मंगलवार, 15 मार्च 2022

बच्चों के लिए लांच होगा कोविड का “कोर्बीवैक्स” टीका

शहरी सीएचसी दुर्गाकुण्ड पर 12 से 14 आयुवर्ग के बच्चों को टीके की डोज देकर अभियान की होगी औपचारिक शुरुआत

वाराणसी, 15 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। जनपद में 12 वर्ष से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को कोविड टीका “कोर्बीवैक्स” (Corbevax) का बुधवार को लगाया जाएगा। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय के अनुसार बच्चों के टीकाकरण की औपचारिक शुरुआत बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के समीप स्थित शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र दुर्गाकुण्ड से होगी। इसके बाद पूरे जिले की रूपरेखा बनाकर टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा।

कोरोना महामारी के बाद शुरु हुए दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान में बड़ी सफलता हासिल करने के बाद अब 12 से 14 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। इसके पूर्व गत तीन जनवरी को 15 से 18 आयु वर्ग के टीकाकारण का अभियान शुरू किया गया था। इसमें भी लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद सरकार ने अब 12 से 14  आयु वर्ग के बच्चों के भी टीकाकरण का लक्ष्य रखा है। इस आयु वर्ग के बच्चों को “कोर्बीवैक्स” लगाने का निर्णय लिया है। जिसकी पर्याप्त खुराक यहां पहुंच चुकी है। बच्चों को यह टीका कैसे लगेगा इसकी पूरी रूपरेखा तय करने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को स्थानीय अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। साथ ही निर्देश दिया कि अभियान में शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा जाए। इस बात का ध्यान रहे कि टीकाकरण से कोई बच्चा छूटने न पाये।

सोमवार, 14 मार्च 2022

शोकसभा में एम्बुलेंस चालक को दी श्रद्धांजलि


वाराणसी,14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एम्बुलेंस चालक सरोज सोनकर के निधन पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में शोक सभा का आयोजन किया गया। बसहीं क्षेत्र निवासी सरोज सोनकर पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में एम्बुलेंस चालक थे। रविवार की शाम अपने आवास पर उनकी हालत अचानक बिगड़ गयी। परिवार के लोग उन्हें लेकर पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सरोज सोनकर के आकस्मिक निधन पर मुख्य चिकित्साअधिकारी कार्यालय में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके मौर्य की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर गत आत्मा की शांति और उनके परिजनों को इस दुःख की घड़ी में सहनशक्ति देने के लिए र्इश्वर से प्रार्थना की गयी। शोक सभा में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीएस राय, डिप्टी सीएमओ डा. सुरेश सिंह, एसीएमओ डा. एके गुप्त के अलावा डा. पीयूष राय, वरिष्ठ चिकित्सक डा. एके पाण्डेय, सहायक मलेरिया अधिकारी के.के. राय, जिला प्रशासनिक अधिकारी शेषमणि समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। शोक सभा का संचालन डीएचईआईओ हरिवंश यादव ने किया।

हर्बल रंगों के साथ मनायें होली की खुशियां

खतरनाक हो सकता है होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग

कोविड प्रोटोकाल का करें पालन

वाराणसी, 14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता हैं। इससे त्वचा के झुलसने के साथ ही श्वांस व नेत्र रोग सम्बन्धित बीमारियां भी हो सकती है। लिहाजा होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें और हर्बल रंगों के साथ होली की खुशियां मनायें। 

 यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.संदीप चौधरी का। डा. चौधरी ने कहा कि होली पर सभी को कोविड प्रोटोकाल का भी अवश्य पालन करना चाहिए । खास तौर पर उन लोगो को जो कोविड संक्रमण से गुजर चुके हैं।  ऐसे लोगो के लिए रसायन युक्त रंग काफी नुकसानदायक हो सकता है । जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राहुल सिंह कहते हैं कि वर्तमान दौर में होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। रसायनों से युक्त रंग लगने के कुछ ही देर बाद त्वचा में तेज जलन, खुजली और दानों या फफोलों का निकलना शुरू हो जाता है। इन रंगों में कुछ ऐसे भी रसायन मिले होते है जिनके प्रयोग से त्वचा के झुलसने का खतरा होता है। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। 

 इस तरह करें बचाव

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एके मौर्य  कहते है कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है कि होली वाले रोज घर निकलने से पहले पूरे शरीर में नारियल का तेल अवश्य लगाये। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग  लगा दिया है और आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।

 हर्बल रंगों का करें प्रयोग

क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डा. भावना द्विवेदी कहती हैं कि पहले के जमाने में होली हर्बल रंगों से ही खेली जाती थी। लोग टेंसू या फिर अन्य फूलों को भिंगों कर होली खेलने खेलने के लिए रंग तैयार करते थे। इसके साथ ही चंदन, रोली का प्रयोग भी होली खेलने में होता था। ऐसे में होली पर लोगों को केमिकल रंगों से बचते हुए हर्बल  रंगों का प्रयोग करना चाहिए। 

 फूलों की होली भी एक बेहतरीन विकल्प

डा. भावना द्विवेदी कहती है कि फूलों की होली एक बेहतरीन विकल्प है। इसका प्रचलन भी हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेलकर रासायनिक रंगों से बचा जा सकता है।

नियमित टीकाकरण अभियान होगा और तेज़

शुरू हुआ दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण

 

गाजीपुर,14 मार्च (हिमांशु राय/दिल इंडिया लाइव)। गर्भवती और बच्चों को नियमित टीकाकरण करने की जिम्मेदारी गांव स्तर पर एएनएम की होती है। ऐसे में उन्हें नियमित टीकाकरण को लेकर समय-समय पर प्रशिक्षित करने का कार्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया जाता है। इसी क्रम में सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में ब्लॉक से आई हुई एएनएम को प्रशिक्षित करने का कार्य शुरू किया गया। जिसका शुभारंभ प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ के के वर्मा ने किया। वही प्रशिक्षण देने का कार्य डॉ के के वर्मा, डॉ उमेश कुमार, डॉ मनोज कुमार अधीक्षक बिरनो, डॉ रमेश प्रसाद अधीक्षक सादात के द्वारा किया गया।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ उमेश कुमार ने बताया कि जनपद में कुल 412 एवं कार्यरत है। सोमवार से दो दिवसीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसमें 20 की संख्या में ब्लॉक से आई हुई एएनएम को नियमित टीकाकरण के अंतर्गत टीकाकरण करने के तरीके, उसके रखरखाव के साथ ही प्रचार प्रसार आदि को लेकर प्रशिक्षित किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का कार्य सप्ताह में सोमवार मंगलवार  व गुरुवार शुक्रवार को किया जाएगा। इस दौरान चलने वाले नियमित टीकाकरण कार्य कहीं भी प्रभावित नहीं होगा। साथ ही उन्होंने बताया कि जनपद के सभी एएनएम को प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से जून माह तक प्रशिक्षित करने का कार्य विभाग के द्वारा पूरा कर लिया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ एसडी वर्मा ,अमित राय ,राघवेंद्र सिंह के साथ ही ब्लॉक से आई हुई एवं कार्यकर्ता शामिल रहे।

एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय हुआ ‘एनक्वास सर्टिफाइड’

बना पूर्वांचल का पहला मंडलीय चिकित्सालय
  • ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन सुविधाओं सहित आठ विभागों में मिले 81 फीसद अंक
  • जिलाधिकारी समेत एडी (स्वास्थ्य), एसआईसी, सीएमओ ने ज़ाहिर की खुशी



वाराणसी, 14 मार्च (दिल इंडिया लाइव)। जनपद में चिकित्सीय एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। इसका सुखद परिणाम यह है कि कबीरचौरा स्थित श्री शिवप्रसाद गुप्त (एसएसपीजी) मंडलीय चिकित्सालय को केंद्र सरकार ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैन्डर्ड (एनक्वास) सर्टिफाइड घोषित कर दिया है। इस उपलब्धि से मंडलीय चिकित्सालय पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय बन गया है। इससे पहले बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को एनक्वास सर्टिफिकेट मिल चुका है।

जनपद के एक और चिकित्सालय को एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने से स्वास्थ्य विभाग में खुशी की लहर छा गयी है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा समेत चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण वाराणसी मण्डल के अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ शशिकांत उपाध्याय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ प्रसन्न कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी एवं समस्त विभाग ने एनक्वास के मानकों पर खरे उतरने एवं सर्टिफ़ेकेट मिलने की खुशी जाहिर की। इसके साथ ही उन्होंने मण्डलीय चिकित्सालय के समस्त स्टाफ को बधाई दी। 

पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय 

 एसएसपीजी मण्डलीय चिकित्सालय को एनक्वास सर्टिफिकेट मिलने में मंडलीय सलाहकार डॉ आरपी सोलंकी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस उपलब्धि से मण्डलीय चिकित्सालय पूर्वांचल का पहला मण्डलीय चिकित्सालय बन गया है। इसके साथ ही चिकित्सालय को अब अगले तीन साल तक प्रति बेड 10,000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाएगी जिससे चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार व सुदृढ़ीकरण किया जा सके। उन्होने बताया कि मंडलीय चिकित्सालय में वाराणसी के आसपास जिलों जैसे गाज़ीपुर, मिर्ज़ापुर, भदोही, सोनभद्र, चंदौली, जौनपुर से मरीज इलाज के लिए आते हैं।  

इन आठों विभागों में मिले 81 फीसदी अंक 

 डॉ सोलंकी ने बताया कि एसएसपीजी चिकित्सालय के सभी आठों विभागों अंतः रोगी विभाग, पैथोलॉजी विभाग, ब्लड बैंक, रेडियोलॉजी विभाग, ऑपरेशन थियेटर, आपातकालीन विभाग, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन एवं अतिरिक्त सेवा विभाग के साथ-साथ बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन, साफ-सफाई, खानपान की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाओं में 81 फीसदी अंक हासिल किए हैं।     

तीन बार हुआ निरीक्षण 

डॉ सोलंकी ने बताया कि एनक्वास के तहत मण्डलीय चिकित्सालय का तीन बार निरीक्षण किया गया। पहला जिला स्तर (अंतर्भागीय), दूसरा राज्य (यूपी) स्तर एवं तीसरा अंतिम निरीक्षण केंद्र स्तरीय टीम द्वारा पिछले माह किया गया। इसमें चिकित्सालय को क्रमशः 74 फीसद, 79 फीसद व 81℅ अंक प्राप्त हुये। 

तीन बार मिल चुका है कायाकल्प पुरस्कार 

डॉ सोलंकी ने बताया कि एनक्वास अवार्ड मिलने से पहले एसएसपीजी चिकित्सालय को तीन बार कायाकल्प पुरस्कार भी मिल चुका है। 

चिकित्सालय में मौजूद सुविधाएं

- रेडियोलॉजी की इलेक्ट्रॉनिक व मैनुअल सुविधा

- पैथोलॉजी जांच 

- 24 घंटे ब्लड बैंक की सुविधा

- एक्सरे जांच 

- 24 घंटे आपातकालीन सुविधाएं

- आईसीटीसी

- प्लास्टर कक्ष 

- फिजियोथेरेपी

- ऑपरेशन थियेटर

- ईसीजी

- ईएनटी

- ट्रूनाट व आरटीपीसीआर लैब

- डायलिसिस सेवा 

- आयुष विंग

- मातृ व शिशु स्वास्थ्य सुविधाएं

- एनसीडी क्लीनिक

- एआरवी क्लीनिक

- डेंगू/H1N1 के लिए आइसोलेशन वार्ड

- टीबी जांच 

- तम्बाकू नियंत्रण परामर्श

- किशोर-किशोर स्वास्थ्य क्लीनिक

- वृद्धजन व मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं

- दंत व आँख जांच एवं उपचार

- त्वचा व आर्थो सर्जरी

- जनरल सर्जरी व एनैस्थिसियोलॉजी

- औषधीय

तबले के इस जादूगर का जाना

चौकाघाट मसीही कब्रिस्तान में हुए सुपुर्द


वाराणसी १४ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। पंडित शाम्ता प्रसाद (गुदई महाराज) के शिष्य विख्यात तबला वादक पंडित जे. मेसी अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन की खबर होते ही काशी के जनमानस का ह्रदय दुख से जहां भर गया वहीं आज काशी ने फिर एक विद्वान एवं विख्यात तबला वादक के रूप में काशी के एक और रत्न को खो दिया। विश्व के विभिन्न देशों में अपने तबले के द्वारा पहचान बनाने वाले पंडित जे. मेसी आकाशवाणी के उच्च स्तरीय कलाकार थे, उन्होंने देश के तमाम दिग्गज कलाकारों के साथ अद्भुत संगत किया था, साथ ही पूरे विश्व में उन्होंने तबले के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। उनका जन्म 11जनवरी १९४९ को हुआ था। उनके निधन से वाराणसी के मसीही समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। आज शाम चौकाघाट मसीही कब्रिस्तान में उन्हें सुपुर्द किया गया।

रविवार, 13 मार्च 2022

गौना कराने ससुराल पहुचे काशीपुराधिपति

खास ‘रंगभरी ठंडई’ से किया गया बाबा की बारात का स्वागत
वाराणसी १३ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। गौना की बारात लेकर रंगभरी की पूर्व संध्या पर रविवार को महंत आवास पहुंचने पर बाबा की बारात का अनूठा स्वागत हुआ। हर बार तो बारातियों का स्वगत ठंडई पिला कर किया जाता था मगर इस बार दूल्हा बने बाबा विश्वनाथ पर ठंडई और गुलाबजल की फुहार उड़ा कर किया गया। इसके बाद फल, मेवा और बाबा के लिए खासतौर पर मिश्राम्बु द्वारा तैयार की गई ‘रंगभरी ठंडई’ से पारंपरिक स्वागत किया गया।

गौरा का गौना कराने बाबा विश्वनाथ के आगमन पर अनुष्ठान का विधान पं.सुनील त्रिपाठी के अचार्यत्व में किया गया। बाबा का अभिषेक करने के बाद वैदिक सूक्तों का घनपाठ किया गया। काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ कुलपति तिवारी के सानिध्य  में विविध अनुष्ठान हुए। बाबा विश्वनाथ व माता पार्वती की गोदी में प्रथम पूज्य गणेश की रजत प्रतिमाओं को एक साथ सिंहासन पर विराजमान कराया गया। पूजन-आरती कर भोग लगाया गया। पहले डमरुओं की गर्जना हुई फिर महिलाओं और नगर के कलाकारों ने मंगल कामनाओं से परिपूर्ण पारंपरिक गीत लोकनृत्य से ससुराल पहुचे काशी पुराधिपति का स्वागत हुआ। मंहत आवास गौने के बधाई गीतों से गुंजायमान हो उठा।  
रंगभरी एकादशी पर 14 मार्च को बाबा के पूजन का क्रम ब्रह्म मुहूर्त में मंहत आवास पर आरंभ होगा। बाबा के साथ माता गौरा की चल प्रतिमा का पंचगव्य तथा पंचामृत स्नान के बाद दुग्धाभिषेक किया जाएगा। दुग्धाभिषेक पं. वाचस्पति तिवारी और संजीव रत्न मिश्र करेंगे। सुबह पांच से साढ़े आठ बजे तक 11 वैदिक ब्रह्मणों द्वारा षोडशोपचार पूजन पश्चायत फलाहार का भोग लगा महाआरती की जाएगी। दस बजे चल प्रतिमाओं का राजसी शृंगार एवं पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे भोग आरती के बाद के बाबा का दर्शन आम श्रद्धालुओं के खोला जाएगा। जन सामान्य के लिए दर्शन सायं पांच बजे तक खुला रहेगा। उमरूदल के सदस्यों के लिए दोपहर एक से तीन बजे तक समय निर्धारित किया गया है। 
बाबा की पालकी की शोभायात्रा टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर तक निकाली जाएगी। इससे पूर्व प्रात: साढ़े दस बजे से शिवांजलि संगीत समारोह का परंपरागत आयोजन  होगा। एएम. हर्ष के संयोजन में होने वाले शिवांजलि संगीत समारोह का मुख्य आकर्षण ख्यात कलाकार विदुषी सुचरिता गुप्ता एवं प्रख्याात तबलावादक पं. अशोक पांडेय का तबला वादन होगा। शुरुआत महेंद्र प्रसन्ना द्वारा शहनाई की मंगलध्वनि से होगी। कीर्तिमानधारी शंखवादक हैदराबाद के श्रीवल्लभ, जयपुर के भजन गायक मोहन स्वामी, रुद्रनाद बैंड के लीड सिंगर अमित त्रिवेदी, आराधना सिंह, सरोज वर्मा, पुनीत ‘पागल बाबा’, संजय दुबे आदि कलाकार भजनों की प्रस्तुतियां करेंगे।

शेख़ अली हजी को दिखता था बनारस का हर बच्चा राम और लक्ष्मण

बरसी पर याद किए गए ईरानी विद्वान शेख़ अली हजी  Varanasi (dil India live)। ईरानी विद्वान व दरगाहे फातमान के संस्थापक शेख मोहम्मद अली हजी ईरान...