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार से दस दिवसीय 'सांख्यिकी तकनीक एवं डेटा विश्लेषण पर एसपीएसएस एवं आर' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। पहले दिन उद्धघाटन सत्र में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के प्रोफेसर अतहर अली खाँ ने कहा कि सांख्यिकी एक रास्ता है जो आंकड़ो का अध्ययन करने में सहायक होता है। किसी भी शोध में सबसे महत्वपूर्ण होता है आँकड़े, उन्हें एकत्रित करना, उनका विश्लेषण करना और उसे निष्कर्ष तक पहुँचाने में एसपीएसएस की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका हो चूकि है। उन्होंने कहा कि एक सही संदेश प्रेषित करने के लिए आंकड़ो का सही होना और उसका सटीक विश्लेषण सबसे जरूरी होता है। 

विषय स्थापना करते हुए कार्यक्रम संयोजक डॉ. राहुल ने कहा कि यह सामाजिक विज्ञान के शोध में एसपीएसएस एवं आर सॉफ्टवेयर एक बेहतरीन टूल है जिसके सहयोग से डाटा को सही तरीके से संरक्षित और उनका परीक्षण कर सकते है। इसके माध्यम से बड़ी संख्या में प्राप्त आंकड़ो को भी गणितीय रूप से व्यवस्थित कर सकते है।

अध्यक्षता महाविद्यालय के मंत्री/प्रबंधक अजीत सिंह यादव ने किया। इसके पूर्व अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन द्वारा हुआ। अजीत सिंह यादव का स्वागत विभागध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कमल द्वारा अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। अतिथि परिचय डॉ. आनंद सिंह, संचालन डॉ. श्रुति अग्रवाल एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर मधु सिसोदिया ने दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रोफेसर ओ.एन दुबे, प्रोफेसर एस. के शर्मा, डॉ. वी.एन दुबे, डॉ. संजय शाह, डॉ. सत्यार्थ बाँधल, डॉ. मितिन आहूजा सहित विभिन्न विभागों के अध्यापक एवं लगभग 50 प्रतिभागी शामिल रहे।

Ghazipur news: सीएमओ को सौंपा पत्रक

यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन ने सौंपा पत्रक


Varanasi (dil india live). यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन गाजीपुर उत्तर प्रदेश ,के जिलाध्यक्ष सहित तमाम कर्मचारियों ने अपनी 4 सूत्री मांग पत्र का ज्ञापन जो उपमुख्यमंत्री एवं मंत्री चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सेवा उत्तर प्रदेश लखनऊ, को संबोधित था उस पत्र को सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविंद सिंह को सौंपा। जिसमें स्थानांतरण नीति के अनुपालन व साथ ही अन्य मांगों का जिक्र किया गया था।

जिला अध्यक्ष अमित राय ने बताया कि विगत साल दूरस्थ स्थान्तरित किए गए लिपिक को तीन विकल्प प्राप्त करके विकल्प के आधार पर उनके अनुरोध पर उनके गृह जनपद के निकट के जनपद या मंडल में तैनात  कराया जाए। जिससे लिपिक राजकीय दायित्व के साथ-साथ अपने पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन भी कर सके। शासनादेश के मुताबिक बिंदु संख्या पांच बीमारी, बच्चों की शिक्षा, दंपत्ति नीति, दिव्यांग, बिंदु  5 और 2 वर्ष से कम सेवानिवृत्ति वाले कर्मियों को स्थानांतरण से मुक्त रखा जाए। इसके अलावा फर्जी शिकायतों पर बिना पुष्टि एवं जांच की स्थानांतरण ना किया जाए।

पत्रक सौंपने वालों में शिव बली मिश्रा, कृष्ण कुमार वर्मा, प्रमोद कुमार, दिनेश तिवारी, अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, गौरी शंकर लाल के साथ ही अन्य लोग उपस्थित रहे।

Yoga day 2022:कल मनेगा ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’

नियमित करें योग, रहें निरोग: सीएमओ

  • स्वस्थ रहने व इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक
  • इस वर्ष की थीम “मानवता के लिए योग”



Varanasi (dil india live). योग लोगों को निरोग बनाने में मदद करता है।  यह शरीर की ताकत को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसके साथ ही तनाव और चिंता को कम करने में भी मददगार साबित होता है। शरीर को बीमारियों से बचाने और रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) बढ़ाने का भी काम करता है। योग के इसी महत्व को देखते हुए और जनजागरूकता फ़ैलाने के उद्देश्य से हरवर्ष 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ मनाया जाता है। इस वर्ष दिवस की थीम ‘योगा फॉर ह्यूमिनिटी” यानी ‘मानवता के लिए योग” निर्धारित की गई है। 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि मंगलवार को आठवां ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जायेगा, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। योग दिवस के उपलक्ष्य में 21 मई से 20 जून तक जिले में ‘अमृत योग माह’ का आयोजन किया गया जिसमें चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मियों समेत करीब 22 हजार लोगों को योग के बारे में जानकारी देते हुए योगाभ्यास कराया गया। 

जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव ने बताया कि जिले में 24 शहरी पीएचसी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) एवंग्रामीण के 183 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सहित कुल 207 स्वास्थ्य केन्द्रों एवं ब्लॉक पीएचसी / सीएचसी पर योग की सेवाएं दी जा रही हैं। इन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों व कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) द्वारा योग सिखाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने लोगों को सेहतमंद बनाने के लिए चिकित्सा के साथ ही योग के बारे में  भी जागरूक करने के निर्देश दिये हैं। इसके तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में योग की पाठशाला लगाई जा रही है।

ब्लॉक अराजीलाइन के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बसंत पट्टी सीएचओ धर्मेंद्र ने बताया कि रोजाना सुबह एक घंटे  हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में योग पाठशाला लगायी जा रही है,  जिसमें क्षेत्र के लोगों को योगाभ्यास कराया जाता है। इसमें प्रतिदिन 20 से 30 लोग योग सीखने आते हैं। उन्हें सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, ताड़ासन, गोमुखासन, अनुलोम-विलोम, कपालभांति, सर्वांगासन आदि सिखाया जा रहा है। अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट किया जाता है। लोग इसमें बढ-चढ़ कर हिस्सा ले रहें हैं। उन्होंने बताया कि ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ हमें योग के महत्व के प्रति जागरूक करता है। योग से मानसिक और शारीरिक दोनों रूप से शरीर स्वस्थ रहता है। योग का सत्र गर्दन, कंधे, पीठ और कूल्हों में तनाव को कम करने में मदद करता है। शरीर में चुस्ती-फुर्ती आती है। योग से बीमारियां दूर होती हैं। इसकेसाथ ही शुगर, बीपी हाईपरटेंशन, डिप्रेशन आदि भी नियंत्रित रहता है। गर्भावस्था में भी योग करना लाभदायक होता है।

योग के सम्बन्ध में जरूरी बातें

मासिकधर्म के दौरान योगासन नहीं करना चाहिए।

प्रशिक्षित योग शिक्षक के सानिध्य में ही योग करना उत्तम रहता है।

योगाभ्यास के बाद पर्याप्त नींद और पौष्टिक आहार लेना आवश्यक है। 

योगाभ्यास करने वाले व्यक्ति को नशा नहीं करना चाहिए।

किसी आसन को करने से शरीर में तकलीफ हो तो प्रशिक्षक से सलाह लें।

योगासन किसी भी उम्र के स्त्री या पुरुष कर सकते हैं।

योग के लाभ

नियमित योगाभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है।

योग करने वालों का रक्तचाप व हृदय गति में सुधार होता है।

उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक होती है।

योगासन से रक्त शुद्ध होता हैं, मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है।

योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान  है।

Om Prakash Rajbhar बोले आदर्श समाज के निर्माण में स्काउट गाइड का योगदान सराहनीय

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस सप्ताह का समापन जमीयत यूथ क्लब के बच्चों ने किया मंत्री ओपी राजभर का अभिनंदन Varanasi (dil India li...